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'जिन्हें तेजस्वी पसंद नहीं, वो खुद निर्णय लें कि कौन सा रास्ता चुनेंगे'

नतीजों से उत्साहित आरजेडी नेता का कहना है कि अब तो उन लोगों को निर्णय लेना है कि वे कौन सा रास्ता चुनेंगे, जिन्हें तेजस्वी पसंद नहीं हैं. क्योंकि बिहार के लोगों ने यह दिखा दिया कि भावी मुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी ही उनकी पहली पसंद हैं.

आरजेडी और बीजेपी नेता
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Published : Oct 26, 2019, 8:33 AM IST

पटनाः बिहार विधानसभा उपचुनाव में जीत के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि महागठबंधन की एकता का क्या होगा. उपचुनाव से ठीक पहले जिस तरह हम प्रमुख जीतनराम मांझी और वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोला और एक-एक सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए. उससे महागठबंधन का अंतर्विरोध जग जाहिर हो गया. अब जब नतीजे आ चुके हैं तो सवाल उठ रहे हैं कि क्या मांझी और सहनी विधानसभा चुनाव में तेजस्वी का नेतृत्व स्वीकार करेंगे.

बगावत नहीं होती तो और बेहतर होता परिणाम
आरजेडी की दो सीटों पर जीत के बाद नेता तनवीर हसन ने कहा कि अगर महागठबंधन में बगावत जैसी हालत नहीं होती तो नतीजे और बेहतर होते. यानी एक तरह से यह इशारा है उन लोगों के लिए जिन्हें तेजस्वी का नेतृत्व पसंद नहीं.
नतीजों से उत्साहित आरजेडी नेता यह भी कह रहे हैं कि अब तो उन लोगों को निर्णय लेना है, कि वह कौन सा रास्ता चुनेंगे, जिन्हें तेजस्वी पसंद नहीं हैं. क्योंकि बिहार के लोगों ने यह दिखा दिया कि भावी मुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी ही उनकी पहली पसंद हैं.

बयान देते आरजेडी और बीजेपी नेता

'अब महागठबंधन में और ज्यादा होगा बिखराव'
इधर, बीजेपी नेता यह कहने से नहीं हिचक रहे कि 2 सीटों पर जीत के बाद अब तो महागठबंधन में और ज्यादा बिखराव होगा. बीजेपी नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि इस नतीजे से राष्ट्रीय जनता दल को किसी भुलावे में नहीं आना चाहिए, क्योंकि बीजेपी को कम वोट नहीं मिले. सही तरह से आंकलन करने पर यह पता चल जाएगा कि एनडीए का प्रदर्शन बेहतर रहा है.

पटनाः बिहार विधानसभा उपचुनाव में जीत के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि महागठबंधन की एकता का क्या होगा. उपचुनाव से ठीक पहले जिस तरह हम प्रमुख जीतनराम मांझी और वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोला और एक-एक सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए. उससे महागठबंधन का अंतर्विरोध जग जाहिर हो गया. अब जब नतीजे आ चुके हैं तो सवाल उठ रहे हैं कि क्या मांझी और सहनी विधानसभा चुनाव में तेजस्वी का नेतृत्व स्वीकार करेंगे.

बगावत नहीं होती तो और बेहतर होता परिणाम
आरजेडी की दो सीटों पर जीत के बाद नेता तनवीर हसन ने कहा कि अगर महागठबंधन में बगावत जैसी हालत नहीं होती तो नतीजे और बेहतर होते. यानी एक तरह से यह इशारा है उन लोगों के लिए जिन्हें तेजस्वी का नेतृत्व पसंद नहीं.
नतीजों से उत्साहित आरजेडी नेता यह भी कह रहे हैं कि अब तो उन लोगों को निर्णय लेना है, कि वह कौन सा रास्ता चुनेंगे, जिन्हें तेजस्वी पसंद नहीं हैं. क्योंकि बिहार के लोगों ने यह दिखा दिया कि भावी मुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी ही उनकी पहली पसंद हैं.

बयान देते आरजेडी और बीजेपी नेता

'अब महागठबंधन में और ज्यादा होगा बिखराव'
इधर, बीजेपी नेता यह कहने से नहीं हिचक रहे कि 2 सीटों पर जीत के बाद अब तो महागठबंधन में और ज्यादा बिखराव होगा. बीजेपी नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि इस नतीजे से राष्ट्रीय जनता दल को किसी भुलावे में नहीं आना चाहिए, क्योंकि बीजेपी को कम वोट नहीं मिले. सही तरह से आंकलन करने पर यह पता चल जाएगा कि एनडीए का प्रदर्शन बेहतर रहा है.

Intro:बिहार में उपचुनाव की जीत के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि महागठबंधन की एकता का क्या होगा। उप चुनाव से ठीक पहले जिस तरह मांझी और मुकेश साहनी ने तेजस्वी के खिलाफ मोर्चा खोला और एक-एक सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए उसने महागठबंधन का अंतर्विरोध सामने ला दिया। अब जब नतीजे आ चुके हैं तो सवाल उठ रहे हैं कि क्या मांझी और मुकेश सहनी तेजस्वी का नेतृत्व स्वीकार करेंगे।


Body:नतीजों से उत्साहित राजद नेता अब यह कह रहे हैं कि यह तो उन लोगों को निर्णय लेना है जिन्हें तेजस्वी पसंद नहीं हैं क्योंकि बिहार के लोगों ने यह दिखा दिया कि भावी मुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी ही उनकी पहली पसंद हैं।
दो सीटों पर जीत के बाद राजद नेता तनवीर हसन ने कहा कि अगर महागठबंधन में बगावत जैसी हालत नहीं होती तो नतीजे और बेहतर होते। यानी एक तरह से यह इशारा है उन लोगों के लिए जिन्हें तेजस्वी का नेतृत्व पसंद नहीं कि वे अपना रास्ता खुद चुन लें।
इधर बीजेपी नेता यह कहने से नहीं हिचक रहे की 2 सीटों पर जीत के बाद अब तो महागठबंधन में और ज्यादा बिखराव तय है। वही नतीजों को लेकर बीजेपी नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि इस नतीजे से राष्ट्रीय जनता दल को किसी भुलावे में नहीं आना चाहिए क्योंकि बीजेपी को कम वोट नहीं मिले। सही तरह से आकलन करने पर यह पता चल जाएगा की एनडीए का प्रदर्शन बेहतर रहा है।


Conclusion:डॉ तनवीर हसन पूर्व सांसद
प्रेमरंजन पटेल बीजेपी नेता
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