पटना: बिहार विधानसभा में 243 में से इस बार 105 नए विधायक चुनकर आए हैं. उसमें कई युवा चेहरे हैं, जो सदन की कार्यवाही में दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. पार्टियों को भी लगता है कि युवा विधायकों में काफी दम है. बजट सत्र में चर्चा के दौरान प्रमुखता से नए विधायकों को मौका दे रहे हैं. युवा विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं को भी मजबूती से उठा रहे हैं और सरकार से सही जवाब लेने की कोशिश भी कर रहे हैं.
विधानसभा में 105 नए विधायक
विधानसभा में सभी दलों में बड़ी संख्या में नए विधायक चुनकर आए हैं. आरजेडी की ही बात करें तो आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद, संगीता कुमारी, जदयू की शालिनी मिश्रा और माले की बात करें तो संदीप कुमार और कई विधायक हैं, जो सवालों के साथ चर्चा में भी अपनी अलग पहचान बना रहे हैं.
''सीखने का बहुत ही अच्छा अवसर मिला है. इस बार पार्टी की तरफ से भी बोलने का मौका दिया जा रहा है''- चेतन आनंद, आरजेडी विधायक
''सीखने का मौका तो मिल रहा है, लेकिन सरकार जिस प्रकार से जवाब दे रही है, वो गोल मोल जवाब हैं''- संदीप कुमार, माले विधायक
नए विधायकों से बहुत उम्मीद
आरजेडी और बीजेपी के विधायकों का कहना है कि नए विधायकों से बहुत उम्मीद है. काफी ऊर्जा भी देखने को मिल रही है और आने वाले कई सालों तक बिहार की राजनीति को दिशा भी दे सकते हैं. बजट भाषण में भी पार्टी नए विधायकों को मौका दे रही है और सरकार की तरफ से जब मंत्री जवाब देते हैं, तो नए विधायकों की तारीफ भी कर रहे हैं.
बेरोकटोक चल रही सदन की कार्यवाही
कई वर्षों के बाद बिहार विधानसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही बेरोकटोक चल रही है. शून्यकाल और ध्यानाकर्षण भी चल रहा है और विभागीय बजट पर चर्चा भी हो रही है. विपक्षी सदस्य सरकार के उत्तर पर जरूर घेरने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन 13 दिन सदन की कार्यवाही चली है. सदन की कार्यवाही एक दिन भी स्थगित नहीं हुई है. 105 नए विधायकों को सीखने का बेहतर मौका मिल रहा है. नए विधायक कार्यवाही से बहुत कुछ सीख रहे हैं.