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'शिक्षकों के मुद्दे पर टाइम पास करती है सरकार, शिक्षा मंत्री को विभाग देता है पढ़ा'

मदन मोहन झा ने कहा कि शिक्षा मंत्री से पिछले 6 सालों से रटा-रटाया जवाब ही मिलता आ रहा है. बेचारे, वो भी क्या करें. जो विभाग उन्हें पढ़ाता है, वो पढ़कर चले आते हैं.

मदन मोहन झा
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Published : Jul 26, 2019, 6:27 PM IST

पटना: बिहार विधान परिषद के मानसून सत्र के आखिरी दिन विपक्ष ने जमकर हंगामा काटा. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा कि विधानसभा मे सबसे ज्यादा मसले शिक्षकों के रहते हैं. शिक्षकों की समस्या पर सबसे ज्यादा सवाल किए जाते हैं. वहीं, टाइम पास कर इनके मुद्दे को टालमटोल कर दिया जाता है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सबसे ज्यादा प्रश्न, ध्यानाकर्षण या जीरो ऑवर में सबसे ज्यादा शिक्षकों की समस्या रहती है. लेकिन सरकार की टालमटोल की नीति रहती है. उन्होंने कहा कि चाहे वित्त रहित, नियोजित शिक्षक, संस्कृति और मदरसा सभी मामले में सरकार टाल मटोल करती है. सरकार किसी तरह से टाइम पास करने का उद्देश्य रखती है.

डॉ. मदन मोहन झा

इन मुद्दों पर हमारा प्रयास रहा- मदन मोहन झा
डॉ. मदन मोहन झा ने कहा कि इस बार के मानसून सत्र में हमने शिक्षकों के मुद्दों पर आवाज उठाई. सदन में माननीय सदस्यों ने शिक्षकों की समस्या ने दल से ऊपर उठकर उठाने का प्रयास किया. उसमें सरकार की नीति टालमटोल की रही.

‘शिक्षा मंत्री को पढ़कर चले आते हैं’
शिक्षकों के मुद्दों पर शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने सही से जवाब नहीं दिया. इस पर मदन मोहन झा ने कहा कि पिछले 6 सालों से रटा-रटाया जवाब ही मिलता आ रहा है. बेचारे, वो भी क्या करें. जो विभाग उन्हें पढ़ाता है, वो पढ़कर चले आते हैं.

पटना: बिहार विधान परिषद के मानसून सत्र के आखिरी दिन विपक्ष ने जमकर हंगामा काटा. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा कि विधानसभा मे सबसे ज्यादा मसले शिक्षकों के रहते हैं. शिक्षकों की समस्या पर सबसे ज्यादा सवाल किए जाते हैं. वहीं, टाइम पास कर इनके मुद्दे को टालमटोल कर दिया जाता है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सबसे ज्यादा प्रश्न, ध्यानाकर्षण या जीरो ऑवर में सबसे ज्यादा शिक्षकों की समस्या रहती है. लेकिन सरकार की टालमटोल की नीति रहती है. उन्होंने कहा कि चाहे वित्त रहित, नियोजित शिक्षक, संस्कृति और मदरसा सभी मामले में सरकार टाल मटोल करती है. सरकार किसी तरह से टाइम पास करने का उद्देश्य रखती है.

डॉ. मदन मोहन झा

इन मुद्दों पर हमारा प्रयास रहा- मदन मोहन झा
डॉ. मदन मोहन झा ने कहा कि इस बार के मानसून सत्र में हमने शिक्षकों के मुद्दों पर आवाज उठाई. सदन में माननीय सदस्यों ने शिक्षकों की समस्या ने दल से ऊपर उठकर उठाने का प्रयास किया. उसमें सरकार की नीति टालमटोल की रही.

‘शिक्षा मंत्री को पढ़कर चले आते हैं’
शिक्षकों के मुद्दों पर शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने सही से जवाब नहीं दिया. इस पर मदन मोहन झा ने कहा कि पिछले 6 सालों से रटा-रटाया जवाब ही मिलता आ रहा है. बेचारे, वो भी क्या करें. जो विभाग उन्हें पढ़ाता है, वो पढ़कर चले आते हैं.

Intro:नीतीश के मंत्रिमंडल और कांग्रेस ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि शिक्षा मंत्री को उनके अखबार पढ़ा रहे हैं।
यह बयान कांग्रेस अध्यक्ष ने शिक्षा मंत्री द्वारा सदन में दिए गए जवाब पर मदन मोहन झा ने दिया।



Body:मदन मोहन झा का कहना है कि शिक्षामंत्री राठौर का जवाब सुन के अंदर बोलते हैं। दरअसल परिसर में ज्यादातर सवाल शिक्षा विभाग से जुड़ा रहा। जिसमें वित्त रहित कॉलेज और नियोजित शिक्षक का मामला सबसे ज्यादा सुर्खियों में बना रहा।
लेकिन प्ले करो विधान परिषद के कार्रवाई से एक ही जवाब शिक्षा मंत्री के दुहराया जाता रहा है।


Conclusion:सरकार के इस रेले में कांग्रेस ने कटाक्ष करते हुए कहा कि इस बार भी सदन में सरकार के द्वारा दिए गए जवाब संतोषजनक नहीं रहे। कौशल शिक्षा मंत्री किस चंदन वर्मा पर विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष को भी सदस्य कटाक्ष करते रहे हैं कि पूरा उनकी बात ही नहीं सुनता। खासकर के शिक्षा विभाग के आला अफसर मंत्री की आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं।
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