पटनाः शरद यादव आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव से मिलकर वापस पटना लौट गए हैं. लालू से मुलाकात के बाद शरद यादव ने साफ कर दिया है कि वो सीएम पद के कैंडिडेट नहीं है. आरजेडी महागठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी है. वो दिल्ली की सियासत में ही सक्रिय रहेंगे. शरद यादव रांची जाने से पहले ही ईटीवी भारत से बातचीत में इस बात कही थी. सीएम कैंडिडेट से खुद को अलग करने से आरजेडी नेताओं ने राहत की सांस ली है.
शरद यादव का कहना है कि सीएम बिहार का ही होगा. उनका कहना है कि 'मैं शुरू से ही दिल्ली में राजनीति करता हूं, इसलिए मेरे बिहार का मुख्यमंत्री उम्मीदवार होने का प्रश्न ही नहीं है.' शरद यादव ने आगे यह भी कहा कि राजद बिहार की सबसे बड़ी पार्टी है और इस पार्टी ने पहले ही तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है, जो सही भी है. शरद यादव ने कहा कि, 'मैं महागठबंधन का चेहरा नहीं नेता तेजस्वी यादव हैं और आरजेडी ही सबसे बड़ी पार्टी है.' उन्होंने साथ ही कहा कि महागठबंधन को एकजुट होकर चुनाव लड़ना होगा.
शरद को चेहरा बना रहे थे महागठबंधन के नेता
ईटीवी भारत से बातचीत में शरद ने साफ करते हुए कहा था कि वो दिल्ली की सियासत छोड़कर वापस बिहार नहीं आयेंगे. दरअसल, एक सप्ताह पहले रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी के साथ शरद यादव ने पटना में बंद कमरे में बैठक की थी, जिसके बाद तमाम तरह के कयास लग रहे थे.
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रालोसपा प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने पिछले दिनों महागठबंधन को प्रस्ताव दिया था कि दिग्गज समाजवादी नेता शरद यादव को इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के चेहरे के रूप में पेश किया जाना चाहिए. शरद यादव का मानना है कि पिछली बार महागठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद आरजेडी ने समझौता किया था, उसी तरह इस बार भी एनडीए को हराने के लिए सभी को समझौता कर एकजुट होना पड़ेगा.