भागलपुर: बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. त्रिनेत्रधारी महादेव की पूजा बेलपत्र के बिना अधूरी मानी जाती है. माना जाता है कि बेलपत्र में देवी लक्ष्मी का वास होता है और यह भगवान शिव को अर्पित करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. अब सुल्तानगंज के गंगा जल के साथ बेलपत्र और फूल भी देवघर में बाबा भोलेनाथ को अर्पण किए जाएंगे.
सुल्तानगंज का बेलपत्र और पुष्प भी चढ़ेगा महादेव को: दरअसल, भागलपुर जिले स्थित सुल्तानगंज उत्तरवाहिनी गंगा से जल भरकर देवघर में भगवान शिव पर जल अर्पण करने का एक अलग ही महत्व है. भागलपुर के जिलाधिकारी नवल किशोर चौधरी ने हॉर्टिकल्चर विभाग को यह निर्देश दिया है कि ऐसी व्यवस्था यहां की जाए जिससे यहां के जल के साथ-साथ यहां का ही बेलपत्र व फूल भी बाबा भोले को अर्पण हो पाए.
किसानों को होगा मुनाफा: जिलाधिकारी नवल चौधरी ने बताया कि हम लोग इस कोशिश में लगे हुए हैं कि श्रावणी मेले में रोजगार का सृजन हो. किसानों को अधिक फायदा हो. थोड़ा सा बेलपत्र व फूल की कीमत 40 रुपये हो जाती है. अगर यहां पर बेल की खेती हो तो सावन में उसके पत्ते से मुनाफा कमा पाएंगे. वहीं वैशाख के माह में बेल के फल से अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.
![अजगैबीधाम](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14-02-2025/23543416_bhagalpur3.jpg)
एक खेत में दो फसल: डीएम नवल चौधरी ने बताया कि फूल की खेती बेलपत्र के पेड़ के नीचे भी कर सकते हैं. अब आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि एक किसान इससे कितना अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. एक खेत में दो फसल और दोनों मुनाफेदार खेती हो तो किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी.
"हॉर्टिकल्चर विभाग को यह निर्देश दिया है कि ऐसी व्यवस्था यहां की जाए जिससे यहां के जल के साथ साथ यहां का ही बेलपत्र व फूल भी बाबा भोले को अर्पण हो पाए. वहीं श्रावणी मेले में रोजगार का सृजन हो जिससे किसानों को अधिक फायदा हो." -डॉ नवल किशोर चौधरी, जिलाधिकारी,भागलपुर
![भगवान शिव](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14-02-2025/23543416_bhagalpur2.jpg)
जिला प्रशासन किसानों को करेगा प्रेरित: जिलाधिकारी ने कहा कि भागलपुर प्रक्षेत्र में उद्यानिकी फसलों की अपार संभावनाएं है. इसके उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित करना होगा. यह जीवन के लिए उपयोगी और अच्छी-खासी आमदनी बढ़ाने के लिए भी है. जिन क्षेत्रों में कम उपयुक्त मिट्टी है. वहां बेहतर पैदावार के लिए मिट्टी को उर्वरक बनाने की जरूरत है.
"बेलपत्र की खेती आप आसानी से बंजर भूमि पर भी कर सकते हैं. ये कांटेदार वृक्ष है. ये कहीं भी लगाया जा सकता है. किसान बंजर भूमि का भी उपयोग कर सकते हैं. बंजर भूमि से अधिक लाभ भी कमा सकते हैं. सावन में यहां का व्यपार भी बढ़ जाएगा."-अभय कुमार, मंडल, सहायक निदेशक उद्यान, भागलपुर
![भगवान भोले नाथ](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14-02-2025/23543416_bhagalpur4.jpg)
बेल पोषक तत्वों से भरपूर फल है: उद्यान विभाग के सहायक निदेशक अभय कुमार मंडल बताते हैं कि बेल पोषक तत्वों से भरपूर एक फल है. हमारे देश में बेल फल धार्मिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है. बेल से तैयार औषधि दस्त, पेट दर्द, मरोड़ आदि के लिए प्रयोग की जाती है. यह एक कांटे वाला पेड़ है. जिसकी ऊंचाई 6-10 मीटर होती है. किसान अब इसकी खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. इसकी खेती उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तरांचल, झारखंड, मध्य प्रदेश इत्यादि में होती है.
![भागलपुर में फूल की खेती](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14-02-2025/23543416__bhagalpur1.jpg)
बेलपत्र का महत्व: बेलपत्र न केवल भगवान शिव को प्रिय है, बल्कि इसके कई औषधीय गुण भी हैं. आयुर्वेद में बेलपत्र का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है. यह पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है और पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है. बेलपत्र में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं.
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