पटना: राजधानी पटना में आज गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर गुरु का गुणगान किया जा रहा है. पटना में पंडित डॉक्टर श्रीपति त्रिपाठी के द्वारा गुरु पूर्णिमा समारोह का आयोजन किया गया. यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गुरु पूजन किया और आशीर्वाद लिया. सनातन संस्कृति में गुरु पूर्णिमा का काफी महत्व है. सैकड़ों लोगों ने शामिल होकर पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की. इस मौके पर सुंदरकांड पाठ और भंडारा का भी आयोजन किया गया.
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'जीवन में एक गुरु का होना बहुत जरूरी': डॉक्टर श्रीपति त्रिपाठी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि गुरु पूर्णिमा का पर्व ऋषि व्यास के जन्म के उपलक्ष में मनाया जाता है. ऋषि व्यास के पुत्र पराशर ऋषि को तीनों काल की जानकारी थी, उसी को ध्यान में रखते हुए पर्व मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सभी के जीवन में एक गुरु का होना बहुत जरूरी है. अध्यात्म के लिए एक गुरु जरूरी है. इसलिए यह समारोह किया गया है.
आज के दिन पूजा का विशेष महत्व: उन्होंने कहा कि 2 अक्षरों से मिलकर बने गुरु शब्द के प्रथम अक्षर का अर्थ अंधकार होता है, जबकि दूसरे अक्षर का अर्थ उसको हटाने वाला होता है. अर्थात अंधकार को हटाकर प्रकाश की ओर ले जाने वाले को गुरु कहा जाता है. गुरु है जो अज्ञान का निराकरण करता है. अथवा गुरु वह है जो धर्म का मार्ग दिखाता है. आज के दिन पूजा का विशेष महत्व है. लोग गंगा में स्नान करते हैं. भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं और पालनहार भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी गणेश जी की पूजा अर्चना के साथ अपना व्रत करते हैं.
"हिंदू धर्म में किसी भी माह में शुक्ल पक्ष में पढ़ने वाली पूर्णिमा का बहुत महत्व होता है. पूर्णिमा के दिन चंद्र देव आकाश में पूर्व आकृति में होते हैं. सनातन धर्म में सुख और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए पूर्णिमा के दिन व्रत रखा जाता है." -पंडित डॉक्टर श्रीपति त्रिपाठी