पटनाः बिहार में एक और जहां कोरोना विस्फोट की स्थिति है वहीं दूसरी तरफ बाढ़ ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है. इन सब के बीच अधिकारियों को चुनावी कार्य में भी लगा दिया गया है. ऐसे में महागठबंधन नेताओं ने एनडीए पर चौतरफा हमला बोला है.
विपक्ष ने कहा कि एनडीए के नेताओं को आम लोगों के जानमाल की चिंता नहीं है. बिहार में कोरोना का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. आंकड़ा 27000 के पार जा चुका है. कोरोनावायरस के वजह से 220 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी है.
नियत समय पर चुनाव संभव नहीं- वीआईपी
वीआईपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मुख्य प्रवक्ता राजीव मिश्रा ने कहा है कि हम लोगों ने दिल्ली में बैठक कर अपने स्टैंड साफ कर दिए हैं. एक बूथ पर ढाई सौ लोगों की व्यवस्था अगर आयोग और सरकार कर पाती है तो सोशल डिस्टेंसिंग पालन का किया जा सकेगा. लेकिन जिस तरीके से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है और केंद्रीय टीम ने नाराजगी जाहिर की है इससे स्पष्ट है कि नियत समय पर चुनाव संपन्न कराना संभव नहीं हो पाएगा.
चुनाव की ट्रेनिंग पर रोक लगे- हम
हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि मैं चुनाव आयोग से मांग करता हूं कि अविलंब चुनाव की ट्रेनिंग को रोकिए. अधिकारियों को अस्पताल और स्वास्थ्य कार्यों में लगाया जाए. जांच की संख्या बढ़ाई जाए. तभी कोरोना पर नियंत्रण पाया जा सकेगा.
लोगों में भय का माहौल- रालोसपा
रालोसपा पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की बातचीत हुई है. दोनों नेताओं के बातचीत से लगता है कि बिहार में आपदा की स्थिति है लेकिन इनके लिए चुनाव प्राथमिकता में शामिल है. स्थिति भयावह है और लोग भयभीत है. जब लॉकडाउन में सब कुछ बंद किया जा सकता है तो चुनावी प्रक्रिया को चलाना भी जरूरी नहीं है. जब सबकुछ सामान्य हो जाए तब चुनाव की प्रक्रिया को शुरू की जाए. जरूरी नहीं है कि चुनाव समय पर होगा.
सत्ता की चिंता छोड़े सीएम- आरजेडी
आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि डबल इंजन की सरकार को आम लोगों से ज्यादा चुनाव की चिंता है. बिहार के तमाम वरीय अधिकारी चुनाव कार्यों में लग गए हैं. सरकार को कोरोना से निपटने की चिंता नहीं है. सरकार को चुनाव की चिंता है. उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि सत्ता की चिंता छोड़कर बिहार के जनता की चिंता कीजिए.