पटना: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2022 का रिजल्ट बुधवार को जारी कर दिया है. परीक्षा में वाणिज्य संकाय से पटना के इंद्रपुरी में रहने वाले अंकित कुमार ने 482 अंक लाकर पूरे प्रदेश में टॉप किया (Story Of Bihar Board Intermediate Topper Ankit kumar) है. विज्ञान, वाणिज्य और कला तीनों संकाय को मिलाकर भी अंकित पूरे प्रदेश में टॉपर रहे हैं. अंकित के पिता झोपड़ी में सब्जी बेचते हैं, वहीं मां एक बुटीक में काम करती हैं.
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तीनों संकाय में लाया सबसे अधिक नंबर: परिवार में अंकित के माता-पिता के अलावा अंकित का एक छोटा भाई है. जो पांचवीं कक्षा में पढ़ता है. पूरा परिवार 10 बाई 10 के एकमात्र छोटे से कमरे में रहता है और अंकित ने इन्हीं तमाम विषम परिस्थितियों के बीच पढ़ाई कर पूरे प्रदेश में टॉप कर परिवार का मान बढ़ाया है. टॉपर अंकित ने बताया कि उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि उसने टॉप किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि वह दिन में सपने देख रहे हैं.
दो दिन पहले बुलाया गया था काउंसलिंग के लिए: अंकित कुमार ने बताया कि दो दिन पहले बिहार बोर्ड में काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था. जहां उनका हैंडराइटिंग मिलान कराया गया और कई प्रश्न पूछे गए. वहां लगभग 100 बच्चे मौजूद थे. ऐसे में उन्हें जरूर लगा कि वह टॉप हंड्रेड में हैं, लेकिन इसका विश्वास नहीं था कि वह टॉप करेंगे. अंकित ने बताया कि उन्हें इस बात का विश्वास था कि उन्हें अच्छा अंक आएंगा, क्योंकि उन्होंने पूरी मेहनत से पढ़ाई की थी और परीक्षा उनका अच्छा गया था. अंकित ने बताया कि वह इंटर में साइंस स्ट्रीम लेकर के पढ़ना चाहते थे, लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से साइंस स्ट्रीम नहीं ले पाए.
दसवीं के बाद विज्ञान संकाय से पढ़ना चाहता था अंकित: मैट्रिक परीक्षा खत्म होने के बाद 2 महीने में उन्होंने ग्यारहवीं के मैथमेटिक्स का आधा सिलेबस कंप्लीट कर लिया था. लेकिन रिजल्ट आने के बाद लोगों ने बताया कि साइंस स्ट्रीम लेकर पढ़ाई करना काफी महंगा होगा और कॉमर्स उससे किफायती है. ऐसे में उन्होंने कॉमर्स का चुनाव किया. वानिज्य संकाय के टॉपर अंकित ने बताया कि शुरूआती दो-तीन महीना उनके लिए काफी चुनौती भरा रहा और वे मानसिक रूप से काफी तनाव में रहे, लेकिन धीरे-धीरे कॉमर्स पढ़ने में उनका मन लगता गया और आज जो रिजल्ट आया है, उससे उन्हें लग रहा है कि जो हुआ अच्छे के लिए हुआ.
सिविल सर्विसेज की परीक्षा क्वालिफाई करने का है सपना: अंकित ने बताया कि वह प्रदेश के सभी छात्रों से अपील करेंगे कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं है. इसलिए कड़ी मेहनत से एकाग्रता के साथ पढ़ाई करें और टॉपर बनने का ख्याल दिमाग से निकाल दें, बस यही सोचें कि अच्छा करना है. आप अच्छा कर जाएंगे. उन्होंने बताया कि आगे वह बीकॉम करने के बाद सिविल सर्विसेज की परीक्षा क्वालीफाई कर सिविल सेवा में जाना चाहते हैं. उनका अगला लक्ष्य है कि वह सिविल सर्विसेज की परीक्षा क्वालीफाई करें.
मां सरिता देवी बुटिक में करतीं हैं काम: टॉपर अंकित की मां सरिता देवी ने कहा कि उनके पास खुशी बयां करने के शब्द ही नहीं है. वह बुटीक में काम कर रही थी. इसी दौरान लगभग साढ़े तीन बजे उनके पास फोन आया कि उनका बेटा टॉप किया है. इसके बाद उनके खुशी के आंसू रुकते नहीं रुके. उन्होंने बताया कि रिजल्ट आने के बाद शुभचिंतकों का खूब फोन आ रहा है और घर पर आकर लोग बच्चे को मिठाई खिला रहे हैं और बधाई दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनका बच्चा शुरू से ही पढ़ने में तेज था और क्लास में फर्स्ट आता था. ऐसे में उम्मीद था कि रिजल्ट अच्छा आएगा, लेकिन यह उम्मीद नहीं था कि उनका बच्चा टॉप करेगा और आज उन्हें अपने बेटे पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है.
रिजल्ट से काफी खुश हैं शिक्षक कृष्ण नंदन कुमार: अंकित के शिक्षक कृष्ण नंदन कुमार ने कहा कि अंकित जब उनके पास 11वीं कक्षा में कोचिंग में पढ़ने आया तो वह बताया कि वह साइंस पढ़ना चाहता था, लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से उसने कॉमर्स चुना है. धीरे-धीरे अंकित को कॉमर्स की पढ़ाई करने में मन लगने लगा और वह क्लास में अंकित सबसे आगे रहता था. उन्होंने बताया कि आज उनके आंखों से खुशी के आंसू रुकते नहीं रुक रहे हैं और जब से उन्होंने सुना कि अंकित ने प्रदेश भर में टॉप किया है, वे अपने सभी क्लासेज बंद कर दिए हैं, क्योंकि खुशी के मारे आंसू रुक नहीं रहे थे.
अंकित के ग्रेजुएशन का खर्च उठाएंगे शिक्षक: शिक्षक कृष्ण नंदन कुमार ने कहा कि जब वह अंकित के घर पर पहुंचे तो उन्हें एहसास हुआ कि उन्होंने इस से पढ़ाई की फीस लेकर कुछ गलती की है और उन्होंने निर्णय लिया है कि अब वह अंकित के ग्रेजुएशन के पढ़ाई की पूरी फीस और किताब की फीस वह खुद निर्वहन करेंगे. ईटीवी से बातचीत के दौरान शिक्षक काफी भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि आज उन्हें अपने छात्र पर काफी गर्व हो रहा है. बीते 13 वर्षों से वह शैक्षणिक कार्य में लगे हुए हैं और आज यह दिन आया है, जब उनका पढ़ाया हुआ छात्र पूरे प्रदेश में टॉप किया है. यह उनके लिए बेहद गौरव का क्षण है. अपनी खुशी को वह शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं.
पिता सब्जी बेचने का करते हैं काम: सब्जी दुकान पर सब्जी बेच रहे अंकित के पिता विरेंद्र साहू ने कहा कि आज उन्हें अपने बेटे पर बेहद गर्व महसूस हो रहा है. उसने प्रदेश भर में टॉप करके उनका नाम रोशन किया है. उन्होंने बताया कि दुकान पर आकर अंकित सब्जी बेचने में उनकी मदद करना चाहता है, लेकिन वह उसे कभी यह काम नहीं करने देते और जब वह कभी खाना खाने जाते हैं. तो उस समय अंकित दुकान पर आकर सब्जी बेचता है और उनके काम में उनका हाथ बढ़ाता है. उन्होंने बताया कि अंकित बचपन से ही पढ़ने में तेज था लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से उसने साइंस के बजाय कॉमर्स का चुनाव किया.
बच्चों पर पढ़ाई के लिए कभी नहीं डाला दबाव: अंकित के पिता ने बताया कि उन्होंने अपने बच्चों पर कभी पढ़ाई के लिए दबाव नहीं डाला है, बल्कि पढ़ाई के लिए सिर्फ उन्होंने प्रेरित करने का काम किया है और बच्चों से यही कहा है कि इस गरीबी से दूर जाना है तो बेहतर पढ़ाई करना ही एकमात्र विकल्प है. उन्होंने बताया कि जब उनका बेटा टॉप किया तो वह उनके दुकान पर उनसे मिलने आया और उनसे मिलकर गले लगा. जिसके बाद उनकी आंखों में भी आंसू आ गए. अंकित के पिता ने कहा कि वह चाहते हैं कि उनका बेटा अब वही पढ़ाई करे, जो वह पढ़ना चाहता है और वही बने जो वह बनना चाहता है.
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