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तो क्या भाई तेजस्वी के साथ दूरियां मिटाने के लिए मां राबड़ी के बंगले में शिफ्ट हुए तेजप्रताप!

2 साल से अधिक समय तक 'एकांतवास' में रहने के बाद आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव (RJD Leader Tej Pratap Yadav) अब अपनी सियासी यात्रा 10 सर्कुलर रोड से आगे बढ़ाएंगे. माना जाता है कि वे अब राबड़ी आवास में रहकर उन तमाम लोगों पर नजर रखेंगे, जिसके बारे में उनको लगता कि उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं. वहीं, इसे लालू फैमिली की उस रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है, जिसमें परिवार को उम्मीद है कि साथ रहेंगे तो दोनों भाईयों के बीच की दूरियां मिट सकेंगी. पढ़ें खास रिपोर्ट...

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Published : Apr 27, 2022, 10:26 PM IST

तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच मतभेद
तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच मतभेद

पटना: आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव (RJD Leader Tej Pratap Yadav) मंगलवार की रात अचानक अपनी मां और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी (Former CM Rabri Devi) के 10 सर्कुलर रोड वाले आवास में हो गए. पिछले कुछ समय से पार्टी और परिवार से अलग-थलग रहने वाले तेजप्रताप इस फैसले को उनकी नई रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. उनके करीबियों का मानना है कि उनके खिलाफ सभी तरह की साजिश राबड़ी आवास से ही रची जा रही हैं. इसीलिए वे अपने विरोधियों की साजिश को नाकाम करने के लिए अब इसी आवास में रहने आ गए हैं.

ये भी पढ़ें- अपना सरकारी घर छोड़ अचानक राबड़ी आवास में शिफ्ट हुए तेज प्रताप.. जानें क्यों हुआ ऐसा

तेजप्रताप को 2 एम स्टैंड रोड का बंगला अलॉट: दरअसल तेजप्रताप को आशियाना इको पार्क से सटे 2-एम स्टैंड रोड बंगला 2018 में एलॉट किया गया था. तब तेजप्रताप को विधायक होने के नाते विधानसभा पुल में फ्लैट मिल रहा था, जिसे लेने के लिए तेजप्रताप तैयार नहीं हुए थे. चर्चा यह भी थी कि इस बंगले को लेकर तब तेजप्रताप ने मुख्यमंत्नी नीतीश कुमार से भी बातचीत की थी. जिसके बाद इको पार्क से सटा 2 एम स्टैंड रोड का बंगला तेजप्रताप को अलॉट किया गया था. चूंकि यह बंगला केंद्रीय पूल के तहत था. नियमानुसार केंद्रीय पूल से केवल अधिकारियों और मंत्रियों को ही बंगला मिलता है. इसलिए भवन निर्माण विभाग ने विशेष परिस्थिति में 2-एम स्टैंड रोड को विधानसभा पुल में हस्तांतरित कर दिया.

तेजस्वी के करीबियों पर हमला: 2 साल पहले जब तेजप्रताप यादव राबड़ी आवास से बाहर निकले थे, तब वजह पत्नी ऐश्वर्य राय था लेकिन इस दो सालों में वे लगातार तेजस्वी यादव के करीबियों पर हमलावर रहे हैं. जगदानंद सिंह, सुनील सिंह और संजय यादव तक पर उन्होंने कई बार आक्षेप लगा चुके हैं. अभी हाल में ही उन्होंने एमएलसी इंजीनियर सौरभ कुमार पर गंभीर लगाया था. जबकि एमएलसी कैंडिडेट रहे अनिल सम्राट और युवा आरजेडी महानगर अध्यक्ष रामराज यादव के साथ मारपीट का आरोप लगा है.

आरजेडी में मारपीट की संस्कृति: वहीं, बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद कहते हैं कि आरजेडी नीति और सिद्धांतों पर चलने वाली पार्टी नहीं है. वहां कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट होना आम बात है. उन्होंने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है, जब राष्ट्रीय जनता दल में कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की घटना हुई हो. पहले भी सनोज यादव के साथ मारपीट की घटना हुई थी. राष्ट्रीय जनता दल अपने परिवार को बचाने के लिए किसी की भी बलि चढ़ा सकता है.

अब तेजस्वी करेंगे शिफ्ट?: वहीं, तेजप्रताप यादव के राबड़ी देवी के बंगले में शिफ्ट होने के बाद बिहार के राजनैतिक गलियारे में अब यह बात भी तैर रही है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) अपने आवंटित बंगले पोलो रोड में शिफ्ट हो सकते हैं. यह बंगला तेजस्वी को नेता प्रतिपक्ष होने के नाते मिला हुआ है. मिल रही जानकारी के अनुसार पिछले दिनों आरजेडी के युवा विंग के महानगर अध्यक्ष रामराज यादव की पिटाई प्रकरण के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तेजप्रताप यादव से दूरी बना ली है. पिटाई प्रकरण में तेजप्रताप का नाम आने से पार्टी और परिवार की जो किरिकरी हुई है, उसे लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव नाराज हैं. ऐसी खबरें है कि अगले कुछ दिनों में तेजस्वी यादव अपने सरकारी आवास में शिफ्ट कर जाएं. चर्चा तो यहां तक है कि तेजप्रताप के राबड़ी आवास में शिफ्ट होने के बाद तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव फिलहाल पोलो रोड आवास में शिफ्ट भी हो चुके हैं.

अपना कद बढ़ाना चाहते हैं तेजप्रताप: वरिष्ठ पत्रकार संजय उपाध्याय कहते हैं कि असल में जो भी वैसे नेता तेजस्वी यादव के करीब हैं, उनसे तेजप्रताप को खुन्नस है. तेजप्रताप की महत्वाकांक्षा है कि पार्टी में उनका कद बढ़े. लालू प्रसाद के बेटे होने के बावजूद कोई उनको पार्टी में सीरियसली नहीं लेता है. अभी हाल में उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने की बात कही थी. मुमकिन है कि यह राजनैतिक स्टंट हो सकता है, क्योंकि इससे पहले भी उन्होंने अलग संगठन बनाने का ऐलान किया था. वह अलग शक्ति का उभार चाह रहे थे, जिसका परिणाम है कि अब जनता दरबार लगाने की बात हो रही है. ऐसी हालात में लालू प्रसाद के आवास पर दो राजनैतिक शक्तियां उभर जाएंगी. पिछले दो चुनाव में उन्होंने पार्टी को डैमेज भी किया.

ये भी पढ़ें: तेजप्रताप के खिलाफ एक्शन नहीं लेंगे जगदानंद, कहा- 'चाहकर भी कार्रवाई नहीं कर सकता, क्योंकि...'

मां राबड़ी सब ठीक कर देंगी: जानकारों की मानें तो दिन में तेजप्रताप के संगठन छात्र जनशक्ति परिषद की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस और अचानक रात में अपनी मां के बंगले में शिफ्ट होना साधारण घटनाक्रम नहीं है. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रवि उपाध्याय कहते हैं कि पूर्व सीएम राबड़ी देवी के बंगले में पहले भी तेज प्रताप और तेजस्वी साथ रहा करते थे. वह कहते हैं कि पिछले कुछ दिनों में आरजेडी परिवार में जो घटनाएं घटी हैं, मेरी समझ से उनके डैमेज कंट्रोल के लिए अपनी मां के साथ हैं. मेरा मानना है कि तेजप्रताप के वहां जाने से हालात पर बहुत कुछ नियंत्रण भी हो सकता है.

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पटना: आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव (RJD Leader Tej Pratap Yadav) मंगलवार की रात अचानक अपनी मां और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी (Former CM Rabri Devi) के 10 सर्कुलर रोड वाले आवास में हो गए. पिछले कुछ समय से पार्टी और परिवार से अलग-थलग रहने वाले तेजप्रताप इस फैसले को उनकी नई रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. उनके करीबियों का मानना है कि उनके खिलाफ सभी तरह की साजिश राबड़ी आवास से ही रची जा रही हैं. इसीलिए वे अपने विरोधियों की साजिश को नाकाम करने के लिए अब इसी आवास में रहने आ गए हैं.

ये भी पढ़ें- अपना सरकारी घर छोड़ अचानक राबड़ी आवास में शिफ्ट हुए तेज प्रताप.. जानें क्यों हुआ ऐसा

तेजप्रताप को 2 एम स्टैंड रोड का बंगला अलॉट: दरअसल तेजप्रताप को आशियाना इको पार्क से सटे 2-एम स्टैंड रोड बंगला 2018 में एलॉट किया गया था. तब तेजप्रताप को विधायक होने के नाते विधानसभा पुल में फ्लैट मिल रहा था, जिसे लेने के लिए तेजप्रताप तैयार नहीं हुए थे. चर्चा यह भी थी कि इस बंगले को लेकर तब तेजप्रताप ने मुख्यमंत्नी नीतीश कुमार से भी बातचीत की थी. जिसके बाद इको पार्क से सटा 2 एम स्टैंड रोड का बंगला तेजप्रताप को अलॉट किया गया था. चूंकि यह बंगला केंद्रीय पूल के तहत था. नियमानुसार केंद्रीय पूल से केवल अधिकारियों और मंत्रियों को ही बंगला मिलता है. इसलिए भवन निर्माण विभाग ने विशेष परिस्थिति में 2-एम स्टैंड रोड को विधानसभा पुल में हस्तांतरित कर दिया.

तेजस्वी के करीबियों पर हमला: 2 साल पहले जब तेजप्रताप यादव राबड़ी आवास से बाहर निकले थे, तब वजह पत्नी ऐश्वर्य राय था लेकिन इस दो सालों में वे लगातार तेजस्वी यादव के करीबियों पर हमलावर रहे हैं. जगदानंद सिंह, सुनील सिंह और संजय यादव तक पर उन्होंने कई बार आक्षेप लगा चुके हैं. अभी हाल में ही उन्होंने एमएलसी इंजीनियर सौरभ कुमार पर गंभीर लगाया था. जबकि एमएलसी कैंडिडेट रहे अनिल सम्राट और युवा आरजेडी महानगर अध्यक्ष रामराज यादव के साथ मारपीट का आरोप लगा है.

आरजेडी में मारपीट की संस्कृति: वहीं, बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद कहते हैं कि आरजेडी नीति और सिद्धांतों पर चलने वाली पार्टी नहीं है. वहां कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट होना आम बात है. उन्होंने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है, जब राष्ट्रीय जनता दल में कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की घटना हुई हो. पहले भी सनोज यादव के साथ मारपीट की घटना हुई थी. राष्ट्रीय जनता दल अपने परिवार को बचाने के लिए किसी की भी बलि चढ़ा सकता है.

अब तेजस्वी करेंगे शिफ्ट?: वहीं, तेजप्रताप यादव के राबड़ी देवी के बंगले में शिफ्ट होने के बाद बिहार के राजनैतिक गलियारे में अब यह बात भी तैर रही है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) अपने आवंटित बंगले पोलो रोड में शिफ्ट हो सकते हैं. यह बंगला तेजस्वी को नेता प्रतिपक्ष होने के नाते मिला हुआ है. मिल रही जानकारी के अनुसार पिछले दिनों आरजेडी के युवा विंग के महानगर अध्यक्ष रामराज यादव की पिटाई प्रकरण के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तेजप्रताप यादव से दूरी बना ली है. पिटाई प्रकरण में तेजप्रताप का नाम आने से पार्टी और परिवार की जो किरिकरी हुई है, उसे लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव नाराज हैं. ऐसी खबरें है कि अगले कुछ दिनों में तेजस्वी यादव अपने सरकारी आवास में शिफ्ट कर जाएं. चर्चा तो यहां तक है कि तेजप्रताप के राबड़ी आवास में शिफ्ट होने के बाद तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव फिलहाल पोलो रोड आवास में शिफ्ट भी हो चुके हैं.

अपना कद बढ़ाना चाहते हैं तेजप्रताप: वरिष्ठ पत्रकार संजय उपाध्याय कहते हैं कि असल में जो भी वैसे नेता तेजस्वी यादव के करीब हैं, उनसे तेजप्रताप को खुन्नस है. तेजप्रताप की महत्वाकांक्षा है कि पार्टी में उनका कद बढ़े. लालू प्रसाद के बेटे होने के बावजूद कोई उनको पार्टी में सीरियसली नहीं लेता है. अभी हाल में उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने की बात कही थी. मुमकिन है कि यह राजनैतिक स्टंट हो सकता है, क्योंकि इससे पहले भी उन्होंने अलग संगठन बनाने का ऐलान किया था. वह अलग शक्ति का उभार चाह रहे थे, जिसका परिणाम है कि अब जनता दरबार लगाने की बात हो रही है. ऐसी हालात में लालू प्रसाद के आवास पर दो राजनैतिक शक्तियां उभर जाएंगी. पिछले दो चुनाव में उन्होंने पार्टी को डैमेज भी किया.

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मां राबड़ी सब ठीक कर देंगी: जानकारों की मानें तो दिन में तेजप्रताप के संगठन छात्र जनशक्ति परिषद की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस और अचानक रात में अपनी मां के बंगले में शिफ्ट होना साधारण घटनाक्रम नहीं है. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रवि उपाध्याय कहते हैं कि पूर्व सीएम राबड़ी देवी के बंगले में पहले भी तेज प्रताप और तेजस्वी साथ रहा करते थे. वह कहते हैं कि पिछले कुछ दिनों में आरजेडी परिवार में जो घटनाएं घटी हैं, मेरी समझ से उनके डैमेज कंट्रोल के लिए अपनी मां के साथ हैं. मेरा मानना है कि तेजप्रताप के वहां जाने से हालात पर बहुत कुछ नियंत्रण भी हो सकता है.

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