पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ती जा रही है. जहां एक ओर प्रदेश में पोस्टर पॉलिटिक्स जारी है. वहीं, दूसरी ओर आरजेडी और जेडीयू एक दूसरे को डूबता जहाज बता रहे हैं. दोनों दलों की ओर से दावा किया जा रहा है कि विपक्षी दल से नेता और कार्यकर्ता उनके दल में आने के लिए तैयार बैठे हैं.
बिहार में वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर आयोजित चूड़ा-दही के भोज में आरजेडी के विधायक फराज फातमी ने शामिल होकर हलचल बढ़ा दी थी. वहीं, दूसरी ओर जदयू विधान पार्षद जावेद इकबाल अंसारी ने लालू प्रसाद यादव से मिलकर हलचल को तेज कर दिया है. आरजेडी और जेडीयू की तरफ से एक-दूसरे को डूबता जहाज बताया जा रहा है और यह दावेदारी भी हो रही है कि सबसे अधिक लोग उनकी पार्टी में आने के लिए तैयार बैठे हैं. आरजेडी की तरफ से तो यहां तक कहा जा रहा है कि सबको पता है. इस बार तेजस्वी एक्सप्रेस ही मंजिल पर पहुंचने वाली है.
ग्रीन सिंग्नल देना है बस- नवल यादव
जदयू के नेता पहले से ही आरजेडी को डूबता जहाज बता रहे हैं. वहीं, बीजेपी के एमएलसी नवल यादव का कहना है कि हमारी ही पार्टी में सबसे अधिक लोग शामिल होने के लिए तैयार बैठे हैं, ग्रीन सिग्नल मिलते ही आना शुरू कर देंगे.
सेंधमारी में कौन होगा कामयाब?
बिहार में 24 फरवरी से बजट सत्र शुरू होने वाला है, जो 31 मार्च तक चलेगा. उसके बाद राज्यसभा और विधान परिषद के लिए चुनाव होने हैं. राजनीतिक हलकों में यह चर्चा है कि इसके बाद ही सभी दलों में उठापटक शुरू होगी. वहीं, नेताओं के पाला बदलने की शुरुआत भी हो जाएगी. ऐसे में देखना है कि कौन सा दल दूसरे दल में सबसे अधिक सेंध लगाने में कामयाब होता है?