पटना: बिहार में चुनावी बिगुल बज चुका का है. सभी राजनीतिक दल चुनाव की तैयारी में लग चुके हैं. पार्टी वर्चुअल रैली और वर्चुअल सम्मेलन के माध्यम से बैठक कर रही है. साथ ही चुनाव की रणनीति बना रही है. चुनाव में युवाओं की भूमिका भी काफी अधिक होती है. छात्र संगठनों का भी चुनाव में काफी बड़ा योगदान होता है. तमाम छात्र संगठन भी चुनाव की तैयारियों में लग चुके हैं.
छात्र संगठन आइसा के राज्य सचिव आकाश कश्यप ने बताया कि आइसा बिहार और केंद्र कि राजनीति में शुरू से ही हस्तक्षेप करता रहा है. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय छात्रों की समस्या गायब हो जाती है, किसी एक मुद्दे को प्रमुखता देकर पार्टियां चुनाव लड़ लेती हैं. छात्रों से किसी को लेना देना नहीं है. लेकिन आइसा का शुरू से ही कहता रहा है कि 'लड़ो पढ़ाई करने को, पढ़ो समाज बदलने को'.
'चुनाव में शिक्षा और रोजगार हो मुद्दा'
आकाश कश्यप ने बताया कि इस साल चुनाव का मुख्य मुद्दा शिक्षा और रोजगार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आइसा भाकपा माले का ही छात्र विंग है और वाम एकता का पक्षधर है. लेकिन भाजपा के छात्र विरोधी नीति के खिलाफ जो भी भाजपा को हराने के लिए लड़ेंगे, आइसा उनके साथ गठजोड़ करके उनका साथ देगा.
'बिहार में बेहतर हो शिक्षा'
वही, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता वरुण ने कहा कि एबीवीपी एक छात्र इकाई है, जो सिर्फ छात्रों के लिए कार्य करती है. उन्होंने कहा कि चुनाव में हम लोगों को जागरूक करते हैं. ताकि अधिक से अधिक लोग वोट कर सकें. छात्र नेता ने कहा कि किसी खास व्यक्ति या पार्टी के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्य नहीं करती है. हमारा भी मुद्दा बिहार में शिक्षा और रोजगार है.
AISF छात्र नेता दी जानकारी
इसके अलावा छात्र संगठन एआईएसएफ का कहना है कि हमारा समर्थन उन्हें होगा जो छात्रों की समस्याओं के लिए लड़ते हैं और लड़ेंगे. साथ ही जो रोजगार और बेहतर शिक्षा व्यवस्था को बदलेंगे उन्हें हमारी विंग मदद करेगी. लेकिन चुनाव के समय छात्रों का मुद्दा सब खत्म हो जाता है.