पटना: गांधी संग्रहालय स्थित नाईट्रोजन चेंबर में अंग्रेजी और हिंदी में लिखी संविधान की मूल प्रति कांच के चेंबर में रखी गई है. नाइट्रोजन चेंबर में नमी कंट्रोल करने का मीटर लगा हुआ है. साल में एक बार मूल प्रति की जांच की जाती है. त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल प्रो. सिद्धेश्वर प्रसाद इसे दिल्ली से लेकर आये थे.
मूल प्रति का डिजाइन शांतिनिकेतन के कलाकार राम मनोहर सिन्हा और नंदलाल बोस ने तैयार किया था. सबसे खास बात यह है कि संविधान के हर पन्ने पर सोने से डिजाइन की गई है. सिद्धेश्वर प्रसाद कहते हैं कि मूल संविधान गांधी संग्रहालय में सुरक्षित है. उन दिनों संविधान सभा के बाकी सदस्यों को भी संविधान की मूल प्रति का स्पेशल कॉपी प्रिंट करा कर दी गई थी.
सिद्धेश्वर प्रसाद से खास बातचीत
ईटीवी भारत से खास बातचीत में सिद्धेश्वर प्रसाद ने बताया कि जब मैं 1962 में सांसद बना, तब मैं देश का सबसे युवा सांसद था. मेरे भाषण से खुश होकर जवाहरलाल नेहरू ने मुझे यह स्पेशल कॉपी दिलाई थी. बाद में अमेरिका की एल यूनिवर्सिटी इस स्पेशल कॉपी के लिए मुझे 10 मिलियन डॉलर दे रही थी. लेकिन मैंने इस दुर्लभ कॉपी को नहीं दिया.
संविधान की मूल प्रति की कॉपी गांधी संग्रहालय में मौजूद
बाद में संविधान की यह स्पेशल कॉपी बिहार की राजधानी पटना स्थित गांधी संग्रहालय में दे दी गई जो आज भी सुरक्षित है. दर्शकों के लिए उसे खोल दिया गया है. यह शीशे के बने हुए चेंबर में रखा गया है जिसमें नाइट्रोजन एवं कई केमिकल गैस भरे हुए हैं. बताया जाता है कि नमी को दूर करने के लिए स्पेशल शीशे में संविधान की मूल प्रति को सुरक्षित रखा गया है.
231 पृष्ठ की मूल प्रति
सिद्धेश्वर प्रसाद ने बताया कि आज से 70 साल पहले भारत का संविधान तैयार हुआ था. इस संविधान की मूल प्रति दिल्ली के संसद में है जो हाथ से लिखी है. इस प्रति में पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सहित संविधान सभा के सदस्यों के हस्ताक्षर हैं. संविधान की मूल प्रति 231 पृष्ठ की है. यह 31 मार्च 1963 में पटना लाई गई थी.
इसमें 308 सदस्यों के हस्ताक्षर हैं
बताया जाता है कि इसमें 308 सदस्यों के हस्ताक्षर है. संविधान में उन सभी सदस्यों के हस्ताक्षर हैं जो संविधान समिति में थे. इनमें संविधान ड्राफ्ट कमेटी के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर, संविधान निर्माण समिति के अस्थाई अध्यक्ष डॉ. शरद चंद्र सिंहा, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, कन्हैयालाल मुंशी, सी राजगोपालाचारी, सरोजिनी नायडू, विजयालक्ष्मी पंडित, दुर्गाबाई देशमुख आदि के नाम शामिल हैं.