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कुढ़नी उपचुनाव में मिली हार के बाद महागठबंधन में खींचतान शुरू, BJP ने सीएम नीतीश से मांगा इस्तीफा

Bihar Politics बिहार में कुढ़नी उपचुनाव के परिणाम के बाद सिसासी बयानबाजी तेज हो गई है. एक ओर जहां BJP नीतीश कुमार से इस्तीफा की मांग कर रही है. वहीं हम के प्रवक्ता ने कहा कि वक्त आ गया है कि हम चेत जाए. जल्द ही महागठबंधन एक कॉडिनेशन कमेटी बना लें. पढ़ें पूरी खबर...

कुढनी उपचुनाव में महागठबंधन की हार पर बयानबाजी
कुढनी उपचुनाव में महागठबंधन की हार पर बयानबाजी
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Published : Dec 9, 2022, 7:43 PM IST

पटनाः बिहार में कुढनी उपचुनाव का परिणाम आने के बाद सिसासी खिचड़ी पकनी शुरू हो गई है. उपचुनाव में जदयू को मिली करारी हार के बाद महागठबंधन के अंदर खींचतान दिखने लगा है. जहां आरजेडी के पूर्व विधायक अनिल साहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की है. तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कहा गया है. हम ने कोऑर्डिनेशन कमिटी की मांग तेज कर दी है. उपेंद्र कुशवाहा ने भी ट्वीट कर चुनाव से सीख लेने की सलाह दी थी. तो दूसरी ओर बीजेपी नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है.

यह भी पढ़ेंः कुढ़नी उपचुनाव के नतीजों से बिहार में हलचल, 2024 और 2025 में क्या होगा इसका असर..?

सचेत नहीं हुए तो मुश्किलें बढ़ेगीः राजनीतिक विश्लेषक का मानना है कि जिस प्रकार से महागठबंधन नेताओं की मांग शुरू हुई है. जल्द ही महागठबंधन के घटक दल सचेत नहीं हुए तो उनकी मुश्किलें बढ़ेगी. हालांकि जदयू के तरफ से कहा जा रहा है कि महागठबंधन में कोई खींचतान नहीं होगी. प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि अनिल सहनी जैसे नेताओं के बयान पर हम लोग ध्यान नहीं देते हैं अति पिछड़ों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जितना काम किया है उतना किसी ने नहीं किया.

कोआर्डिनेशन कमेटी बनेः हम की ओर से कोआर्डिनेशन कमेटी की मांग तेज कर दी गई है. वहीं आरजेडी के पूर्व विधायक अनिल साहनी ने नीतीश कुमार से ही इस्तीफे की मांग की है. कहा कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाए. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के तरफ से भी नैतिकता के आधार पर नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा जा रहा है. विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने भी सीएम से इस्तीफा देने की मांग की है.

"कुढ़नी में महागठबंधन की हार एक खतरनाक संदेश हैं. शहाबुद्दीन के परिवार को दरकिनार करना हमारे लिए महंगा पड़ा है. साथ ही उसी वक्त ताड़ी पर प्रतिबंध लगाया गया उसका भी खामियाजा मिला. अब वक्त आ गया है कि हम चेत जाएं. जल्द ही हम महागठबंधन के भीतर को-ऑर्डिनेशन कमेटी बना लें और तमाम गठबंधन में शामिल जो दल हैं, उनको बराबरी का हक दें. नहीं तो स्थिति और भी भयावह होगी.'' - दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

मोकामा अनंत सिंह के नाम पर मिला वोटः नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने के बाद से बिहार में 3 विधानसभा उपचुनाव हुए हैं. जिसमें 2 में महागठबंधन को हार मिली है. मोकामा विधानसभा में जीत मिली उसमें भी महागठबंधन की भूमिका कम और अनंत सिंह का प्रभाव ज्यादा रहा. महागठबंधन के तरफ से 7 दलों की ताकत होने के बावजूद भी कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव हार के बाद अब महागठबंधन के अंदर ही खींचतान शुरू हो गई है.

"बिहार के उपचुनाव में महागठबंधन पर जनता का मुहर नहीं लगा. थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो सीएम पद से इस्तीफा दे दें, इसी में भलाई है. जनता ने अब निर्णय कर लिया है, परिणाम सामने है." -विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष

"बिहार में जो शराब माफिया और बालू माफिया हैं, उनकी हार हुई है. नीतीश कुमार के जीवन में नैतिकता है तो इस्तीफा दे दें. बिहार में शबार माफिया को टिकट दिया जा रहा है इसलिए जनता ने सबक सिखाया है."- सम्राट चौधरी, नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद

पटनाः बिहार में कुढनी उपचुनाव का परिणाम आने के बाद सिसासी खिचड़ी पकनी शुरू हो गई है. उपचुनाव में जदयू को मिली करारी हार के बाद महागठबंधन के अंदर खींचतान दिखने लगा है. जहां आरजेडी के पूर्व विधायक अनिल साहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की है. तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कहा गया है. हम ने कोऑर्डिनेशन कमिटी की मांग तेज कर दी है. उपेंद्र कुशवाहा ने भी ट्वीट कर चुनाव से सीख लेने की सलाह दी थी. तो दूसरी ओर बीजेपी नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है.

यह भी पढ़ेंः कुढ़नी उपचुनाव के नतीजों से बिहार में हलचल, 2024 और 2025 में क्या होगा इसका असर..?

सचेत नहीं हुए तो मुश्किलें बढ़ेगीः राजनीतिक विश्लेषक का मानना है कि जिस प्रकार से महागठबंधन नेताओं की मांग शुरू हुई है. जल्द ही महागठबंधन के घटक दल सचेत नहीं हुए तो उनकी मुश्किलें बढ़ेगी. हालांकि जदयू के तरफ से कहा जा रहा है कि महागठबंधन में कोई खींचतान नहीं होगी. प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि अनिल सहनी जैसे नेताओं के बयान पर हम लोग ध्यान नहीं देते हैं अति पिछड़ों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जितना काम किया है उतना किसी ने नहीं किया.

कोआर्डिनेशन कमेटी बनेः हम की ओर से कोआर्डिनेशन कमेटी की मांग तेज कर दी गई है. वहीं आरजेडी के पूर्व विधायक अनिल साहनी ने नीतीश कुमार से ही इस्तीफे की मांग की है. कहा कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाए. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के तरफ से भी नैतिकता के आधार पर नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा जा रहा है. विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने भी सीएम से इस्तीफा देने की मांग की है.

"कुढ़नी में महागठबंधन की हार एक खतरनाक संदेश हैं. शहाबुद्दीन के परिवार को दरकिनार करना हमारे लिए महंगा पड़ा है. साथ ही उसी वक्त ताड़ी पर प्रतिबंध लगाया गया उसका भी खामियाजा मिला. अब वक्त आ गया है कि हम चेत जाएं. जल्द ही हम महागठबंधन के भीतर को-ऑर्डिनेशन कमेटी बना लें और तमाम गठबंधन में शामिल जो दल हैं, उनको बराबरी का हक दें. नहीं तो स्थिति और भी भयावह होगी.'' - दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

मोकामा अनंत सिंह के नाम पर मिला वोटः नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने के बाद से बिहार में 3 विधानसभा उपचुनाव हुए हैं. जिसमें 2 में महागठबंधन को हार मिली है. मोकामा विधानसभा में जीत मिली उसमें भी महागठबंधन की भूमिका कम और अनंत सिंह का प्रभाव ज्यादा रहा. महागठबंधन के तरफ से 7 दलों की ताकत होने के बावजूद भी कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव हार के बाद अब महागठबंधन के अंदर ही खींचतान शुरू हो गई है.

"बिहार के उपचुनाव में महागठबंधन पर जनता का मुहर नहीं लगा. थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो सीएम पद से इस्तीफा दे दें, इसी में भलाई है. जनता ने अब निर्णय कर लिया है, परिणाम सामने है." -विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष

"बिहार में जो शराब माफिया और बालू माफिया हैं, उनकी हार हुई है. नीतीश कुमार के जीवन में नैतिकता है तो इस्तीफा दे दें. बिहार में शबार माफिया को टिकट दिया जा रहा है इसलिए जनता ने सबक सिखाया है."- सम्राट चौधरी, नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद

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