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पटना: लॉकडाउन में गरीब लोगों को बैठाकर खिलाया जा रहा है गरमा-गरम खाना

लॉकडाउन के कारण गरीब और दूसरे जिले के फंसे लोगों को समाजसेवी संस्था की ओर से खाना खिलाया जाता है. इसमें जिले की पुलिस भी मदद करती है.

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Published : Apr 24, 2020, 9:41 PM IST

Updated : May 24, 2020, 6:50 PM IST

पटना
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पटना: लॉकडाउन की वजह से गरीब लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी कारण से कई समजासेवी संस्था की ओर से इन गरीब लोगों के बीच भोजन और राशन का वितरण किया जा रहा है. वहीं, राजधानी की सड़कों पर समजासेवी संस्था की ओर से गरीब लोगों को बैठाकर गरमा-गरम खाना खिलाया जा रहा है.

पटना
जरूरतमंदों को खिलाया गया खाना

बता दें कि आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीज टीम की ओर से लोगों को खाना खिलाया जा रहा है. खाना खिलाते समय सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा जाता है. वहीं, संस्था के आचार्य परमानंद ने बताया कि पहले हम फूड पैकेट बांटा करते थे, लेकिन इससे कई लोगों का पेट नहीं भर पाता था और कई लोग भूखे रह जाते थे. इसी कारण से हमने लोगों को परोस कर खाना खिलाने की शुरूआत की. शुरूआती दौर में तो 200 लोग खाना खाने के लिए आते थे. लेकिन धीर-धीरे बढ़कर यह संख्या 2 हजार हो गई.

'लोगों की मदद से मिलती है खुशी'
इसके अलावा आचार्य ने बताया कि हमें लोगों की मदद करके काफी अच्छा लगता है. इसीलिए हम भूखे लोगों को भोजन करवाते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास रहता है कि जिले में जो दूसरे जिले के लोग फंसे हुए हैं, वो पैसे की कमी के कारण भूखे ना रहे.

पटना: लॉकडाउन की वजह से गरीब लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी कारण से कई समजासेवी संस्था की ओर से इन गरीब लोगों के बीच भोजन और राशन का वितरण किया जा रहा है. वहीं, राजधानी की सड़कों पर समजासेवी संस्था की ओर से गरीब लोगों को बैठाकर गरमा-गरम खाना खिलाया जा रहा है.

पटना
जरूरतमंदों को खिलाया गया खाना

बता दें कि आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीज टीम की ओर से लोगों को खाना खिलाया जा रहा है. खाना खिलाते समय सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा जाता है. वहीं, संस्था के आचार्य परमानंद ने बताया कि पहले हम फूड पैकेट बांटा करते थे, लेकिन इससे कई लोगों का पेट नहीं भर पाता था और कई लोग भूखे रह जाते थे. इसी कारण से हमने लोगों को परोस कर खाना खिलाने की शुरूआत की. शुरूआती दौर में तो 200 लोग खाना खाने के लिए आते थे. लेकिन धीर-धीरे बढ़कर यह संख्या 2 हजार हो गई.

'लोगों की मदद से मिलती है खुशी'
इसके अलावा आचार्य ने बताया कि हमें लोगों की मदद करके काफी अच्छा लगता है. इसीलिए हम भूखे लोगों को भोजन करवाते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास रहता है कि जिले में जो दूसरे जिले के लोग फंसे हुए हैं, वो पैसे की कमी के कारण भूखे ना रहे.

Last Updated : May 24, 2020, 6:50 PM IST
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