पटना: 9 वर्ष बाद बिहार में हुए माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा को रद्द कराने के लिए एसटीईटी अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के गेट पर जमकर हंगामा किया. अभ्यर्थियों ने परीक्षा में धांधली और कदाचार का आरोप लगाते हुए एसटीईटी परीक्षा को रद्द करने की मांग की.
खुले तौर पर हुआ कदाचार
एसटीईटी अभ्यर्थी नीरज ने कहा कि परीक्षा में खुले तौर पर कदाचार हुआ है. कई जगह प्रश्न पत्र विलंब के साथ मिला. वहीं, कई जगहों पर प्रश्न पत्र का सील पहले से ही टूटा हुआ था. छात्रों ने आरोप लगाया कि परीक्षा के पूर्व सहित प्रश्न पत्र मार्केट में सोशल साइट पर सर्कुलेट हो रहा था. इस मामले में 2-4 सेंटर को रद्द किया गया. जबकि प्रश्न पत्र सुबह से ही सोशल साइट पर वायरल हो रहे थे.
विलंब से मिला था प्रश्न
मामले पर ईटीवी संवाददाता से बात करते हुए एसटीईटी अभ्यर्थी नीतू कुमारी और पूनम कुमारी ने बताया कि उनके सेंटर पर आधे घंटे लेट में कॉपी मिली और परीक्षा में प्रश्न आउट ऑफ सिलेबस था. बायोलॉजी के शिक्षक अभ्यर्थियों से फिजिक्स और केमिस्ट्री का प्रश्न पूछा गया था. सेंटर पर मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव था. सेंटर पर लाइट काफी कम थी और पूरे हॉल में मात्र एक बल्ब के सहारे रोशनी मिल रही थी. अभ्यर्थियों के विरोध-प्रदर्शन के बाद परीक्षा समिति की ओर से प्रतिनिधि ने आकर अभ्यर्थियों का आवेदन लिया और अभ्यर्थियों की मांगों के बारे में जाना.