पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के खिलाफ राजधानी के पाटलिपुत्र कॉलोनी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. पीके के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के बाद से बिहार में सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी और जेडीयू जहां गेंद कानून के पाले में डाल रहे हैं. वहीं, आरजेडी वेट एंड वॉच की स्थिति में नजर आ रही है.
कानून अपना काम करेगा- जेडीयू
प्रशांत किशोर पर दर्ज केस को लेकर बिहार विधानसभा में भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. जेडीयू नेताओं ने जहां अभी चुप्पी साध रखी है. वहीं, बीजेपी का कहना है कि कानून अपना काम करेगा. जेडीयू कोटे के मंत्री श्याम रजक ने कहा है कि प्रशांत किशोर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ है, इस बाबत विशेष जानकारी मेरे पास नहीं है. चूंकि मामला पुलिस के हाथ में है और पुलिस के आला अधिकारी इस पर कुछ बता पाएंगे.
'गलत नहीं किया तो डरने की जरूरत नहीं'
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि पुलिस जांच-पड़ताल कर ही कार्रवाई करती है. अभी एफआईआर दर्ज किया गया है आरोप साबित होने पर कार्रवाई होगी. इसलिए अगर किसी ने कुछ गलत नहीं किया है तो उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. वहीं, बीजेपी कोटे से श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा ने कहा है कि सरकार न किसी को फंसाती हैं न किसी को बचाती है. जो गलत करेंगे उन पर कार्रवाई होगी.
'हर राजनीतिक पार्टी से है पीके का संबंध'
आरजेडी पार्टी प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि प्रशांत किशोर पहले राजनीति में नहीं थे, अब उन्होंने राजनीति में दिलचस्पी लेना शुरू किया है. उनका संबंध हर राजनीतिक दल से रहा है. जहां तक सवाल एफआईआर का तो धीरे-धीरे असल कारणों का खुलासा होगा.
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मोतिहारी के युवक ने प्रशांत किशोर पर किया केस
बता दें कि मोतिहारी के युवक शाश्वत गौतम ने पीके के खिलाफ जालसाजी से जुड़ी शिकायत पाटलिपुत्र थाने में दर्ज करवाई है. प्रशांत किशोर पर आरोप है कि उन्होंने अपने अभियान 'बात बिहार की' के लिए शाश्वत के कांटेक्ट की नकल की है. दर्ज शिकायत में शाश्वत गौतम ने आरोप लगाया है कि वह बिहार की बात नाम के एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे. जल्दी उस प्रोजेक्ट को लांच करने की तैयारी थी, लेकिन उसे पहले ही उनके इस कांटेक्ट को प्रशांत किशोर ने चुराकर लांच कर दिया.