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Bihar Terror Module : अखलाक को फुलवारी शरीफ से पुलिस ने उठाया, गजवा-ए-हिंद से जुड़े तार

बिहार से 7 संदिग्धों को पकड़ा गया है, जबकि एनआईए को 19 की तलाश है. सबसे बड़ी और चौंकाने वाली बात है कि मिशन इस्लामिक स्टेट 2047 ( Terror Mission 2047) में प्रबुद्ध वर्ग के लोग लगे हुए हैं. इसका कारोबारी कनेक्शन भी सामने आया है. पटना के 10 संदिग्धों में बिजनेसमैन, कॉलेज कर्मचारी, यहां तक की रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर भी शामिल हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

Terror Mission 2047
Terror Mission 2047
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Published : Jul 15, 2022, 2:34 PM IST

Updated : Jul 15, 2022, 6:55 PM IST

पटना: राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ से ( PFI Connection With Bihar) 3 संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद बिहार पुलिस और एटीएस का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. इसी कड़ी में 4 और लोगों की गिरफ्तारी की गई है. इससे जुड़े अबतक 7 लोग (Seven Arrested For Association With Terrorist Organization) गिरफ्त में आ चुके हैं. हालांकि अब भी 19 लोगों की एनआईए को तलाश है. बिहार पुलिस के सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जलालुद्दीन अतहर और अरमान मलिक की गिरफ्तारी के बाद दानिश और शमीम अख्तर (shamim akhtar Arrested in nalanda) भी पुलिस की हिरासत में हैं. हालांकि इसकी पुष्टि पटना पुलिस अभी भी नहीं कर रही है.

ये भी पढ़ें: 'मिशन इस्लामिक स्टेट' का नालंदा कनेक्शन! जानिये क्या है शमीम अख्तर का आतंकियों से संबंध?

अब तक 7 गिरफ्तार: अब तक मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, अरमान मलिक, ताहिर अहमद, शब्बिर मलिक, शमीम अख्तर और इलियास ताहिर उर्फ मगरूब को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से तीन की पहले गिरफ्तारी हुई थी और जांच के दौरान और चार लोगों को पकड़ा गया था. वहीं अब इलियास ताहिर उर्फ मगरूब को अरेस्ट किया गया है. इधर नालंदा जिले के सोहराय से शमीम अख्तर को धर दबोचा गया है. वहीं शब्बिर मलिक को भी पकड़ा गया है. आईबी की जांच में पटना के फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार अतहर परवेज और जलालुद्दीन के अलावा 24 संदिग्धों के नाम सामने आए जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं. गिरफ्तारी के बाद प्राथमिकी में नालंदा, सारण, पटना, चंपारण और दरभंगा के भी कई संदिग्धों के नाम शामिल हैं. मिल रही जानकारी के अनुसार फुलवारी शरीफ इलाके से पकड़े गए पीएफआई (Popular Front of India) के दो सदस्य मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज को बेउर जेल में अलग-अलग सेल में रखा गया है. इनकी गिरफ्तारी के बाद बेउर जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

पाकिस्तान और बांग्लादेश के संपर्क में था मगरूब: फुलवारी शरीफ मामले में पुलिस ने एक और बड़ा खुलासा किया है. पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि गजवा-ए-हिंद ग्रुप बनाकर पाकिस्तान के कई लोगों को ग्रुप में जोड़ने के आरोप में फुलवारी शरीफ से एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार शख्स का नाम इलियास ताहिर उर्फ मगरूब बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक यह व्हाट्सएप और मैसेंजर ग्रुप के जरिए पाकिस्तान और बांग्लादेश से बात करता था.

आतंक का कारोबारी कनेक्शन: आपको बता दें कि आतंकी मिशन 2047 में शामिल 26 में से 10 लोग पटना के हैं, इनमें से कुछ बड़े बिजनेसमैन, कॉलेज कर्मचारी और रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर एक शामिल हैं. बिहार पुलिस के मुताबिक, ये सभी अपनी पहचान छिपाकर देश विरोधी मुहिम में लगे थे. ये लोग शिक्षित बेरोजगार युवकों को बहला-फुसलाकर अपने ट्रेनिंग सेंटर पर लाते थे. वहां यह दोनों समुदाय के बीच नफरत फैलाने की ट्रेनिंग देते थे. पुलिस सूत्रों की माने तो पटना के एग्जीबिशन रोड के मशीन टूल्स का एक कारोबारी भी इसमें शामिल था, जिसका नाम मोहब्बत आलम बताया जा रहा है. मोहब्बत आलम पटना से सुलतानगंज थाना के तहत शरीफ कॉलोनी का रहने वाला है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई की जा रही है. वहीं मोहम्मद अमीन आलम फुलवारी शरीफ के ही गोनपूरा स्थित टीचर ट्रेनिंग कॉलेज का कर्मचारी है.

CAA NRC के खिलाफ आंदोलन को किया था लीड: नालंदा जिला के बिहार शरीफ के सोहराय के रहने वाले गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी शमीम अख्तर के बारे में बताया जा रहा है कि जब देश में CAA NRC का विरोध चल रहा था, तब शमीम के द्वारा नालंदा से इस आंदोलन को लीड किया जा रहा था. बिहार पुलिस की विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शमीम अख्तर को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. कई बार शमीम ने सरकार के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन में अहम भूमिका निभायी थी.

अरमान मलिक को गुप्त स्थान पर ले गई पुलिस: पुलिस गिरफ्तार अरमान मलिक को गुप्त स्थान पर लेकर चली गई है. इसके अलावा पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ के मुनीर कॉलोनी से मरगूब दानिश को भी हिरासत में लिया है. दानिश पीएफआई का सक्रिय सदस्य है. मिल रही जानकारी के अनुसार राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में पिछले 2 महीने से समय-समय पर अमर पैलेस में मीटिंग किया जा रहा था और लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही थी.

PFI बिहार में नहीं है बैन?: गुरुवार को पटना SSP ने बताया था कि प्रधानमंत्री के आगमन से पहले फुलवारी शरीफ में 7 जुलाई को भी एक मीटिंग हुई थी, जिसमें कई संदिग्ध लोग आए थे. पुलिस के द्वारा इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद अहमद पैलेस एवं उनके घर से हिंदी में लिखा 25 पर्चा और उर्दू में लिखा 3050 मिला है. यही नहीं चौकी के नीचे सफेद रंग के प्लास्टिक के झूले में 49 कपड़े का झंडा लाल हरा और सफेद तथा झंडे पर नीला तारा बना हुआ मिला है. मिल रही जानकारी के अनुसार पुलिस के पूछताछ में पीएफआई अपने संगठन के विस्तार में लगा हुआ था. हालांकि पीएफआई पर बैन है, लेकिन बिहार में इस पर प्रतिबंध नहीं है. इनके द्वारा पीएफआई अपने संगठन को विस्तार में लगा हुआ था इसके लिए सारण, मुजफ्फरपुर, कटिहार, दरभंगा और मिथिलांचल आदि जगहों पर अलग-अलग लोगों को संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई थी. खेसारी का कार्यालय उन जगहों पर खोलने को कहा गया था जहां पर उनके समुदाय के लोग ज्यादातर रहते हैं.

अतहर परवेज के मोबाइल से खुलेंगे कई राज: एटीएस की विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किए गए अतहर परवेज के पास से बरामद किया गया मोबाइल फोन का सीडीआर खंगाला जा रहा है और इसके माध्यम से उन लोगों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी जो इसमें शामिल हैं. पुलिस द्वारा सीडीआर के माध्यम से हाल के दिनों में किन-किन लोगों से उनकी बातचीत हुई है यह सब पता लगाया जा रहा है. पटना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया तीसरा व्यक्ति अरमान मलिक पहले से ही एक मामले में सजायाफ्ता है. उसे 20 साल की सजा हो चुकी है और वह इस मामले में न्यायालय से बेल पर है. मिल रही जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किया गया अतहर और जलालुद्दीन से पूछताछ के लिए पटना पुलिस उसे रिमांड पर लेगी, जिसके लिए जल्द ही न्यायालय के समक्ष आवेदन भी दिया जाएगा. उम्मीद है कि पूछताछ के क्रम में कई और लोगों के नाम का खुलासा हो सकता है.

19 की NIA को तलाश: आईबी की जांच में पता चला है कि देश विरोधी साजिश रचने वालों में मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, अरमान मलिक, ताहिर अहमद,शब्बिर मलिक और शमीम अख्तर के अलावा और भी कई लोग हैं. जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उनमें रियाज मॉरिफ, सनाउल्लाह, तौसिफ, महबूब आलम, एहसान परवेज, मो. सलमान, मो. रसलान (सचिव, बिहार-बंगाल क्षेत्रीय समिति PFI), महबूब-ऊर-रहमान, इम्तियाज दाऊद, महबूब अलम, खलीकुर जमा, मो. अमीन आलम (टीचर ट्रेनिंग कॉलेज गोनपुरा फुलवारीशरीफ के कर्मचारी), जिशान अहमद, रियाज अहमद, मंजर परवेज, नुरुद्दीन जंगी ऊर्फ एडवोकेट नुरुद्दीन, मो. रियाज (PFI का राष्ट्रीय नेता), मो. अंसारुल हक (मिथिलांचल यूनिट का निदेशक प्रभारी), मंजहरुल इस्लाम, अब्दुर्रहमान, मो. मुस्तकिन, अरमान मलिक, परवेज आलम (राज्य कमेटी सदस्य PFI मिथिलांचल), शामिल हैं, जो समय समय पर फुलवारीशरीफ आकर ब्रेनवॉश करते थे और भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करते थे.

पढ़ें- PFI की देश विरोधी गतिविधियों का खुलासा, फुलवारी शरीफ से रिटायर्ड SI समेत 2 संदिग्ध गिरफ्तार

पटना: राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ से ( PFI Connection With Bihar) 3 संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद बिहार पुलिस और एटीएस का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. इसी कड़ी में 4 और लोगों की गिरफ्तारी की गई है. इससे जुड़े अबतक 7 लोग (Seven Arrested For Association With Terrorist Organization) गिरफ्त में आ चुके हैं. हालांकि अब भी 19 लोगों की एनआईए को तलाश है. बिहार पुलिस के सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जलालुद्दीन अतहर और अरमान मलिक की गिरफ्तारी के बाद दानिश और शमीम अख्तर (shamim akhtar Arrested in nalanda) भी पुलिस की हिरासत में हैं. हालांकि इसकी पुष्टि पटना पुलिस अभी भी नहीं कर रही है.

ये भी पढ़ें: 'मिशन इस्लामिक स्टेट' का नालंदा कनेक्शन! जानिये क्या है शमीम अख्तर का आतंकियों से संबंध?

अब तक 7 गिरफ्तार: अब तक मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, अरमान मलिक, ताहिर अहमद, शब्बिर मलिक, शमीम अख्तर और इलियास ताहिर उर्फ मगरूब को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से तीन की पहले गिरफ्तारी हुई थी और जांच के दौरान और चार लोगों को पकड़ा गया था. वहीं अब इलियास ताहिर उर्फ मगरूब को अरेस्ट किया गया है. इधर नालंदा जिले के सोहराय से शमीम अख्तर को धर दबोचा गया है. वहीं शब्बिर मलिक को भी पकड़ा गया है. आईबी की जांच में पटना के फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार अतहर परवेज और जलालुद्दीन के अलावा 24 संदिग्धों के नाम सामने आए जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं. गिरफ्तारी के बाद प्राथमिकी में नालंदा, सारण, पटना, चंपारण और दरभंगा के भी कई संदिग्धों के नाम शामिल हैं. मिल रही जानकारी के अनुसार फुलवारी शरीफ इलाके से पकड़े गए पीएफआई (Popular Front of India) के दो सदस्य मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज को बेउर जेल में अलग-अलग सेल में रखा गया है. इनकी गिरफ्तारी के बाद बेउर जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

पाकिस्तान और बांग्लादेश के संपर्क में था मगरूब: फुलवारी शरीफ मामले में पुलिस ने एक और बड़ा खुलासा किया है. पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि गजवा-ए-हिंद ग्रुप बनाकर पाकिस्तान के कई लोगों को ग्रुप में जोड़ने के आरोप में फुलवारी शरीफ से एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार शख्स का नाम इलियास ताहिर उर्फ मगरूब बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक यह व्हाट्सएप और मैसेंजर ग्रुप के जरिए पाकिस्तान और बांग्लादेश से बात करता था.

आतंक का कारोबारी कनेक्शन: आपको बता दें कि आतंकी मिशन 2047 में शामिल 26 में से 10 लोग पटना के हैं, इनमें से कुछ बड़े बिजनेसमैन, कॉलेज कर्मचारी और रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर एक शामिल हैं. बिहार पुलिस के मुताबिक, ये सभी अपनी पहचान छिपाकर देश विरोधी मुहिम में लगे थे. ये लोग शिक्षित बेरोजगार युवकों को बहला-फुसलाकर अपने ट्रेनिंग सेंटर पर लाते थे. वहां यह दोनों समुदाय के बीच नफरत फैलाने की ट्रेनिंग देते थे. पुलिस सूत्रों की माने तो पटना के एग्जीबिशन रोड के मशीन टूल्स का एक कारोबारी भी इसमें शामिल था, जिसका नाम मोहब्बत आलम बताया जा रहा है. मोहब्बत आलम पटना से सुलतानगंज थाना के तहत शरीफ कॉलोनी का रहने वाला है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई की जा रही है. वहीं मोहम्मद अमीन आलम फुलवारी शरीफ के ही गोनपूरा स्थित टीचर ट्रेनिंग कॉलेज का कर्मचारी है.

CAA NRC के खिलाफ आंदोलन को किया था लीड: नालंदा जिला के बिहार शरीफ के सोहराय के रहने वाले गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी शमीम अख्तर के बारे में बताया जा रहा है कि जब देश में CAA NRC का विरोध चल रहा था, तब शमीम के द्वारा नालंदा से इस आंदोलन को लीड किया जा रहा था. बिहार पुलिस की विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शमीम अख्तर को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. कई बार शमीम ने सरकार के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन में अहम भूमिका निभायी थी.

अरमान मलिक को गुप्त स्थान पर ले गई पुलिस: पुलिस गिरफ्तार अरमान मलिक को गुप्त स्थान पर लेकर चली गई है. इसके अलावा पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ के मुनीर कॉलोनी से मरगूब दानिश को भी हिरासत में लिया है. दानिश पीएफआई का सक्रिय सदस्य है. मिल रही जानकारी के अनुसार राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में पिछले 2 महीने से समय-समय पर अमर पैलेस में मीटिंग किया जा रहा था और लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही थी.

PFI बिहार में नहीं है बैन?: गुरुवार को पटना SSP ने बताया था कि प्रधानमंत्री के आगमन से पहले फुलवारी शरीफ में 7 जुलाई को भी एक मीटिंग हुई थी, जिसमें कई संदिग्ध लोग आए थे. पुलिस के द्वारा इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद अहमद पैलेस एवं उनके घर से हिंदी में लिखा 25 पर्चा और उर्दू में लिखा 3050 मिला है. यही नहीं चौकी के नीचे सफेद रंग के प्लास्टिक के झूले में 49 कपड़े का झंडा लाल हरा और सफेद तथा झंडे पर नीला तारा बना हुआ मिला है. मिल रही जानकारी के अनुसार पुलिस के पूछताछ में पीएफआई अपने संगठन के विस्तार में लगा हुआ था. हालांकि पीएफआई पर बैन है, लेकिन बिहार में इस पर प्रतिबंध नहीं है. इनके द्वारा पीएफआई अपने संगठन को विस्तार में लगा हुआ था इसके लिए सारण, मुजफ्फरपुर, कटिहार, दरभंगा और मिथिलांचल आदि जगहों पर अलग-अलग लोगों को संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई थी. खेसारी का कार्यालय उन जगहों पर खोलने को कहा गया था जहां पर उनके समुदाय के लोग ज्यादातर रहते हैं.

अतहर परवेज के मोबाइल से खुलेंगे कई राज: एटीएस की विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किए गए अतहर परवेज के पास से बरामद किया गया मोबाइल फोन का सीडीआर खंगाला जा रहा है और इसके माध्यम से उन लोगों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी जो इसमें शामिल हैं. पुलिस द्वारा सीडीआर के माध्यम से हाल के दिनों में किन-किन लोगों से उनकी बातचीत हुई है यह सब पता लगाया जा रहा है. पटना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया तीसरा व्यक्ति अरमान मलिक पहले से ही एक मामले में सजायाफ्ता है. उसे 20 साल की सजा हो चुकी है और वह इस मामले में न्यायालय से बेल पर है. मिल रही जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किया गया अतहर और जलालुद्दीन से पूछताछ के लिए पटना पुलिस उसे रिमांड पर लेगी, जिसके लिए जल्द ही न्यायालय के समक्ष आवेदन भी दिया जाएगा. उम्मीद है कि पूछताछ के क्रम में कई और लोगों के नाम का खुलासा हो सकता है.

19 की NIA को तलाश: आईबी की जांच में पता चला है कि देश विरोधी साजिश रचने वालों में मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, अरमान मलिक, ताहिर अहमद,शब्बिर मलिक और शमीम अख्तर के अलावा और भी कई लोग हैं. जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उनमें रियाज मॉरिफ, सनाउल्लाह, तौसिफ, महबूब आलम, एहसान परवेज, मो. सलमान, मो. रसलान (सचिव, बिहार-बंगाल क्षेत्रीय समिति PFI), महबूब-ऊर-रहमान, इम्तियाज दाऊद, महबूब अलम, खलीकुर जमा, मो. अमीन आलम (टीचर ट्रेनिंग कॉलेज गोनपुरा फुलवारीशरीफ के कर्मचारी), जिशान अहमद, रियाज अहमद, मंजर परवेज, नुरुद्दीन जंगी ऊर्फ एडवोकेट नुरुद्दीन, मो. रियाज (PFI का राष्ट्रीय नेता), मो. अंसारुल हक (मिथिलांचल यूनिट का निदेशक प्रभारी), मंजहरुल इस्लाम, अब्दुर्रहमान, मो. मुस्तकिन, अरमान मलिक, परवेज आलम (राज्य कमेटी सदस्य PFI मिथिलांचल), शामिल हैं, जो समय समय पर फुलवारीशरीफ आकर ब्रेनवॉश करते थे और भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करते थे.

पढ़ें- PFI की देश विरोधी गतिविधियों का खुलासा, फुलवारी शरीफ से रिटायर्ड SI समेत 2 संदिग्ध गिरफ्तार

Last Updated : Jul 15, 2022, 6:55 PM IST
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