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Lockdown: 1248 स्टूडेंट्स को लेकर कोटा से चली स्पेशल ट्रेन, आज पहुंचेगी

कोरोना वायरस की महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्‍या में मजदूर-कामगार दूसरे राज्‍यों में फंसकर रह गए हैं. ऐसे में राज्य सरकार श्रमिकों की सुरक्षित घर वापसी कराने में जुटी है.

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Published : May 6, 2020, 7:21 AM IST

पटना: बिहार के कोचिंग स्टूडेंट्स की घर वापसी का दौर जारी है. कोटा से कटिहार, अररिया, किशनगंज और पूर्णिया के लिए रवाना हुई ट्रेन बुधवार को पहुंचेगी, जहां पर इन स्टूडेंट्स की दोबारा स्क्रीनिंग होगी. उसके बाद इन्हें अपने घरों पर बसों के जरिए भेज दिया जाएगा.

बता दें कि कोटा से अब तक 5616 बिहार के बच्चे अपने गृह जिलों की तरफ से रवाना हो गए हैं. इन ट्रेनों के जाने का क्रम 6 मई तक जारी रहेगा. हालांकि इसके बाद भी अगर स्टूडेंट वहां के बचते हैं, तो रेलवे बोर्ड से अनुमति के बाद विशेष ट्रेन संचालित करेगा. इसी तरह रात 9 बजे मुजफ्फरपुर एक ट्रेन रवाना होगी. जिसमें मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और वैशाली के लिए रात 9 बजे ट्रेन रवाना होगी. यह ट्रेन मुजफ्फरपुर जंक्शन जाएगी.

लॉकडाउन का उल्लंघन, अब तक 1860 गिरफ्तार
पटना पुलिस मुख्यालय ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले पूरे बिहार का आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि 24 मार्च से मंगलवार तक कुल 1 हजार 821 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं पूरे बिहार में 1 हजार 860 लोगों की गिरफ्तारी की गई है. साथ ही 57 हजार 767 वाहनों को जब्त किया गया है. कुल 13 करोड़ 00 लाख 95 हजार 174 रुपये का फाइन भी काटा गया है. सिर्फ मंगलवार की बात करें तो 41एफआईआर और 57 लोगों की गिरफ्तारी की गई है.

...तो क्या बिहारी मजदूर बनाएंगे बिहार को 'सुंदर बिहार'!
लॉकडाउन में मजदूर जिस तरह से बिहार वापस लौट रहे हैं या फिर अपने घर लौटना चाह रहे हैं. इसको बिहार के अर्थशास्त्री बिहार की तरक्की की नजरिए से देख रहे हैं. 30 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर बिहार के बाहर रहते हैं और वह अपने राज्य वापस लौटना चाहते हैं. बिहार सरकार फिलहाल मजदूरों के वापसी को लेकर चिंतित है. लेकिन अर्थशास्त्रियों ने इसको लेकर बिहार सरकार को अवसर करार दिया है.

गुड न्यूज: बिहार में सभी किताबें अब ऑनलाइन
बिहार के प्राथमिक शिक्षा निदेशक रणजीत कुमार सिंह ने कहा कि पहली से 12वीं कक्षा तक के सभी बुक्स को अब ऑनलाइन कर दिया गया है. बिहार स्टेट टेक्स्ट बुक कॉरपोरेशन की वेबसाइट पर बच्चे बुधवार से बुक को डाउनलोड कर सकेंगे.

नहीं मिला एंबुलेंस, नवजात समेत प्रसूता की मौत
औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के मनिका गांव की प्रसव से पीड़ित महिला ने दो बच्चों को जन्म दिया था. इसमें से एक नवजात समेत महिला की मौत हो गयी. परिजनों का कहना है कि समय पर एंबुलेंस नहीं मिल सका जिससे उसकी मौत हो गई.

इन दिव्यांग बहनों की कैसे कटेगी जिंदगी
कटिहार नगर थाना क्षेत्र के बड़ा बाजार इलाके के इस परिवार में कुछ दिनों तक घर में चार बहनें थी, वो भी दिव्यांग. कुछ दिन पहले एक बहन की असामयिक मौत हो गयी. तीनों माता-पिता की सालों पहले मौत हो गई. बस एक घर बचा है. दुकान के किराए के पैसे से घर चलता था. लेकिन दुकान दो महीने से बंद पड़ा है. किराएदार ने किराया देने से मना कर दिया. ऐसे में इन तीनों बहनों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

मंदिर बंद, मुश्किल में पुजारी
पटना स्टेशन का चर्चित हनुमान मंदिर हो या पटन देवी मंदिर या फिर अन्य मंदिर, सभी स्थानों पर ताला लटका है. बिहार में धार्मिक न्यास बोर्ड के तहत 4,500 से अधिक मंदिरों का निबंधन है. जिसमें केवल पटना जिले में 100 से ज्यादा मंदिर हैं. लॉकडाउन के कारण पुजारियों की स्थिति लॉकडाउन के बढ़ने के साथ ही दयनीय होती जा रही है.

जरूरी सामानों में शामिल नहीं...ज्वेलरी और कपड़े
कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बिहार के 200 से ज्यादा व्यापारियों के साथ बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बातचीत की. इस बैठक में कैट की ओर से ज्वेलरी और कपड़ों की दुकान को खोलने पर चर्चा की गई. जिसमें डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने साफ तौर से ज्वेलरी और कपड़ों की दुकान खोलने पर पाबंदी लगा दी.

लॉकडाउन: गरीबों की मदद के लिए विदेशी आगे आए
कोरोना वायरस के इस संकट काल में गरीबों की मदद के लिए कुछ लोग आगे आ रहे हैं. इनमें अब विदेशी भी शामिल हो गए हैं. लॉकडाउन के तीसरे चरण में वियतनाम-अमेरिकन बुद्धिस्ट कम्युनिटी से जुड़े विदेशी नागरिक जिला मुख्यालय से सुदूर क्षेत्रों में जाकर गरीबों के बीच खाद्य सामग्री व मास्क वितरण कर रहे हैं.

पटना: बिहार के कोचिंग स्टूडेंट्स की घर वापसी का दौर जारी है. कोटा से कटिहार, अररिया, किशनगंज और पूर्णिया के लिए रवाना हुई ट्रेन बुधवार को पहुंचेगी, जहां पर इन स्टूडेंट्स की दोबारा स्क्रीनिंग होगी. उसके बाद इन्हें अपने घरों पर बसों के जरिए भेज दिया जाएगा.

बता दें कि कोटा से अब तक 5616 बिहार के बच्चे अपने गृह जिलों की तरफ से रवाना हो गए हैं. इन ट्रेनों के जाने का क्रम 6 मई तक जारी रहेगा. हालांकि इसके बाद भी अगर स्टूडेंट वहां के बचते हैं, तो रेलवे बोर्ड से अनुमति के बाद विशेष ट्रेन संचालित करेगा. इसी तरह रात 9 बजे मुजफ्फरपुर एक ट्रेन रवाना होगी. जिसमें मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और वैशाली के लिए रात 9 बजे ट्रेन रवाना होगी. यह ट्रेन मुजफ्फरपुर जंक्शन जाएगी.

लॉकडाउन का उल्लंघन, अब तक 1860 गिरफ्तार
पटना पुलिस मुख्यालय ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले पूरे बिहार का आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि 24 मार्च से मंगलवार तक कुल 1 हजार 821 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं पूरे बिहार में 1 हजार 860 लोगों की गिरफ्तारी की गई है. साथ ही 57 हजार 767 वाहनों को जब्त किया गया है. कुल 13 करोड़ 00 लाख 95 हजार 174 रुपये का फाइन भी काटा गया है. सिर्फ मंगलवार की बात करें तो 41एफआईआर और 57 लोगों की गिरफ्तारी की गई है.

...तो क्या बिहारी मजदूर बनाएंगे बिहार को 'सुंदर बिहार'!
लॉकडाउन में मजदूर जिस तरह से बिहार वापस लौट रहे हैं या फिर अपने घर लौटना चाह रहे हैं. इसको बिहार के अर्थशास्त्री बिहार की तरक्की की नजरिए से देख रहे हैं. 30 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर बिहार के बाहर रहते हैं और वह अपने राज्य वापस लौटना चाहते हैं. बिहार सरकार फिलहाल मजदूरों के वापसी को लेकर चिंतित है. लेकिन अर्थशास्त्रियों ने इसको लेकर बिहार सरकार को अवसर करार दिया है.

गुड न्यूज: बिहार में सभी किताबें अब ऑनलाइन
बिहार के प्राथमिक शिक्षा निदेशक रणजीत कुमार सिंह ने कहा कि पहली से 12वीं कक्षा तक के सभी बुक्स को अब ऑनलाइन कर दिया गया है. बिहार स्टेट टेक्स्ट बुक कॉरपोरेशन की वेबसाइट पर बच्चे बुधवार से बुक को डाउनलोड कर सकेंगे.

नहीं मिला एंबुलेंस, नवजात समेत प्रसूता की मौत
औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के मनिका गांव की प्रसव से पीड़ित महिला ने दो बच्चों को जन्म दिया था. इसमें से एक नवजात समेत महिला की मौत हो गयी. परिजनों का कहना है कि समय पर एंबुलेंस नहीं मिल सका जिससे उसकी मौत हो गई.

इन दिव्यांग बहनों की कैसे कटेगी जिंदगी
कटिहार नगर थाना क्षेत्र के बड़ा बाजार इलाके के इस परिवार में कुछ दिनों तक घर में चार बहनें थी, वो भी दिव्यांग. कुछ दिन पहले एक बहन की असामयिक मौत हो गयी. तीनों माता-पिता की सालों पहले मौत हो गई. बस एक घर बचा है. दुकान के किराए के पैसे से घर चलता था. लेकिन दुकान दो महीने से बंद पड़ा है. किराएदार ने किराया देने से मना कर दिया. ऐसे में इन तीनों बहनों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

मंदिर बंद, मुश्किल में पुजारी
पटना स्टेशन का चर्चित हनुमान मंदिर हो या पटन देवी मंदिर या फिर अन्य मंदिर, सभी स्थानों पर ताला लटका है. बिहार में धार्मिक न्यास बोर्ड के तहत 4,500 से अधिक मंदिरों का निबंधन है. जिसमें केवल पटना जिले में 100 से ज्यादा मंदिर हैं. लॉकडाउन के कारण पुजारियों की स्थिति लॉकडाउन के बढ़ने के साथ ही दयनीय होती जा रही है.

जरूरी सामानों में शामिल नहीं...ज्वेलरी और कपड़े
कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बिहार के 200 से ज्यादा व्यापारियों के साथ बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बातचीत की. इस बैठक में कैट की ओर से ज्वेलरी और कपड़ों की दुकान को खोलने पर चर्चा की गई. जिसमें डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने साफ तौर से ज्वेलरी और कपड़ों की दुकान खोलने पर पाबंदी लगा दी.

लॉकडाउन: गरीबों की मदद के लिए विदेशी आगे आए
कोरोना वायरस के इस संकट काल में गरीबों की मदद के लिए कुछ लोग आगे आ रहे हैं. इनमें अब विदेशी भी शामिल हो गए हैं. लॉकडाउन के तीसरे चरण में वियतनाम-अमेरिकन बुद्धिस्ट कम्युनिटी से जुड़े विदेशी नागरिक जिला मुख्यालय से सुदूर क्षेत्रों में जाकर गरीबों के बीच खाद्य सामग्री व मास्क वितरण कर रहे हैं.

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