पटना: लालू की पुस्तक गोपालगंज से रायसीना को लेकर एनडीए की तरफ से लगातार निशाना साधा जा रहा है. इस किताब पर जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किताब में भ्रष्टाचार के बारे में भी लिख देना चाहिए था.
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए जदयू प्रवक्ता ने कहा कि जब प्रशांत किशोर को लालू से मिलने भेजा गया था और दोनों की बात हो रही थी, तो क्या लेखक वहां मौजूद थे. संजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि पुस्तक में जिन शब्दों का प्रयोग किया गया है. उनका इस्तेमाल जनता राजद के लिए तब करती थी, जब 15 साल तक बिहार में इनकी सरकार थी. लोगों ने कहना शुरू कर दिया था. लोग कहते थे बंदर के हाथ में सत्ता है.
नीतीश क्यों जवाब दें
जदयू नेता ने कहा कि नीतीश कुमार क्यों जवाब देंगे, जिसको उन्होंने विधायक बनाया और वो जिस तरह की भाषा का प्रयोग करता है. उस तरह की भाषा जदयू परिवार के कल्चर में नहीं है. नीतीश कुमार इस तरह के लोगों पर ध्यान ही नहीं देते हैं.
क्यों गए जेल, ये नहीं लिखा
संजय सिंह ने आगे कहा कि अगर किताब में सब सच्चाई थी, तो जेल क्यों गए. उसके बारे में भी लिख देते. लेखक को पुस्तक में लालू प्रसाद यादव के भ्रष्टाचार के बारे में भी डिटेल से लिखना चाहिए था.पुस्तक का जो नाम दिया गया है वो भी सही नहीं है.