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LJP में बड़ी टूट! पार्टी के पांच सांसदों ने छोड़ा चिराग पासवान का साथ

हिंदी फिल्म राजनीति की कहानी बिहार में दोहरायी गई है. चिराग पासवान को विरासत में मिली राजनीति के बाद उन्हें एक बड़ा झटका लगा है. लोजपा के पांचों सांसदों ने चिराग को बाय-बाय कहते हुए उनके चाचा पशुपति पारस को अपना नेता मान लिया है. पढ़ें पूरी खबर...

चिराग और पशुपति पारस
चिराग और पशुपति पारस
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Published : Jun 14, 2021, 7:11 AM IST

Updated : Jun 14, 2021, 8:45 AM IST

पटनाः लोजपा ( LJP ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ( Chirag paswan ) को एक बड़ा झटका लगा है. चिराग की पार्टी में बड़ी टूट हो गई है. लोजपा के पांचों सांसदों ने पशुपति कुमार पारस ( Pashupati Kumar Paras ) को अपना नेता चुन लिया है. खबर है कि रविवार देर शाम तक चली लोजपा सांसदों की बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगी. इसके बाद पांचों सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ( Lok Sabha Speaker Om Birla ) को आधिकारिक मांग पत्र भी सौंप दिया.

इन पांचों सांसदों ने छोड़ी पार्टी
लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा सिंह, चंदन सिंह और प्रिंस राज की चिराग से राहें जुदा हो गयी हैं. आज ये सांसद चुनाव आयोग को भी विधिवत इसकी जानकारी देंगे.

इसे भी पढ़ेंः HAM का चिराग पर तंज, कहा- पशुपति पारस को बनाएं राष्ट्रीय अध्यक्ष, तब ही बचेगी पार्टी

पारस को सांसदों ने क्यों चुना?
पारस लोजपा सांसदों में सबसे वरिष्ठ हैं. वे रामविलास पासवान के छोटे भाई भी हैं. 5 सांसदों के निर्णय के बाद लोजपा में बड़े घमासान की आशंका है. पहले ही लोजपा के कई नेता जदयू में शामिल हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि चिराग की ओर से मनाने का दौर भी जारी है. पार्टी में इस टूट के बाद लोजपा और कमजोर हो जाएगी. पशुपति पारस के साथ बड़ी संख्या में नेता और समर्थक भी लोजपा का दामन छोड़ सकते हैं.

केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं पशुपति पारस
केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा तेज है. बताया जा रहा है कि पारस केन्द्र में मंत्री बन सकते हैं. 2019 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने दोबारा कमान संभाली तब एक फार्मूला बना कि सहयोगी दलों को मंत्रिपरिषद में एक-एक सीट दी जाएगी. तब 16 सांसदों वाली जदयू मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं हुई. उसकी कम से कम दो सीटों की मांग थी. 6 सांसदों वाली लोजपा से रामविलास पासवान मंत्री बने. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रामविलास पासवान का निधन हो गया था.

इसे भी पढ़ेंः चिराग पर राजनीतिक विरासत बचाने की बड़ी चुनौती, पार्टी में टूट पर लगा पाएंगे लगाम?

पटनाः लोजपा ( LJP ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ( Chirag paswan ) को एक बड़ा झटका लगा है. चिराग की पार्टी में बड़ी टूट हो गई है. लोजपा के पांचों सांसदों ने पशुपति कुमार पारस ( Pashupati Kumar Paras ) को अपना नेता चुन लिया है. खबर है कि रविवार देर शाम तक चली लोजपा सांसदों की बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगी. इसके बाद पांचों सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ( Lok Sabha Speaker Om Birla ) को आधिकारिक मांग पत्र भी सौंप दिया.

इन पांचों सांसदों ने छोड़ी पार्टी
लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा सिंह, चंदन सिंह और प्रिंस राज की चिराग से राहें जुदा हो गयी हैं. आज ये सांसद चुनाव आयोग को भी विधिवत इसकी जानकारी देंगे.

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पारस को सांसदों ने क्यों चुना?
पारस लोजपा सांसदों में सबसे वरिष्ठ हैं. वे रामविलास पासवान के छोटे भाई भी हैं. 5 सांसदों के निर्णय के बाद लोजपा में बड़े घमासान की आशंका है. पहले ही लोजपा के कई नेता जदयू में शामिल हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि चिराग की ओर से मनाने का दौर भी जारी है. पार्टी में इस टूट के बाद लोजपा और कमजोर हो जाएगी. पशुपति पारस के साथ बड़ी संख्या में नेता और समर्थक भी लोजपा का दामन छोड़ सकते हैं.

केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं पशुपति पारस
केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा तेज है. बताया जा रहा है कि पारस केन्द्र में मंत्री बन सकते हैं. 2019 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने दोबारा कमान संभाली तब एक फार्मूला बना कि सहयोगी दलों को मंत्रिपरिषद में एक-एक सीट दी जाएगी. तब 16 सांसदों वाली जदयू मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं हुई. उसकी कम से कम दो सीटों की मांग थी. 6 सांसदों वाली लोजपा से रामविलास पासवान मंत्री बने. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रामविलास पासवान का निधन हो गया था.

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Last Updated : Jun 14, 2021, 8:45 AM IST
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