पटना: बिहार में आसमान से लोगों पर कहर टूट रहा है. तेज आंधी-बारिश के दौरान ठनका गिरने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. बुधवार को 7 और लोगों की मौत हो गयी है. वहीं कई लोग झुलस गए हैं. सबसे ज्यादा कहर सारण में देखने को मिला है जहां एक बच्ची समेंत तीन लोगों की मौत हो गयी है. इस प्रकार देखें तो पिछले 24 घंटे में 23 लोगों की मौत हुई है.
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सारण में बरसा आसमान से कहर: सारण के अलग-अलग प्रखंडों में तेज आंधी और बारिश (Rainy Season In Saran) के दौरान ठनका गिरने से मां-बेटी समेत तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं, आधा दर्जन लोग झुलस कर गंभीर रूप से घायल हो गए. पहली घटना जिले के मांझी प्रखंड की है. जहां तीन गांवों में व्रजपात हुआ. इसमें एक युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. जबकि दो लोग गम्भीर रूप जख्मी हुए हैं उधर, दरियापुर के टड़वा मगरपाल गांव से एक महिला और उसकी सात माह की दूधमुही बच्ची की बिजली गिरने से मौत हो गई.
रोहतास में 2 लोगों की मौत : इसी बीच रोहतास में व्रजपात से 2 लोगों की मौत (Thunder In Rohtas Many People Died ) और 3 के झूलसने की खबर है. वज्रपात में झुलसे लोगों को इलाज के लिए सासाराम सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जबकि दोनों मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को शव सौंप दिया गया है.
अरवल और मुजफ्फरपुर में 1-1 मौत : अरवल और मुजफ्फरपुर जिले में भी ठनका ने कहर बरपाया है. इन दोनों जिलों में भी एक-एक व्यक्ति की जान चली गयी है. अरवल के सोन नदी में मछली पकड़ने गए युवक की वज्रपात से मौत हो गयी. मृतक की पहचान सदर थाना क्षेत्र के मल्हीपट्टी गांव निवासी वीरेंद्र कुमार के रूप में हुई है.
मौजूदा सीजन में 35 की मौत : आपदा प्रबंधन मंत्री रेणु देवी (Minister Renu Devi) ने कहा है कि इस मौजदा सीजन में व्रजपात से 35 लोगों की मौत (35 People Died Due to Lightning) हो चुकी है. आज और कल की आंकड़ों पर नजर डाले तो सिर्फ दो दिन के अंदर आकाशीय बिजली से 23 लोगों की मौत हुई है. आपदा विभाग लोगों से सावधानी बरतने की अपील कर रहा है.
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बिजली गिरने पर क्या करेंः सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें. यह इस बात का संकेत है कि आपके आस-पास बिजली गिरने वाली है. दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें. सिर को जमीन से सटने न दें. जमीन पर कभी न लेटें. पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों. समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं. जहां हैं, वहीं रहें. हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें. घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें. बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें. बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें.