पटना: पूरे राज्यभर में बैंक और पोस्ट ऑफिस (Indian Postal bank 2022) ऐसी जगह है जहां पर लोग अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखते हैं. ग्राहकों का चाहे वह बचत खाता हो, फिक्स डिपॉजिट, रेकरिंग या करेंट अकाउंट हो हर जगह पर लोग अपनी जरूरत के अनुसार पैसे को या तो डिपॉजिट करते हैं या निकाल सकते हैं. जिससे उनका अकाउंट एक्टिव मोड में रहता है. लेकिन सबसे खास बात यह है कि बिहार के पोस्ट ऑफिस में 63 लाख के करीब ऐसे अकाउंट हैं जो साइलेंट मोड में है. इसका मतलब यह हुआ कि ऐसे अकाउंट जिनमें तीन साल से किसी भी प्रकार का लेनदेन नहीं हुआ है.
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भागलपुर में सबसे ज्यादा साइलेंट मोड पर अकाउंट: पटना जीपीओ के अधिकारियों के अनुसार बताया जाता है कि भागलपुर रीजन में सबसे ज्यादा साइलेंट मोड में अकाउंट पड़े हुए हैं. जो बैंकिंग सिस्टम में ईस्ट रीजन के आने वाले भागलपुर क्षेत्र माना जाता है. इस रीजन में 24,07,220 अकाउंट साइलेंट मोड में पड़े हुए हैं. हालांकि मुजफ्फरपुर रीजन में 21 लाख 57 हजार 926 और डिवीजनल रिपोर्टिंग सर्किल मिड रीजन (पटना) में 18 लाख 935 अकाउंट साइलेंट मोड में पड़े हुए हैं.
पटना डिवीजन में साइलेंट अकाउंट: पटना जीपीओ के तहत आने वाले मिड रीजन में सबसे ज्यादा 3 लाख 59 हजार 600 साइलेंट अकाउंट वैशाली डिवीजन में हैं. जबकि इसके बाद गया डिवीजन में है. जहां कुल 3 लाख 41 हजार 886 साइलेंट अकाउंट हैं. इसी प्रकार पटना जीपीओ डिवीजन में 34,081, पटना मुख्य डिवीजन में 2लाख 30 हजार 285, पटना साहिब डिवीजन में 1,92,491, भोजपुर डिवीजन में 2,77,921, रोहतास डिवीजन में 1,42,914 और औरंगाबाद डिवीजन में 2,21,756 साइलेंट अकाउंट हैं. इन सभी की अगर गणना की जाए तब पटना डिवीजन में कुल 18 लाख अकाउंट अभी साइलेंट मोड में हैं.
एक करोड़ एक्टिव यूजर: पटना जीपीओ के असिस्टेंट डायरेक्टर (पीएमयू) दिनेश साह बताया है कि पूरे बिहार में एक करोड़ से भी ज्यादा पोस्ट ऑफिस में अकाउंट एक्टिव हैं. जहां पर लोग रेगुलर अपने अकाउंट को ऑपरेट कर रहे हैं. राज्य में 9057 डाकघर है. इनमें मेन ब्रांच से लेकर उप ब्रांच तक शामिल है.
" दरअसल तीन साल तक अकाउंट को अगर ऑपरेट नहीं किया जाए तो वह साइलेंट मोड में चला जाता है लेकिन अगर कोई साइलेंट मोड के अकाउंट को फिर से ऑपरेट करना चाहे तो उसको भी ऑपरेट मोड में लाया जा सकता है. इसके लिए खाता धारक को केवाईसी देना होगा. इसके साथ ही उसे डिपॉजिट या फिर विड्रॉ का ट्रांजेक्शन दिखाना होगा."- दिनेश साह, सहायक निदेशक (PMU), पटना जीपीओ.