पटना: भोजपुरी गायिका देवी ने पटना में सबसे चर्चित प्रोफेसर मटुकनाथ और शिष्या जूली की प्रेम कहानी में ट्विस्ट ला दिया. जूली की सहेली देवी का दावा है कि जूली त्रिनिदाद में है और बीमार है, लवगुरु मटुकनाथ उसकी मदद करने से कन्नी काट रहे हैं.
देवी अब केंद्र और बिहार सरकार से जूली को भारत लाकर इलाज कराने की गुहार लगा रही हैं. उन्होंने बताया कि जूली ने उनसे छह महीने पहले मदद मांगी थी. इस दौरान उसने कई लोगों से मदद मांगी, लेकिन जब कहीं कुछ नहीं हुआ, तब आज यह सच्चाई सामने ला रही हैं.
'मटुकनाथ ने कहा- मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं'
देवी ने कहा, 'जो व्यक्ति समाज से लड़कर, समाज के सामने खुलेआम प्यार किया और आज जब उसे इसकी जरूरत है तो कोई कैसे कह सकता है कि उसके पास पैसे नहीं हैं. मटुकनाथ ने जूली को भारत लाने से इनकार कर दिया और कहा, मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं.'
जूली की मदद के लिए CM नीतीश को लिखी चिट्ठी
देवी का कहना है कि वह अब अपनी सहेली जूली को हर हाल में भारत लाएंगी और उसका इलाज करवाएंगी. देवी ने जूली की मदद के लिए मुख्यमंत्री नीतीश को पत्र लिखा है और विदेश मंत्रालय से भी गुहार लगाई है. उन्होंने मटुकनाथ के प्रेम को झूठा और ढोंग करार देते हुए कहा कि जिस लड़की ने प्रेम के खातिर सबकुछ त्याग दिया, आज इस हालत में मटुकनाथ ने उसका साथ छोड़ दिया है. पत्र में देवी ने लिखा है कि 'जूली मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार है.'
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बरसेंगे सावन झूमझूम के...जब मिलेंगे दो दिल
एंजेसी की खबर के मुताबिक, इस संबंध में जब मटुकनाथ से बात की गई तो उन्होंने अपने अंदाज कहा, 'बरसेंगे सावन झूमझूम के, दो दिल जब मिलेंगे.' उन्होंने जूली के संबंध में पूछे जाने पर कहा, 'मैं कुर्बानी नहीं करता, कभी मैं त्याग की बात नहीं करता, सबके लिए यह दरवाजा खुला है, मैं प्यार की बात करता हूं.'
जब जूली के साथ...पूरे देश में चर्चा में आए थे
पटना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मटुकनाथ साल 2006 में खुद से 30 साल छोटी छात्रा जूली के साथ प्रेम संबंध को लेकर पूरे देश में चर्चा में आए थे. जूली मटुकनाथ के साथ 2007 से 2014 तक 'लिव इन रिलेशनशिप' में भी रही, लेकिन इसके बाद वह पटना से चली गई.
जूली और मटुकनाथ की पहली मुलाकात
उस समय कहा गया था कि जूली और मटुकनाथ की पहली मुलाकात साल 2004 में हुई थी. मटुकनाथ पटना के बीएन कॉलेज में पढ़ाते थे और जूली उनकी छात्रा थी. मटुकनाथ ने शिष्या से प्रेम होने पर अपने बसे बसाए परिवार का साथ छोड़ दिया था। उधर जूली के परिवार वालों ने भी उससे रिश्ते तोड़ लिए थे.
मटुकनाथ के मुंह पर कालिख
इस प्रेम संबंध का काफी विरोध हुआ था. यहां तक कि कुछ लोगों ने मटुकनाथ के मुंह पर कालिख तक पोत दिए थे. विवाद बढ़ने पर विश्वविद्यालय ने मटुकनाथ को निलंबित कर दिया था. इस घटना के बाद मटुकनाथ 'लवगुरु' नाम से चर्चित हो गए थे.