पटना: राजधानी के इनकम टैक्स गोलंबर स्थित तारा मंडल के सभागार में ग्रामीण हस्तकला विकास समिति की ओर से नेशनल सिल्क एक्सपो का आयोजन किया गया है. ये एक्सपो एक से 10 अगस्त तक चलेगा. इसमें देशभर की 25 जगहों से आए कारीगरों ने सिल्क के कपड़ों की प्रदर्शनी लगायी है. इसमें सिल्क की सभी वैराइटीज मौजूद हैं.
15 सौ से 50 हजार तक के सिल्क के कपड़े मौजूद
इस एक्सपो में लद्दाख के कारीगरों ने भी स्टाल लगाए हैं. जम्मू से आए राहुल ने बताया कि उनके स्टॉल पर पश्मीना, कातान, लेलन और जूट सिल्क उपलब्ध है. उनकी स्टाल पर 15 सौ से लेकर 50 हजार तक के रेंज में सिल्क के कपड़े मौजूद हैं. वहीं, असम के गुवाहाटी से आई कारीगर दानी दास ने बताया कि उनके स्टॉल पर 6 वैरायटी के सिल्क के कपड़े मौजूद है. काजीरंगा सिल्क उनके स्टॉल की खासियत है. उन्होंने बताया कि यहां लोगों का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है और इस तरह के आयोजन से कारीगरों को काफी फायदा होता है और उन्हें डिफरेंट डिजाइंस भी मिलते हैं. साथ ही कहा कि भागलपुरी सिल्क पर मधुबनी पेंटिंग लोगों को खूब भा रही है.
यहां खरीदारी करने आई शीतल ने बताया कि उन्हें इस एक्सपो में आकर काफी अच्छा लगा. यहां सही रेंज में डिफरेंट वैराइटीज के सिल्क के कपड़े हैं. कलेक्शन अच्छा होने की वजह से उन्हें यहां खरीदारी करना पसंद है.
देश भर में लगाए जाते हैं कुल 125 सिल्क एक्सपो
सिल्क एक्सपो के कोऑर्डिनेटर जयेश कुमार गुप्ता ने बताया कि देशभर में पूरे साल में कुल 125 एक्सपो सिल्क को प्रमोट करने के लिए लगाए जाते हैं. इस एक्सपो के माध्यम से कारीगरों को डिफरेंट प्रकार के सिल्क को जानने और नए-नए डिजाइन तैयार करने में मदद मिलती है. बनारसी सिल्क पर काजीरंगा पेंटिंग और पशमीना सिल्क पर मधुबनी पेंटिंग कर कारीगर नए-नए डिजाइन के प्रोडक्ट तैयार करते हैं, जो कि लोगों को काफी पसंद आती है. उन्होंने बताया कि अगले साल से बिहार के चार-पांच छोटे शहरों में भी इस तरह के एक्सपो को लगाने की योजना है ताकि वहां के छोटे-छोटे स्थानीय कारीगरों को एक मंच मिले. यह सिल्क एक्सपो सिल्क से जुड़े छोटे कारीगरों को अपने सामान बेचने का एक मंच मुहैया कराता है.