पटना: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव के लिए ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के साथ ज्यादातर कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. वहीं, नीतीश कुमार अमित शाह से बचते दिखे. दोनों नेताओं ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान कहीं भी मंच साझा नहीं किया.
चुनाव से पहले जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक साथ दिखे थे. इन दोनों नेताओं ने सीट शेयरिंग को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी. लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान दोनों राष्ट्रीय अध्यक्षों की जुगलबंदी देखने को नहीं मिली. दोनों नेताओं ने बिहार में ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार तो किया मगर मंच शेयर नहीं किया.
राजद का हमला
नीतीश कुमार चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह से परहेज करते दिखे. दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से चुनाव प्रचार नहीं किया है. इस पर राजद ने सवाल खड़े किए हैं. राजद प्रवक्ता मनोज झा ने कहा है कि नीतीश कुमार के बाएं हाथ को ये पता नहीं होता है कि वो क्या करेगा. राजद नेता ने कहा कि नीतीश कुमार अपना घोषणा पत्र नहीं ला पाए. प्रज्ञा ठाकुर के मुद्दे पर चुप्पी से उनकी राजनीति पर सवाल खड़े हो रहे हैं. अमित शाह के साथ उन्होंने मंच इसलिए साझा नहीं किया, क्योंकि उन्हें डर था कि अमित शाह उन्हें दबा देंगे.
बीजेपी ने किया पलटवार
बीजेपी ने राजद के बयान पर पलटवार किया है. पार्टी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि महागठबंधन के लोग फोटो खिंचवाने के लिए एक मंच पर आते थे. लेकिन हम लोग संयुक्त तौर पर चुनाव प्रचार कर रहे थे. नीतीश जी और अमित शाह दोनों एक दूसरे के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे. महागठबंधन पर सवाल करते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि उनके गठबंधन के नेता ही शुरुआती दौर से मंच साझा करने से बच रहे थे, जब मीडिया में सवाल खड़े हुए तो फोटो खिंचवाने के लिए एक मंच पर आए.