पटनाः नया साल 2024 से पहले ही बिहार के नियोजित शिक्षकों को बड़ा तोहफा मिला. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने पर मुहर लग गई है. इससे बिहार के शिक्षक और संघ के लोगों में खुशी का माहौल है. शिक्षक संघ ने इस फैसले का स्वागत किया है. नियोजित शिक्षकों का कहना है कि लंबे समय से चल रहे संघर्ष ने रंग लाया. साल का अंत प्रदेश के 4.50 लाख नियोजित शिक्षकों के लिए शानदार रहा.
सरकार को धन्यवादः कैबिनेट से नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा की स्वीकृति तो मिल गई है, लेकिन अभी फाइनल ड्राफ्ट सामने नहीं आया है. देर शाम तक ड्राफ्ट सामने आ जाएगा कि कितने दिनों में परीक्षा होगी और कितनी बार में परीक्षा उत्तीर्ण करना होगा. कैबिनेट के इस फैसले पर बिहार विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने सरकार को धन्यवाद दिया है.
"इस फैसले से प्रदेश के 4.50 लाख नियोजित शिक्षक और उनके परिवार में खुशी का माहौल है. फाइनल ड्राफ्ट का इंतजार हो रहा है. यदि कोई छोटी-मोटी बिंदुओं पर आपत्ति होगी तो उसे भी सरकार के सामने रखा जाएगा. नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे शिक्षकों पर जो सस्पेंड करने की कार्रवाई हुई है उसे निरस्त किया जाए." -अमित विक्रम, प्रदेश अध्यक्ष, विद्यालय अध्यापक संघ
सस्पेंड हैं अमित विक्रमः अमित विक्रम ने बताया कि साल 2013 में जॉइनिंग के बाद से वे लोग लड़ाई लड़ रहे थे. लगातार हड़ताल धरना-प्रदर्शन हुए. इसी वर्ष 11 जुलाई को गर्दनीबाग में बड़े पैमाने पर धरना प्रदर्शन किया गया, जिसमें वे शामिल हुए और प्रदर्शन में शामिल होने की वजह से सस्पेंड कर दिया गया और आज तक वेतन बंद है. उन्होंने बताया कि इस फैसले से काफी खुशी मिल रही है.
परीक्षा के लिए तैयार हैं शिक्षकः उन्होंने कहा कि सरकार यदि उनकी गुणवत्ता मापना चाहती है तो वे इसके लिए तैयार हैं. कहा कि हमलोग परीक्षा देने के लिए तैयार हैं. विशिष्ट शिक्षक से सहायक शिक्षक बनने पर कहा कि विशिष्ट शिक्षक शब्द विशेष प्रकार के बच्चों को पढ़ने के लिए उपयोग में लाया जाता है. तक जो जानकारी मिल रही है, विशिष्ट शिक्षक शब्द हटा दिया गया है अब सहायक शिक्षक कहा जाएगा, जो एक एक अच्छी बात है.
ट्रांसफर की सुविधा उपलब्ध कराई जाएः बीपीएससी उत्तीर्ण्य शिक्षक और राज्य कर्मी बनने वाले नियोजित शिक्षकों के नियमावली में कोई अंतर नहीं है. उन लोगों की अभी मांग थी कि लंबे समय से जो महिलाएं और दिव्यांग शिक्षक कार्यरत हैं, उनके लिए ट्रांसफर की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. राज्य कर्मी का दर्जा मिलने पर यह सब हो पाएगा और वेतन विसंगति दूर होगी, जिससे शिक्षकों में आत्म सम्मान बढ़ेगा.
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