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उपचुनाव का संदेश: क्या वाकई बिहार में नीतीश का विकल्प ढूंढ रहे हैं लोग?

विशेषज्ञ डीएम दिवाकर के मुताबिक उपचुनाव के जो नतीजे आए हैं, उससे साफ हो गया है कि जनता का रुझान अब एनडीए की तरफ नहीं है. लोगों को किसी नए विकल्प की तलाश है. इसका एक ही मतलब है कि वर्तमान सरकार का जो गुड गवर्नेंस था, वह खत्म होता जा रहा है.

डीएम दिवाकर, विशेषज्ञ
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Published : Oct 26, 2019, 3:00 PM IST

पटनाः उपचुनाव के नतीजे आने के बाद एनडीए में घमासान मचा हुआ है. जिस तरह से बीजेपी एमएलसी टुन्ना पांडे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चैलेंज किया और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ओवैसी को लेकर ट्वीट किया उससे राजनीति सुगबुगाहट तेज हो गई है. हालांकि जेडीयू इन नेताओं के बयान पर कोई तवज्जो नहीं दिया है. उधर विशेषज्ञों का भी कहना है कि वर्तमान सरकार से लोगों का भरोसा खत्म हो रहा है.

एनडीए के अंदर ही घमासान
बिहार विधानसभा के 5 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे को लेकर एनडीए बैकफुट पर आ गई है. एनडीए को मात्र एक सीट पर ही संतोष करना पड़ा. दरौंदा सीट पर जेडीयू और बीजेपी के बागी नेता व्यास जी ने पार्टी छोड़ कर निर्दल प्रत्याशी बनकर जदयू को हराया है. अब एनडीए के अंदर ही घमासान मचा हुआ है. बीजेपी के एमएलसी टून्ना पांडे ने एनडीए के मुखिया नीतीश कुमार को चैलेंज देते हुए चुनाव लड़ने की नसीहत तक दे दी.

patna
अरविंद निषाद, जेडीयू प्रवक्ता

नेताओं के बयान पर तवज्जो नहीं दे रही जेडीयू
बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने भले ही किशनगंज से एआईएमआईएम उम्मीदवार के चुनाव जीतने पर ट्वीट किया हो. लेकिन इशारों ही इशारों में गिरिराज सिंह ने जेडीयू पर भी एक बार फिर तीर छोड़ा है. जिसको लेकर राजनीति घमासान मच गई है. हालांकि जेडीयू इन नेताओं के बयान को तवज्जो नहीं दे रही है. जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि जब बीजेपी के शीर्ष नेता ही नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला कर चुके हैं तो इन नेताओं का बयान का कोई औचित्य नहीं है.

'खत्म होता जा रहा गुड गवर्नेंस'
जेडीयू भले ही बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के बयान को लेकर खुश हो और क्षेत्रीय नेताओं के बयान को तवज्जो ना दें. लेकिन जिस तरह से समय-समय पर भारतीय जनता पार्टी के नेता नीतीश कुमार को लेकर बयान देते रहते हैं उससे यह साफ है की कोई बड़े नेता के ही इशारों पर इस तरह के बयान आते हैं. उधर राजनीतिक विशेषज्ञ डीएम दिवाकर ने कहा कि चुनाव के जो नतीजे आए हैं उससे साफ हो गया है कि जनता का रुझान अब एनडीए के तरफ नहीं है. लोगों को किसी नए विकल्प की तलाश है. इसका एक ही मतलब है कि वर्तमान सरकार का जो गुड गवर्नेंस था, वह खत्म होता जा रहा है.

उपचुनाव के नतीजे पर नेताओं और विशेषज्ञ का बयान

बीजेपी आला कमान ने लगाई है नीतीश के नाम पर मुहर
बहरहाल बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने भले ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगा दी हो. लेकिन प्रदेश भाजपा नेताओं के अंदर नीतीश कुमार के नाम पर अभी भी गुस्सा देखने को मिल रहा है. अब देखना है कि भारतीय जनता पार्टी अपने नेताओं को कैसे मनाती है.

पटनाः उपचुनाव के नतीजे आने के बाद एनडीए में घमासान मचा हुआ है. जिस तरह से बीजेपी एमएलसी टुन्ना पांडे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चैलेंज किया और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ओवैसी को लेकर ट्वीट किया उससे राजनीति सुगबुगाहट तेज हो गई है. हालांकि जेडीयू इन नेताओं के बयान पर कोई तवज्जो नहीं दिया है. उधर विशेषज्ञों का भी कहना है कि वर्तमान सरकार से लोगों का भरोसा खत्म हो रहा है.

एनडीए के अंदर ही घमासान
बिहार विधानसभा के 5 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे को लेकर एनडीए बैकफुट पर आ गई है. एनडीए को मात्र एक सीट पर ही संतोष करना पड़ा. दरौंदा सीट पर जेडीयू और बीजेपी के बागी नेता व्यास जी ने पार्टी छोड़ कर निर्दल प्रत्याशी बनकर जदयू को हराया है. अब एनडीए के अंदर ही घमासान मचा हुआ है. बीजेपी के एमएलसी टून्ना पांडे ने एनडीए के मुखिया नीतीश कुमार को चैलेंज देते हुए चुनाव लड़ने की नसीहत तक दे दी.

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अरविंद निषाद, जेडीयू प्रवक्ता

नेताओं के बयान पर तवज्जो नहीं दे रही जेडीयू
बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने भले ही किशनगंज से एआईएमआईएम उम्मीदवार के चुनाव जीतने पर ट्वीट किया हो. लेकिन इशारों ही इशारों में गिरिराज सिंह ने जेडीयू पर भी एक बार फिर तीर छोड़ा है. जिसको लेकर राजनीति घमासान मच गई है. हालांकि जेडीयू इन नेताओं के बयान को तवज्जो नहीं दे रही है. जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि जब बीजेपी के शीर्ष नेता ही नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला कर चुके हैं तो इन नेताओं का बयान का कोई औचित्य नहीं है.

'खत्म होता जा रहा गुड गवर्नेंस'
जेडीयू भले ही बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के बयान को लेकर खुश हो और क्षेत्रीय नेताओं के बयान को तवज्जो ना दें. लेकिन जिस तरह से समय-समय पर भारतीय जनता पार्टी के नेता नीतीश कुमार को लेकर बयान देते रहते हैं उससे यह साफ है की कोई बड़े नेता के ही इशारों पर इस तरह के बयान आते हैं. उधर राजनीतिक विशेषज्ञ डीएम दिवाकर ने कहा कि चुनाव के जो नतीजे आए हैं उससे साफ हो गया है कि जनता का रुझान अब एनडीए के तरफ नहीं है. लोगों को किसी नए विकल्प की तलाश है. इसका एक ही मतलब है कि वर्तमान सरकार का जो गुड गवर्नेंस था, वह खत्म होता जा रहा है.

उपचुनाव के नतीजे पर नेताओं और विशेषज्ञ का बयान

बीजेपी आला कमान ने लगाई है नीतीश के नाम पर मुहर
बहरहाल बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने भले ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगा दी हो. लेकिन प्रदेश भाजपा नेताओं के अंदर नीतीश कुमार के नाम पर अभी भी गुस्सा देखने को मिल रहा है. अब देखना है कि भारतीय जनता पार्टी अपने नेताओं को कैसे मनाती है.

Intro: उपचुनाव के नतीजे के बाद एनडीए में घमासान मचा हुआ है जिस तरह से बीजेपी के एमएलसी टुन्ना पांडे ने जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चैलेंज किया और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ओवैसी को लेकर ट्वीट किया जिससे राजनीति सुगबुगाहट तेज है हालांकि जदयू इन नेताओं के बयान को कोई तवज्जो नहीं दे रही है, विशेषज्ञ बोले वर्तमान सरकार से लोगों का भरोसा खत्म--


Body:पटना--- बिहार विधानसभा के 5 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे को लेकर एनडीए बैकफुट पर आ गई है एनडीए मात्र एक सीट पर ही संतोष करना पड़ा दरौंदा सीट पर जेडीयू और बीजेपी के बागी नेता व्यास जी ने पार्टी छोड़ कर निर्दल प्रत्याशी बनकर जदयू को हराया है उसी से लेकर एनडीए के अंदर ही घमासान मचा हुआ है बीजेपी के एमएलसी टून्ना पांडे ने एनडीए के मुखिया नीतीश कुमार को चैलेंज देते हुए चुनाव लड़ने की नसीहत तक दे दी उसके बाद गिरिराज सिंह ने ए आई एम आई एम ओवैसी के पार्टी के के उम्मीदवार किशनगंज से चुनाव जीतने पर ट्वीट किया हो लेकिन इशारों ही इशारों में गिरा सिंह ने जेडीयू पर भी एक बार फिर तीर छोड़ा है जिसको लेकर राजनीति घमासान मच गई है हालांकि जदयू इन नेताओं के बयान को तवज्जो नहीं दे रही है जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि जब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने ही नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला कर चुके हैं तो इन नेताओं का बयान का कोई औचित्य नहीं है इनके बयानों को पार्टी कभी सीरियस भी नहीं लेती है।

जदयू भले ही बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के बयान को लेकर खुश हो और क्षेत्रीय नेताओं के बयान नेताओं के बयान को तवज्जो ना दें लेकिन जिस तरह से समय-समय पर भारतीय जनता पार्टी के नेता नीतीश कुमार को लेकर बयान देते रहते हैं यह साफ है की कोई बड़े नेता के ही इशारों पर इस तरह के बयान आते हैं जिस तरह से पिछले दिनों गिरिराज सिंह लगातार जदयू को लेकर बाढ़ के बहाने घेरने की कोशिश करते हैं। एनडीए के अंदर जिस तरह से बयान बाजी हो रही थी और उपचुनाव के जिस तरह से नतीजे आए हैं उसको लेकर राजनीतिक विशेषज्ञ का मानना है कि एनडीए में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है राजनीति विशेषज्ञ डीएम दिवाकर ने कहा कि चुनाव के जो नतीजे आए हैं उससे साफ हो गया है कि जनता का रुझान अब एनडीए के तरफ नहीं है और किसी नए विकल्प की तलाश में है इसका एक ही मतलब है कि वर्तमान सरकार का गुड गवर्नेंस सुशासन विकास जो यूएसपी था वह खत्म होते जा रहा है अब लोगों का भरोसा है एनडीए सरकार से खत्म होते जा रहा है।

बाइट--- अरविंद निषाद जदयू प्रवक्ता

बाइट--- डीएम दिवाकर समाजिक विशेषज्ञ


Conclusion: बहरहाल बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने भले ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगा दी हो लेकिन प्रदेश भाजपा नेताओं के अंदर नीतीश कुमार के नामों से अभी भी गुस्सा रखें देखने को मिल रहा है। अब देखना है कि भारतीय जनता पार्टी अपने नेताओं को कैसे बनाती है।


ईटीवी भारत के लिए पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट
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