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बिहार को कई अहम मंत्रालय मिलने की उम्मीद, कई नए चेहरे बन सकते हैं मंत्री

2014 में बिहार में एनडीए ने 31 सीटें जीती थीं और उस समय बिहार को 8 मंत्री मिले थे, लेकिन इस बार सीटों की संख्या बढ़कर 39 तक पहुंच गई है. इसलिए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार 10 या उससे अधिक मंत्री बिहार से बनाए जाएंगे.

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Published : May 27, 2019, 8:08 PM IST

नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

पटना: लोकसभा चुनाव में इस बार बिहार की 40 सीट में से 39 सीटों पर एनडीए को जबरदस्त जीत मिली है. ऐसे में बिहार में प्रचंड जीत को लेकर मंत्रियों के तादाद बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं. क्योंकि इस बार बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की है. तो ऐसें में मंत्रालयों में इनकी बड़ी भागीदारी मानी जा रही है.

2014 में बिहार में एनडीए ने 31 सीटें जीती थीं और उस समय बिहार को 8 मंत्री मिले थे, लेकिन इस बार सीटों की संख्या बढ़कर 39 तक पहुंच गई है. इसलिए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार 10 या उससे अधिक मंत्री बिहार से बनाए जाएंगे.

पटना से संवाददाता अविनाश की रिपोर्ट

अटल सरकार में भी कई मंत्री बिहार से
लोकसभा चुनाव में बीजेपी और लोजपा के सभी मंत्री चुनाव जीत गए हैं. पहले भी बिहार से न केवल अटल बिहारी वाजपेई की एनडीए सरकार में बल्कि मनमोहन सिंह सरकार में भी बड़ी संख्या में मंत्री बनाए गए थे और बिहार के हिस्से में कई महत्वपूर्ण विभाग आए थे.

मनमोहन सरकार में मिले कई बड़े मंत्रालय
एक समय 2004 की ही बात करें तो मनमोहन सिंह की सरकार में रेलवे, ग्रामीण विकास विभाग, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण जैसे विभाग मिले थे. 2014 में कृषि, संचार, ऊर्जा जैसे विभाग दिए गए. अटल जी की सरकार में तो बिहार से एक दर्जन मंत्री बनाए गए थे लेकिन ऐसा समय भी आया जब बिहार से एक भी मंत्री केंद्र में नहीं था.

2009 में एक भी मंत्री नहीं बना बिहार से
2009 में आरजेडी के चार और कांग्रेस के दो सांसद चुने गए थे. इसमें मीरा कुमार को लोकसभा अध्यक्ष जरूर मिला लेकिन केंद्र में एक भी मंत्री बिहार से नहीं बना. विशेषज्ञ कहते हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला तो कम से कम महत्वपूर्ण मंत्रालय बिहार को जरूर मिलना चाहिए. जिससे बिहार के पिछड़ेपन को दूर करने में मदद मिल सके और नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के लिए महत्वपूर्ण घटक में से एक हैं इसलिए बिहार के लोगों को बहुत उम्मीद है.

गांधीवादी रजी अहमद की राय
वहीं गांधीवादी रजी अहमद का भी कहना है कि नीतीश कुमार ने जिस ढंग से प्रधानमंत्री के लिए नरेंद्र मोदी का नाम प्रपोज किया है साफ लग रहा है कि क्योंकि नजदीकियां बढ़ी हैं और बिहार की जो वर्षों से मांग है उसे पूरा होने की उम्मीद जगी है.

मंत्री श्रवण कुमार ने क्या कहा
बिहार के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार का भी कहना है कि जदयू से मंत्री कौन बनेगा यह तो नेता नीतीश कुमार ही तय करेंगे, लेकिन बिहार के लोगों को बहुत उम्मीद है. इस बार न केवल अधिक संख्या में मंत्री बनेंगे केंद्र में बल्कि अच्छे विभाग भी मिलेंगे.

बड़े मंत्रालय मिलने की उम्मीद
बिहार से कई नामों की चर्चा फिर शुरू हो गई है. जहां लोजपा कोटे से एक सांसद को मंत्री बनाए जाने की बात हो रही है. तो वहीं जदयू कोटे से तीन से चार मंत्री बनाए जा सकते हैं. और बीजेपी कोटे से पांच मंत्री तक बनाए जाने की चर्चा है. एक बार फिर से रेलवे, कृषि, ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभाग मिलने की चर्चा शुरू हो गई है.

2014 में कौन-कौन बना मंत्री
2014 में बीजेपी के रवी शंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह , राधा मोहन सिंह, आरके सिंह, अश्विनी चौबे, रामकृपाल यादव मंत्री बनाए गए थे इसके अलावा रामविलास पासवान भी बिहार से लोजपा कोटे से मंत्री थे वही रालोसपा से उपेंद्र कुशवाहा भी मंत्री थे.

इन्हें मिल सकता है मंत्रालय
बीजेपी के छह मंत्रियों में से इस बार फिर से कुछ को मंत्री बनाया जा सकता है. तो वहीं कुछ नए चेहरे भी शामिल किए जा सकते हैं. जहां तक लोजपा की बात है तो रामविलास पासवान यदि मंत्री नहीं बने तो चिराग पासवान के मंत्री बनने की चर्चा हो रही है. जबकि जदयू कोटे से सबसे अधिक चर्चा ललन सिंह की है उसके बाद नीतीश कुमार के सिपहसलार आरसीपी सिंह की भी चर्चा है.

कई नामों पर चर्चा जारी
इसके अलावा इस बार दिनेश चंद्र यादव जो फिलहाल बिहार सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री हैं और शरद यादव को हराकर मधेपुरा से चुनाव जीते हैं साथ ही पूर्णिया से दोबारा चुनाव जीते संतोष कुशवाहा के नाम की भी चर्चा हो रही है.

पटना: लोकसभा चुनाव में इस बार बिहार की 40 सीट में से 39 सीटों पर एनडीए को जबरदस्त जीत मिली है. ऐसे में बिहार में प्रचंड जीत को लेकर मंत्रियों के तादाद बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं. क्योंकि इस बार बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की है. तो ऐसें में मंत्रालयों में इनकी बड़ी भागीदारी मानी जा रही है.

2014 में बिहार में एनडीए ने 31 सीटें जीती थीं और उस समय बिहार को 8 मंत्री मिले थे, लेकिन इस बार सीटों की संख्या बढ़कर 39 तक पहुंच गई है. इसलिए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार 10 या उससे अधिक मंत्री बिहार से बनाए जाएंगे.

पटना से संवाददाता अविनाश की रिपोर्ट

अटल सरकार में भी कई मंत्री बिहार से
लोकसभा चुनाव में बीजेपी और लोजपा के सभी मंत्री चुनाव जीत गए हैं. पहले भी बिहार से न केवल अटल बिहारी वाजपेई की एनडीए सरकार में बल्कि मनमोहन सिंह सरकार में भी बड़ी संख्या में मंत्री बनाए गए थे और बिहार के हिस्से में कई महत्वपूर्ण विभाग आए थे.

मनमोहन सरकार में मिले कई बड़े मंत्रालय
एक समय 2004 की ही बात करें तो मनमोहन सिंह की सरकार में रेलवे, ग्रामीण विकास विभाग, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण जैसे विभाग मिले थे. 2014 में कृषि, संचार, ऊर्जा जैसे विभाग दिए गए. अटल जी की सरकार में तो बिहार से एक दर्जन मंत्री बनाए गए थे लेकिन ऐसा समय भी आया जब बिहार से एक भी मंत्री केंद्र में नहीं था.

2009 में एक भी मंत्री नहीं बना बिहार से
2009 में आरजेडी के चार और कांग्रेस के दो सांसद चुने गए थे. इसमें मीरा कुमार को लोकसभा अध्यक्ष जरूर मिला लेकिन केंद्र में एक भी मंत्री बिहार से नहीं बना. विशेषज्ञ कहते हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला तो कम से कम महत्वपूर्ण मंत्रालय बिहार को जरूर मिलना चाहिए. जिससे बिहार के पिछड़ेपन को दूर करने में मदद मिल सके और नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के लिए महत्वपूर्ण घटक में से एक हैं इसलिए बिहार के लोगों को बहुत उम्मीद है.

गांधीवादी रजी अहमद की राय
वहीं गांधीवादी रजी अहमद का भी कहना है कि नीतीश कुमार ने जिस ढंग से प्रधानमंत्री के लिए नरेंद्र मोदी का नाम प्रपोज किया है साफ लग रहा है कि क्योंकि नजदीकियां बढ़ी हैं और बिहार की जो वर्षों से मांग है उसे पूरा होने की उम्मीद जगी है.

मंत्री श्रवण कुमार ने क्या कहा
बिहार के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार का भी कहना है कि जदयू से मंत्री कौन बनेगा यह तो नेता नीतीश कुमार ही तय करेंगे, लेकिन बिहार के लोगों को बहुत उम्मीद है. इस बार न केवल अधिक संख्या में मंत्री बनेंगे केंद्र में बल्कि अच्छे विभाग भी मिलेंगे.

बड़े मंत्रालय मिलने की उम्मीद
बिहार से कई नामों की चर्चा फिर शुरू हो गई है. जहां लोजपा कोटे से एक सांसद को मंत्री बनाए जाने की बात हो रही है. तो वहीं जदयू कोटे से तीन से चार मंत्री बनाए जा सकते हैं. और बीजेपी कोटे से पांच मंत्री तक बनाए जाने की चर्चा है. एक बार फिर से रेलवे, कृषि, ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभाग मिलने की चर्चा शुरू हो गई है.

2014 में कौन-कौन बना मंत्री
2014 में बीजेपी के रवी शंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह , राधा मोहन सिंह, आरके सिंह, अश्विनी चौबे, रामकृपाल यादव मंत्री बनाए गए थे इसके अलावा रामविलास पासवान भी बिहार से लोजपा कोटे से मंत्री थे वही रालोसपा से उपेंद्र कुशवाहा भी मंत्री थे.

इन्हें मिल सकता है मंत्रालय
बीजेपी के छह मंत्रियों में से इस बार फिर से कुछ को मंत्री बनाया जा सकता है. तो वहीं कुछ नए चेहरे भी शामिल किए जा सकते हैं. जहां तक लोजपा की बात है तो रामविलास पासवान यदि मंत्री नहीं बने तो चिराग पासवान के मंत्री बनने की चर्चा हो रही है. जबकि जदयू कोटे से सबसे अधिक चर्चा ललन सिंह की है उसके बाद नीतीश कुमार के सिपहसलार आरसीपी सिंह की भी चर्चा है.

कई नामों पर चर्चा जारी
इसके अलावा इस बार दिनेश चंद्र यादव जो फिलहाल बिहार सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री हैं और शरद यादव को हराकर मधेपुरा से चुनाव जीते हैं साथ ही पूर्णिया से दोबारा चुनाव जीते संतोष कुशवाहा के नाम की भी चर्चा हो रही है.

Intro:पटना-- लोकसभा चुनाव में बिहार में इस बार 40 सीट में से 39 सीट पर एन डी ए को जबरदस्त जीत मिली है और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में बनने वाली सरकार में बिहार की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी इस बार नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को भी 17 में से 16 सीटों पर जीत मिली है और अब केंद्रीय मंत्रिमंडल के गठन में बिहार के कई चेहरों के शामिल होने की चर्चा शुरू हो गई है।
पेश है खास रिपोर्ट--


Body: 2014 में बिहार में एनडीए ने 31 सीटें जीती थी और उस समय बिहार को 8 मंत्री मिले थे लेकिन इस बार सीटों की संख्या बढ़कर 39 तक पहुंच गई है इसलिए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार 10 या उससे अधिक मंत्री बिहार से बनाए जाएंगे। लोकसभा चुनाव में बीजेपी और लोजपा के सभी मंत्री चुनाव जीत गए हैं। पहले भी बिहार से न केवल अटल बिहारी वाजपेई की एनडीए सरकार में बल्कि मनमोहन सिंह सरकार में भी बड़ी संख्या में मंत्री बनाए गए थे और बिहार के हिस्से में कई महत्वपूर्ण विभाग आए थे 2004 की ही बात करें तो मनमोहन सिंह की सरकार में रेलवे, ग्रामीण विकास विभाग, खाद आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण जैसे विभाग मिले थे 2014 में कृषि, संचार, ऊर्जा जैसे विभाग दिए गए।
अटल जी की सरकार में तो बिहार से एक दर्जन मंत्री बनाए गए थे लेकिन ऐसा समय भी आया जब बिहार से एक भी मंत्री केंद्र में नहीं था 2009 में आरजेडी के चार और कांग्रेस के दो सांसद चुने गए थे इसमें मीरा कुमार को लोकसभा अध्यक्ष जरूर मिला लेकिन केंद्र में एक भी मंत्री बिहार से नहीं बना। विशेषज्ञ कहते हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला तो कम से कम महत्वपूर्ण मंत्रालय बिहार को जरूर मिलना चाहिए जिससे बिहार के पिछड़ापन को दूर करने में मदद मिल सके और नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के लिए महत्वपूर्ण घटक में से एक हैं इसलिए बिहार के लोगों को बहुत उम्मीद है।
गांधीवादी रजी अहमद का भी कहना है कि नीतीश कुमार ने जिस ढंग से प्रधानमंत्री के लिए नरेंद्र मोदी का नाम प्रपोज किया है साफ लग रहा है कि क्योंकि नज़दीकियां बढ़ी है और बिहार की जो वर्षों से मांग है उसे पूरा होने की उम्मीद जगी है।
बिहार के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार का भी कहना है कि जदयू से मंत्री कौन बनेगा यह तो नेता नीतीश कुमार ही तय करेंगे लेकिन बिहार के लोगों को बहुत उम्मीद है इस बार न केवल अधिक संख्या में मंत्री बनेंगे केंद्र में बल्कि अच्छे विभाग भी मिलेंगे।
बाइट्स--एन के चौधरी, आर्थिक विशेषज्ञ
रजी अहमद, गांधीवादी
श्रवण कुमार, संसदीय कार्य मंत्री बिहार


Conclusion:नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर से केंद्र में एनडीए की सरकार बनने जा रही है और बिहार से कई नामों की चर्चा फिर शुरू हो गई है जहां लोजपा कोटे से एक सांसद को मंत्री बनाए जाने की बात हो रही है तो वहीं जदयू कोटे से तीन से चार मंत्री बनाए जा सकते हैं और बीजेपी कोटे से पांच मंत्री तक बनाए जाने की चर्चा है। एक बार फिर से रेलवे, कृषि, ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभाग मिलने की चर्चा शुरू हो गई है। 2014 में बीजेपी के रवी शंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह , राधा मोहन सिंह, आरके सिंह, अश्विनी चौबे, रामकृपाल यादव मंत्री बनाए गए थे इसके अलावा रामविलास पासवान भी बिहार से लोजपा कोटे से मंत्री थे वही रालोसपा से उपेंद्र कुशवाहा भी मंत्री थे ।
बीजेपी के छह मंत्रियों में से इस बार फिर से कुछ को मंत्री बनाया जा सकता है। तो वहीं कुछ नए चेहरे भी शामिल किए जा सकते हैं जहां तक लोजपा की बात है तो रामविलास पासवान यदि मंत्री नहीं बने तो चिराग पासवान के मंत्री बनने की चर्चा हो रही है जबकि जदयू कोटे से सबसे अधिक चर्चा ललन सिंह की है उसके बाद नीतीश कुमार के सिपहसलाहकार आरसीपी सिंह की भी चर्चा है जब नीतीश एनडीए में शामिल हुए थे तो केंद्र में आरसीपी सिंह के मंत्री बनाए जाने की बात फाइनल हो गई थी लेकिन किसी कारण से मंत्री नहीं बन पाए इसके अलावा इस बार दिनेश चंद्र यादव जो फिलहाल बिहार सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री हैं और शरद यादव को हराकर मधेपुरा से चुनाव जीते हैं साथ ही पूर्णिया से दोबारा चुनाव जीते संतोष कुशवाहा के नाम की भी चर्चा हो रही है।
जदयू से कोई नया चेहरा सामने आ जाए तो कोई ताजुब की बात नहीं होगी क्योंकि नीतीश कुमार को ही पता है किसे जदयू कोटे से मंत्री बनना है लेकिन इन नामों पर चर्चा खूब है।
अविनाश, पटना।
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