नवादा: खुशियों, उमंगों और नई आशाओं के साथ पूरा देश नए साल 2020 का स्वागत करने को तैयार है. ऐसे में एक दौर में लोगों के बीच ग्रीटिंग कार्ड का एक अलग ही क्रेज हुआ करता था. लेकिन सोशल मीडिया के आने के बाद लोगों में इसका क्रेज अब लगभग खत्म हो चुका है.
जिस वजह से एक तबके के लोग एक झटके में बेरोजगार हो गए. नवादा में एक स्थानीय दुकानदार ने ईटीवी भारत की टीम से बात करते हुए कहा कि अब देश देश डिजिटल इंडिया की राह पर चल चुका है. यह उपयोग में तो काफी सरल है. लेकिन इस वजह से ग्रीटिंग्स का बाजार अब लगभग खत्म हो चुका है.
'भावनात्मक टच हुआ खत्म'
एक दौर था जब लोग क्रिसमस और न्यू ईयर पर लोग एक-दूसरे को ग्रीटिंग कार्ड से बधाई देते थे. लेकिन अब देश डिजिटल होते जा रहा है और इसके साथ ही कई पुरानी चीजें पीछे छूटती जा रही है. स्थानीय युवा अक्षय और बबलू कुमार बताते है कि एक समय था जब दिसंबर के समय में लोग ग्रीटिंग कार्ड खरीदने के लिए चक्कर लगाते फिरते थे. लेकिन मोबाइल के आते ही सब खत्म हो चुका है. मोबाइल से लोग तेज-त्वरित संदेश तो भेज देते है. लेकिन भावनात्मक टच समाप्त हो चुका है.
'रोजगार पर लगा ग्रहण'
इस बाबात स्थानीय दुकानदार राहुल कुमार बताते है कि मोबाईल से कई चीजें सुलभ तो हुई, लेकिन हमारे रोजगार पर ग्रहण लग गया. पहले दिसंबर महिने के शुरू होते ही लोगों की भीड़ दुकान पर बढ़ जाती थी. लेकिन अब ग्रीटिंग कार्ड का दौर समाप्त हो चुका है.अब इसकी बिक्री प्रतिशत 10 प्रतिशत से भी कम हो चुकी है.
डिजिटल का है जमाना
गौरतलब है कि सोशल मीडिया और ऑनलाइन के चलते अब लोग मोबाइल पर शुभकामनाएं देने लगे हैं. अब न तो कोई ग्रीटिंग्स खरीदना चाहता है और ना हो कोई इसे लेना चाहता है. ऐसे में इनमें सबसे बुरा हाल इन रोजगार से जुड़े लोगों का हैं.