पटना: लव गुरु मटुकनाथ 65 साल की उम्र पार कर चुके हैं, लेकिन वह खुद को अभी भी जवान बताते हैं. मटुकनाथ की जूली उनसे दूर है, लेकिन उन्हें अपनी प्रेमिका से किसी प्रकार की शिकायत नहीं है. उनका कहना है कि प्रेम में स्वार्थ की जगह नहीं होती और जहां स्वार्थ होता वहां प्रेम नहीं होता.
गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं मटुकनाथ
दरअसल, रिटायर्ड मटुकनाथ इन दिनों गुमनामी के अंधेरे में जिंदगी जी रहे हैं. उनकी प्रेमिका जूली ने उनका साथ कुछ साल पहले ही छोड़ दिया. लेकिन, मटुकनाथ आज भी जिंदा दिल हैं. उन्हें जूली से किसी प्रकार की शिकायत नहीं है. आज भी उन्हें उससे उतना ही प्रेम है.
प्रेमिका से बताया मतभेद का कारण
मटुकनाथ ने कहा कि जूली दूसरे लोक में है और उनके मन में उसके लिए करुणा है. जूली और उनके बीच बस यही मतभेद है कि वह एकाकी जीवन में साधना कर रही हैं और वो सामाजिक जीवन में रहकर साधना कर रहे हैं.
ओशो को मानते हैं अपना आदर्श
लव गुरु मटुकनाथ ओशो को अपना आदर्श मानते हैं. उनका कहना है कि ओशो ने जो प्रेम की परिभाषा दी है उसे आज पूरे विश्व में पहचान मिल रही है. मटुकनाथ ने कहा कि जब संत रजनीश से उनकी मुलाकात हुई तब उन्होंने नई जीवन की शुरुआत की.
'मी टू' पर बोले लव गुरु
'मी टू' पर मटुकनाथ ने अपनी राय देते हुए कहा कि 'मी टू' नारियों के पतन का सबूत है. इससे पता चलता है कि नारियां कितनी गिरी हुईं हैं. पहले स्वार्थ के लिए संबंध जोड़ती हैं और बाद में रिश्तों को बदनाम करती हैं.