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बोले PMCH के नए अधीक्षक- गरीबों को मिलेगा बेहतर इलाज, कमियों को दूर करना होगी प्राथमिकता

नए प्राचार्य ने कहा कि पीएमसीएच में गरीब और लाचार मरीज आते हैं इसलिए उनकी प्राथमिकता है कि ऐसे मरीजों को हर प्रकार की चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध हो और उनको बीमारियों से मुक्त करें. उन्होंने कहा कि साथ ही उनकी कोशिश यह भी है कि किसी मरीज को दवा बाहर से न खरीदना पड़े.

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Published : Dec 14, 2019, 10:47 PM IST

प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी से खास बातचीत
प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी से खास बातचीत

पटना: पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने पीएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर राजीव रंजन के 30 नवंबर को सेवानिवृत्त होने के बाद अधीक्षक का अतिरिक्त पदभार संभाला है. पीएमसीएच के प्राचार्य के साथ-साथ अधीक्षक का भी पद संभालना उनके लिए कितना चुनौतीपूर्ण है और अब उनकी क्या प्राथमिकताएं हैं इस बारे में ईटीवी भारत ने उनकी राय जानी है.

पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने कहा कि वो अभी प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं. पीएमसीएच के अधीक्षक पिछले महीने जब सेवानिवृत्त हुए, उसके बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के निर्देशानुसार उन्होंने अधीक्षक के पद का भार भी संभाला है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल एक साथ चलता है, तो उनकी प्राथमिकता होगी कि मेडिकल कॉलेज में पठन-पाठन सही रहे. इसके साथ ही हॉस्पिटल में मरीज से जुड़े और उनके उपचार से संबंधित मामले सही से चलें इस पर जोर रहेगा.

'सभी सुविधाएं होंगी मुहैया'
उन्होंने कहा कि पीएमसीएच में गरीब और लाचार मरीज आते हैं इसलिए उनकी प्राथमिकता है कि ऐसे मरीजों को हर तरह की चिकित्सीय सुविधा मिले और उनको बीमारियों से मुक्त करें. उन्होंने कहा कि साथ ही उनकी कोशिश यह भी है कि किसी मरीज को दवा बाहर से न खरीदनी पड़े. विद्यापति चौधरी ने कहा कि हाल ही में भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना पीएमसीएच में शुरू हुई है. इसमें उनकी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों को किफायती दरों पर दवाइयां मिले और उनके चिकित्सा का खर्च कम से कम हो.

प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी से खास बातचीत

बाहर से नहीं लिखी जाएंगी दवा
पीएमसीएच में आए दिन ये शिकायत मिलती है कि डॉक्टरों की लिखी दवा अस्पताल के मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलती हैं. इस वजह से मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ती हैं. इस मसले पर विद्यापति ने कहा कि सरकारी निर्देशों के मुताबिक डॉक्टर जेनेरिक दवा ही लिखें और जेनेरिक दवा में यह होता है कि दवा वहीं होती हैं, मगर उसकी कीमत बहुत ही कम होती है. सरकार ने जोर दिया है कि डॉक्टर ब्रांडेड दवा ना लिखकर जेनेरिक दवा ही लिखें. पीएमसीएच अस्पताल प्रशासन ने भी एडवाइजरी जारी की है कि डॉक्टर वही दवा लिखें, जो अस्पताल में उपलब्ध हैं.

प्राचार्य और अधीक्षक दोनों पदों का निर्वहन करना कितना मुश्किल?
इस सवाल पर डॉ. विद्यापति चौधरी ने कहा कि अस्पताल और कॉलेज जुड़ी हुई चीज है और वह भी खुद क्लीनिकल साइड के डॉक्टर हैं. उन्होंने कहा कि वह प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष हैं. वे लगातार मरीजों से जुड़े रहते हैं और उनका इलाज करते हैं. उन्होंने कहा कि 2 पदों का पदभार संभालने से काम का दबाव थोड़ा बढ़ा जरुर है, लेकिन उनका प्रयास है कि इस मेडिकल कॉलेज की जो पुराना नाम और गरिमा रही है. उसे फिर से स्थापित करें.

पटना: पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने पीएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर राजीव रंजन के 30 नवंबर को सेवानिवृत्त होने के बाद अधीक्षक का अतिरिक्त पदभार संभाला है. पीएमसीएच के प्राचार्य के साथ-साथ अधीक्षक का भी पद संभालना उनके लिए कितना चुनौतीपूर्ण है और अब उनकी क्या प्राथमिकताएं हैं इस बारे में ईटीवी भारत ने उनकी राय जानी है.

पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने कहा कि वो अभी प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं. पीएमसीएच के अधीक्षक पिछले महीने जब सेवानिवृत्त हुए, उसके बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के निर्देशानुसार उन्होंने अधीक्षक के पद का भार भी संभाला है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल एक साथ चलता है, तो उनकी प्राथमिकता होगी कि मेडिकल कॉलेज में पठन-पाठन सही रहे. इसके साथ ही हॉस्पिटल में मरीज से जुड़े और उनके उपचार से संबंधित मामले सही से चलें इस पर जोर रहेगा.

'सभी सुविधाएं होंगी मुहैया'
उन्होंने कहा कि पीएमसीएच में गरीब और लाचार मरीज आते हैं इसलिए उनकी प्राथमिकता है कि ऐसे मरीजों को हर तरह की चिकित्सीय सुविधा मिले और उनको बीमारियों से मुक्त करें. उन्होंने कहा कि साथ ही उनकी कोशिश यह भी है कि किसी मरीज को दवा बाहर से न खरीदनी पड़े. विद्यापति चौधरी ने कहा कि हाल ही में भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना पीएमसीएच में शुरू हुई है. इसमें उनकी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों को किफायती दरों पर दवाइयां मिले और उनके चिकित्सा का खर्च कम से कम हो.

प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी से खास बातचीत

बाहर से नहीं लिखी जाएंगी दवा
पीएमसीएच में आए दिन ये शिकायत मिलती है कि डॉक्टरों की लिखी दवा अस्पताल के मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलती हैं. इस वजह से मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ती हैं. इस मसले पर विद्यापति ने कहा कि सरकारी निर्देशों के मुताबिक डॉक्टर जेनेरिक दवा ही लिखें और जेनेरिक दवा में यह होता है कि दवा वहीं होती हैं, मगर उसकी कीमत बहुत ही कम होती है. सरकार ने जोर दिया है कि डॉक्टर ब्रांडेड दवा ना लिखकर जेनेरिक दवा ही लिखें. पीएमसीएच अस्पताल प्रशासन ने भी एडवाइजरी जारी की है कि डॉक्टर वही दवा लिखें, जो अस्पताल में उपलब्ध हैं.

प्राचार्य और अधीक्षक दोनों पदों का निर्वहन करना कितना मुश्किल?
इस सवाल पर डॉ. विद्यापति चौधरी ने कहा कि अस्पताल और कॉलेज जुड़ी हुई चीज है और वह भी खुद क्लीनिकल साइड के डॉक्टर हैं. उन्होंने कहा कि वह प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष हैं. वे लगातार मरीजों से जुड़े रहते हैं और उनका इलाज करते हैं. उन्होंने कहा कि 2 पदों का पदभार संभालने से काम का दबाव थोड़ा बढ़ा जरुर है, लेकिन उनका प्रयास है कि इस मेडिकल कॉलेज की जो पुराना नाम और गरिमा रही है. उसे फिर से स्थापित करें.

Intro:पटना मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर विद्यापति चौधरी ने पीएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर राजीव रंजन के 30 नवंबर को सेवानिवृत्त होने के बाद अधीक्षक का अतिरिक्त पदभार संभाला है. पीएमसीएच के प्राचार्य के साथ-साथ अधीक्षक का भी पद संभालना उनके लिए कितना चुनौतीपूर्ण है और अब उनकी क्या प्राथमिकताएं हैं इस बारे में उनकी राय जानी ईटीवी संवाददाता कृष्णनंदन ने


Body:पीएमसीएच के प्राचार्य डॉक्टर विद्यापति चौधरी ने कहा कि वह अभी प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं और पीएमसीएच के अधीक्षक पिछले महीने जब सेवानिवृत्त हुए उसके बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के निर्देशानुसार उन्होंने अधीक्षक के पद का पदभार भी संभाला है. उन्होंने कहा कि चुकी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल एक साथ चलता है तो उनकी प्राथमिकता होगी कि मेडिकल कॉलेज में पठन-पाठन सही रहे इसके साथ ही हॉस्पिटल में मरीज से जुरा उनका उपचार से संबंधित मामला है. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच में गरीब और लाचार मरीज आते हैं इसलिए उनकी प्राथमिकता है कि ऐसे मरीजों को हर प्रकार की चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध हो और उनको बीमारियों से मुक्त करें. उन्होंने कहा कि साथ ही उनकी कोशिश यह भी है कि किसी मरीज को दवा बाहर से ना खरीदना पड़े. उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत सरकार का जो आयुष्मान भारत योजना पीएमसीएच में शुरू हुआ है इसमें उनका प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों को किफायती दरों पर दवाइयां मिले और उनके चिकित्सा का व्यय कम से कम हो.


Conclusion:पीएमसीएच में आए दिन या शिकायत मिलती है कि डॉक्टरों का लिखा दवा अस्पताल में मौजूद मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलते हैं और मरीज को बाहर से दवा खरीदना पड़ता है. इस मसले पर डॉक्टर विद्यापति चौधरी ने कहा कि सरकार की तरफ से निर्देश है कि डॉक्टर जेनेरिक दवा ही लिखें और जेनेरिक दवा में यह होता है कि दवा वही होती है मगर उसका दाम बहुत ही कम होता है. सरकार ने जोर दिया है कि डॉक्टर ब्रांडेड दवा ना लिखकर जेनेरिक दवा ही लिखें और पीएमसीएच अस्पताल प्रशासन ने भी एडवाइजरी जारी की है कि डॉक्टर वही दवा लिखे जो अस्पताल में उपलब्ध है और डॉक्टर जेनेरिक दवा ही लिखें.

पीएमसीएच के प्राचार्य और अधीक्षक दोनों पदों का निर्वहन करना कितना मुश्किल हो रहा है इस सवाल पर डॉ विद्यापति चौधरी ने कहा कि अस्पताल और कॉलेज जुड़ा हुआ चीज है और वह भी खुद क्लीनिकल साइड के डॉक्टर हैं. उन्होंने कहा कि वह प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष हैं और वह लगातार मरीजों से जुड़े रहते हैं और उनका इलाज करते हैं. उन्होंने कहा कि 2 पदों का पदभार संभालने से थोड़ी भाड़ बढ़ी है मगर उनका प्रयास है कि इस मेडिकल कॉलेज का जो पुराना नाम और गरिमा रही है उसको यथासंभव फिर से स्थापित करें.
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