पटना: बचपन में आपने स्टैच्यू का खेल तो खेला होगा. जिसमें किसी को स्टैच्यू बोलने पर उस व्यक्ति को एक ही मुद्रा में खड़े रहना पड़ता था. अब इस खेल ने आर्ट का रूप धारण कर लिया है. यूरोप के देशों में इस आर्ट ने खूब प्रसिद्धी पाई है. अब यह आर्ट भारत में भी खूब फलने फूलने लगा है. इस आर्ट ने बिहार के कटिहार में रहने वाले एक युवक नयन कुमार राय (Statue Artist Nyan Kumar Rai) को काफी प्रभावित किया है. वह पिछले छह दिनों से गांधी मैदान के सभ्यता द्वार (Sabhyata Dwar at Patna) के नीचे एक ही मुद्रा में घंटों खड़ा रहकर परफॉर्म कर रहा है.
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यूट्यूब से सीखा आर्ट की बारीकियां: स्टैच्यू आर्टिस्ट नयन कुमार राय मूल रूप से कटिहार जिले का है. पिता किराना दुकान चलाकर घर का पालन पोषण करते है. आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण वह मात्र आठवीं तक ही पढ़ाई कर सका. नयन का कहना है कि उसने स्टैच्यू आर्ट की बारीकियां यूट्यूब पर गोल्डेन बॉयज के परफॉर्मेंस को देखकर सीखा है. इसके बाद वह घंटों एक ही मुद्रा में खड़े रहने की प्रैक्टिस करने लगा. जब लगा कि वे भी ऐसा कर सकता है तो नाम कमाने की चाहत मन में संजोए पटना पहुंच गया.
सुपर मार्केट में चल रही जॉब की ट्रेनिंग: नयन ने ईटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि वह काम की तलाश में पटना बीते दिनों पहुंचे और यहां उन्होंने एक सुपर मार्केट में जॉब पकड़ा है. अभी वहां ट्रेनिंग चल रहा है लेकिन जब भी उन्हें छुट्टी मिलती है, वह स्टैच्यू आर्ट को परफॉर्म करता है. नयन ने बताया कि अभी उन्हें पटना आए हुए महज 10 दिन हो रहा है. उन्हें सुपरमार्केट में काम करने वाले एक साथी ने सलाह दिया कि अपने टैलेंट को दिखाना है तो सभ्यता द्वार के पास जाकर परफॉर्म करें.
स्टैच्यू आर्टिस्ट बनने की चाहत: नयन ने बताया कि उन्हें यूनिक स्टैच्यू आर्ट बहुत पसंद है और वह इसमें नाम कमाना चाहता है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से ऑफिस में छुट्टी चल रही थी तो वह यहां प्रतिदिन आकर परफॉर्मेंस (Statue Artist Performing at Sabhyata Dwar) कर रहा है. वह एक ही पोजीशन में 1 घंटे तक बिना हिले डुले स्टैच्यू बन कर खड़ा रहता है. फिर 10 मिनट आराम करने के बाद दूसरी पोजीशन में 1 घंटे खड़ा रहता है. इस तरह दिन भर अलग-अलग पोजीशन में खड़ा रहकर लोगों का ध्यान आकर्षित करता है.
बिहार के पहले ऐसे आर्टिस्ट: नयन ने बताया कि वह बिहार के संभवतः पहले स्टेचू आर्टिस्ट है जो प्रतिदिन किसी एक जगह को चुनकर ऐसा परफॉर्म करता है. उसका कहना है कि बिहार में स्टैच्यू आर्ट के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है और वह इस क्षेत्र में देश दुनिया में एक नाम मुकाम हासिल करना चाहता है. वह स्टेच्यू आर्ट परफॉर्मेंस में पूरी दुनिया में वायरल हो जाने की चाहत रखता है, ताकि लोग उसे स्टेचू आर्टिस्ट के रूप में जाने. उसने कहा कि जब लोग सेल्फी लेने के लिए आते है तो उन्हें काफी अच्छा महसूस होता है.
लोगों से सहयोग की अपील: जब भी वह परफॉर्म करता है तो सामने एक चैरिटी बॉक्स भी रखी रहती है. जिसमें प्रतिदिन 70 से 80 रुपये का कलेक्शन हो जाता है. उन्होंने सभी से इस कला को आगे ले जाने में सहयोग की अपील की है. सभ्यता द्वार पर सुरक्षा ड्यूटी में तैनात सुरक्षा गार्ड देवीलाल ने बताया कि यह पिछले 6 दिनों से परफॉर्म कर रहा है और यहां घूमने आने वाले लोग उनके साथ आकर फोटो क्लिक कराते हैं और वीडियो बनाते हैं.
बदल रहा पटना का मिजाज: ऐतिहासिक रूप से देखे तो पटना आर्ट एंड कल्चर के क्षेत्र में बहुत बड़े सेंटर के रूप में स्थापित है. यहां पेंटिंग से लेकर के थिएटर का एक बहुत बड़ा वर्ग है. अब पटना मॉडर्न आर्ट की ओर भी अग्रसर हो चला है. स्टैच्यू आर्ट की शुरुआत इसका बेहतरीन उदाहरण है. स्टैच्यू की तरह घंटों खड़े रहने वाले नयन कुमार लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने हुए है. सभ्यता द्वार घूमने आन वाले लोगों की नजर जब उन पर पड़ती है तो वे उनके साथ फोटों खिंचाना नहीं भूलते. युवाओं के बीच इसको लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.
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