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Covid-19: फिर फीकी हुई श्रावणी मेले की चमक, इस साल भी नजर नहीं आएंगे कांवड़िए

कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले के आयोजन पर रोक लगा दी है. लोगों से घर में ही पूजा-पाठ करने की अपील की गई है.

श्रावणी मेले
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Published : Jul 19, 2021, 10:14 PM IST

पटनाः कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर (Corona Third Wave) को देखते हुए एहतियात के तौर पर इस साल श्रावणी महोत्सव (Shravani Mahotsav) का आयोजन नहीं किए जाने का फैसला लिया गया है. बिहार सरकार (Bihar Government) के द्वारा जारी एक आदेश का हवाला देते हुए बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने इसकी घोषणा की है.

इसे भी पढ़ें- तेजी से नहीं हो रहा कोरोना के दूसरे डोज का वैक्सीनेशन, ऐसे जीतेंगे तीसरी लहर से जंग?

"राज्य सरकार ने 5 जुलाई 2021 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें 6 अगस्त तक किसी भी तरह के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाई गई है. इस आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी मंदिरों में इस अवधि तक आम जनों के जाने पर रोक है. रविवार को हुई मीटिंग में यह फैसला लिया गया है कि इस बार कांवड़ यात्रा को लेकर वे अपने घर पर ही पूजा-अर्चना करें. क्योंकि कोरोना वायरस की तीसरी लहर की संभावना अगस्त तक आने की संभावना है. इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है. अगर कोविड प्रोटोकॉल के तहत 20-25 लोगों के शामिल होने पर ऐतराज नहीं है, लेकिन मंदिर में इस तरह का आयोजन नहीं होगा. मंदिर में सिर्फ पुजारी ही पूरा कर सकेंगे."- अखिलेश कुमार जैन, अध्यक्ष, बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड

देखें वीडियो

बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि सुल्तानगंज और भागलपुर से जल भी नहीं उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह फैसला लोगों के हित में है, इसलिए हर बार की तरह इस बार भी लोग अपने जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे और कोरोना के खिलाफ जंग लड़ेंगे.

इसे भी पढ़ें- IIT कानपुर ने कोरोना की तीसरी लहर पर किया शोध

बता दें कि बिहार के भागलुपर जिले के अजगैबीनाथ मंदिर में लगने वाला श्रावणी मेला विश्व प्रसिद्ध है. सावन के महीने में लगने वाले इस मेले का भक्त साल भर इंतजार करते हैं. महीनों पहले से इसकी तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं. लेकिन, इस साल भी कोरोना का कहर जारी है, लिहाजा कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सरकार ने इसके आयोजन पर रोक लगा दी है. आपको बताते चलें कि पिछली बार भी श्रावणी मेले का आयोजन नहीं हो पाया था.

पटनाः कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर (Corona Third Wave) को देखते हुए एहतियात के तौर पर इस साल श्रावणी महोत्सव (Shravani Mahotsav) का आयोजन नहीं किए जाने का फैसला लिया गया है. बिहार सरकार (Bihar Government) के द्वारा जारी एक आदेश का हवाला देते हुए बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने इसकी घोषणा की है.

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"राज्य सरकार ने 5 जुलाई 2021 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें 6 अगस्त तक किसी भी तरह के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाई गई है. इस आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी मंदिरों में इस अवधि तक आम जनों के जाने पर रोक है. रविवार को हुई मीटिंग में यह फैसला लिया गया है कि इस बार कांवड़ यात्रा को लेकर वे अपने घर पर ही पूजा-अर्चना करें. क्योंकि कोरोना वायरस की तीसरी लहर की संभावना अगस्त तक आने की संभावना है. इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है. अगर कोविड प्रोटोकॉल के तहत 20-25 लोगों के शामिल होने पर ऐतराज नहीं है, लेकिन मंदिर में इस तरह का आयोजन नहीं होगा. मंदिर में सिर्फ पुजारी ही पूरा कर सकेंगे."- अखिलेश कुमार जैन, अध्यक्ष, बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड

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बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि सुल्तानगंज और भागलपुर से जल भी नहीं उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह फैसला लोगों के हित में है, इसलिए हर बार की तरह इस बार भी लोग अपने जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे और कोरोना के खिलाफ जंग लड़ेंगे.

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बता दें कि बिहार के भागलुपर जिले के अजगैबीनाथ मंदिर में लगने वाला श्रावणी मेला विश्व प्रसिद्ध है. सावन के महीने में लगने वाले इस मेले का भक्त साल भर इंतजार करते हैं. महीनों पहले से इसकी तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं. लेकिन, इस साल भी कोरोना का कहर जारी है, लिहाजा कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सरकार ने इसके आयोजन पर रोक लगा दी है. आपको बताते चलें कि पिछली बार भी श्रावणी मेले का आयोजन नहीं हो पाया था.

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