पटना : बिहार विधानसभा के सेंट्रल हॉल में गुरुवार को एक दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम (Prabodhan Karyakram In Bihar Assembly) आयोजित किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने किया. उन्होंने उम्मीद जताई कि सदनों की घटती गरिमा से सदस्य सबक लेंगे और तार्किक ढंग से शालीनता के साथ चर्चा करेंगे. सदन की कार्यवाही सही ढंग से चले इसका भी लगातार प्रयास करने की बात कही.
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Speaker Om Birla) ने कार्यक्रम की शुरुआत की और संबोधित करते हुए सदन की घटती गरिमा पर चिंता जाहिर की. ओम बिरला ने कहा कि बिहार विधानसभा का भवन साक्षी है कि हमारा लोकतंत्र कितना मजबूत है. बिहार लोकतंत्र की जननी है और ज्ञान की भी भूमि है. ओम बिरला ने कहा लोकतंत्र वाद, विवाद और संवाद पर आधारित होना चाहिए. तर्कों से बातों को मजबूती से रखना चाहिए. सहमति और असहमति होना स्वाभाविक है, लेकिन गतिरोध नहीं होना चाहिए. चर्चा में शालीनता को नहीं छोड़नी चाहिए. लोकसभा कई तरह के उपाय कर रहा है. सदन की कार्यवाही की डिजिटाइजेशन और आम लोग देख सकें इसकी भी व्यवस्था लगातार कर रहा है.
'लोकतंत्र भारत की पुरातन संस्कृति का भाग है. हमारे कार्य, व्यवहार व आचरण में लोकतंत्र है. भगवान महावीर व बुद्ध की इस तपोभूमि ने विश्व को ज्ञान-अहिंसा-शांति व आध्यात्मिक चेतना का संदेश दिया है. बिहार विधान सभा के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम में विधान सभा के डिजिटल चैनल तथा पत्रिका का शुभारंभ किया. जनता तथा विधानसभा के बीच महत्वपूर्ण कड़ी की भूमिका निभाते हुए यह पत्रिका और डिजिटल चैनल विधायी कार्यों में आमजन की सहभागिता को प्रोत्साहित करेंगे.'- ओम बिड़ला, लोकसभा अध्यक्ष
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने कहा कि 2006 से प्रबोधन का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. यह अच्छा प्रयास है विधायक भले ही एक क्षेत्र से चुनकर आते हैं लेकिन वह पूरे राज्य के लिए होते हैं, उसी तरह संसद भी पूरे देश के लिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को पूरा अधिकार है अपनी बात रखने का और सदन में सदस्यों को अपनी बात मजबूती से रखनी चाहिए लेकिन सही तरीके से. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम सांसद थे तो देखते थे कि लोकसभा में कितना भी सदन के अंदर नोकझोंक हो सेंट्रल हॉल में सभी एक दूसरे के साथ मित्रवत चर्चा करते थे. उसी को देखकर हमने बिहार में भी सेंट्रल हॉल बनाया है, इसमें यह कार्यक्रम हो रहा है.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किए जाने पर चिंता जाहिर की. केंद्र और राज्य की भूमिका को लेकर भी उन्होंने अपनी बात रखी. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जमकर तारीफ की, तो वहीं राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी ने बिहार की महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर जानकारी भी दी. उपसभापति हरिवंश ने यह भी कहा कि सदस्यों के भविष्य को लेकर भी रणनीति पर काम करना चाहिए.
कार्यक्रम में संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी और बिहार सरकार के दोनों उपमुख्यमंत्री के साथ विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी भी मौजूद थे. इसके अलावा बिहार सरकार के कई मंत्री और विधान सभा विधान परिषद सदस्य और सांसद भी कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे. कार्यक्रम की समाप्ति के बाद ग्रुप फोटोग्राफी भी हुई. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सभी सदस्यों के साथ फोटो खिंचवाई. उसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने पत्रकारों के साथ बातचीत भी की. कई मुद्दों पर चर्चा की. जिसमें छोटे छात्र को लेकर भी चिंता जाहिर की. कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने दिया और उन्होंने सभी मुख्य अतिथियों को संविधान की एक कॉपी भी भेंट स्वरूप दी.
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