पटना: अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) को लेकर बिहार में सियासी गहमागहमी तेज है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के अलावे जेडीयू (JDU) भी जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा कि गठबंधन पर फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) को लेना है.
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जनता दरबार के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हमारी पार्टी की कई विंग्स है. उससे जुड़े तमाम लोगों ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान यूपी चुनाव में लड़ने की इच्छा जताई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी है कि इस पर फैसला ले. राष्ट्रीय कार्यकारिणी से जुड़े तमाम लोग देख रहे हैं कि हमें अकेले चुनाव लड़ना है या सहयोगियों के साथ गठबंधन करना है. सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है.
वहीं, उत्तर प्रदेश चुनाव में 200 सीटों पर जेडीयू के चुनाव लड़ने के सवाल पर नीतीश कुमार ने मुस्कुरा दिया. उन्होंने कहा कि अभी ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है, अभी तो सिर्फ बातें ही की गई है.
"अरे नहीं, ऐसा कुछ नहीं है. अभी तो सिर्फ ये सब बातें हुई है. राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के लोगों को विचार करना है कि अकेले लड़ना है या सहयोगियों के साथ गठबंधन करना है"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
नीतीश कुमार ने यूपी विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के सवाल पर अपने पत्ते नहीं खोले. उन्होंने कहा कि देखेंगे, अभी तो बहुत समय है. एडवांस में सब कुछ बता देना ठीक नहीं है.
आपको बताएं कि पिछले दिनों जेडीयू महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी केसी त्यागी ने कहा था कि अगर बीजेपी से गठबंधन नहीं हुआ तो जेडीयू 200 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने ये भी कहा कि सपा और बसपा से हमारे संबंध अच्छे हैं, लेकिन उनके साथ गठबंधन नहीं करेंगे. छोटे दलों के साथ गठबंधन कर आगे बढ़ सकते हैं.
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पिछली बार 2017 में जेडीयू ने आखिरी वक्त में यूपी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था, तब बिहार में नीतीश कुमार महागठबंधन का हिस्सा थे. 2012 में जेडीयू ने अकेले दम पर 220 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन एक भी सीट नहीं मिली. वहीं, 2007 में जेडीयू ने एनडीए के साथ 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से सिर्फ जौनपुर में जीत मिली.
बिहार में बीजेपी का जेडीयू से गठबंधन है, लेकिन यूपी में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. कुर्मी-कुशवाहा वैट बैंक पर जेडीयू की अच्छी पकड़ है. वहां इन जातियों की तादाद करीब 15 प्रतिशत है. पार्टी का दावा है कि नीतीश कुमार को उनका साथ जरूर मिलेगा.