पटना: बांका के नवटोलिया नूरी मस्जिद के पास मदरसा में हुआ बम ब्लास्ट (Blast in Madarsa) मामला अब हाई प्रोफाइल होता जा रहा है. संदेह जताया जा रहा है कि धमाका आईईडी के चलते हुआ. ब्लास्ट में मारे गए मौलाना अब्दुल मोमिन (Imam killed in blast) का तार तबलीगी जमात से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है.
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FSL की टीम कर रही जांच
एफएसएल (Forensic Science Laboratory) की टीम मामले की जांच कर रही है. एटीएस के साथ ही एसडीपीओ दिनेश चंद्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में एसआईटी (SIT) भी जांच कर रही है. हालांकि 48 घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक पुलिस को कामयाबी नहीं मिली है. बम धमाके की जांच एनआईए (NIA) भी करेगी. बांका मस्जिद में हुए विस्फोट का आतंकियों से कनेक्शन है या नहीं, यह जांच का विषय है. इस घटना के बाद एक बार फिर यह मुद्दा चर्चा में आ गया है कि क्या बिहार आतंकियों के लिए सेफ जोन बन गया है.
बिहार में पकड़े गए हैं कई बड़े आतंकी
बिहार से गिरफ्तार हुए इंडियन मुजाहिदीन (Indian Mujahideen) के यासीन भटकल और अब्दुल असगर के अलावा आतंकी मदनी और शरजील इमाम की गिरफ्तारी बिहार से हुई थी. कहा जाता है कि बिहार को आतंकवादी अपने पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल करते रहे हैं. यही नहीं, अवैध हथियारों का भी कनेक्शन बिहार से रहा है.
मुंगेर से मिला था 20 एके-47 राइफल
2018 में मुंगेर से 20 एके-47 राइफल बरामद किया गया था. यह बात सामने आई थी कि मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थिति ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से गायब हुए 50 एके-47 में से ही 20 एके-47 मुंगेर में मिले थे. इसे आतंकियों और नक्सलियों से भी जोड़कर देखने की बात सामने आई थी.
सेफ जोन माना जाता है मिथिलांचल और सीमांचल
बिहार का मिथिलांचल और सीमांचल इलाका बॉर्डर से काफी सटा हुआ है. यह इलाका आतंकियों के छिपने के लिए सेफ जोन माना जाता है. बॉर्डर इलाका होने की वजह से आतंकियों को नेपाल या बंगाल भागने में आसानी होती है. फरवरी 2021 में सारण जिले के जावेद का जम्मू के आतंकियों से कनेक्शन सामने आया था.
आतंकियों को भेजे गए थे हथियार
सारण जिले के रिटायर शिक्षक महफूज अंसारी के 25 वर्षीय बेटे जावेद को उसके पैतृक घर से गिरफ्तार किया गया था. उसपर आरोप था कि उसने सात पिस्टल कश्मीर के आतंकियों तक पहुंचाया. हालांकि यह कोई पहली घटना नहीं है, जिसमें बिहार से आतंकियों के साथ संबंध रहने वाले को गिरफ्तार किया गया हो. इससे पहले भी कई आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है.
कब-कब पकड़े गए आतंकी
- 2000: आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के सदस्य मकबूल और जहीर को सीतामढ़ी में गिरफ्तार किया गया था.
- 20 जुलाई 2016: मुंबई एटीएस ने मधुबनी के बासोपट्टी बाजार से मोहम्मद कमाल को मुंबई लोकल ट्रेन धमाका केस में संलिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
- 2 जनवरी 2008: उत्तर प्रदेश के रामपुर के सीआरपीएफ कैंप में हुए विस्फोट मामले में मधुबनी के गंधवानी गांव से शबाऊद्दीन को गिरफ्तार किया गया था.
- 26 नवंबर 2011: दिल्ली पुलिस ने मधुबनी के सिंघानिया चौक और सकरी के दरबार टोला से अफजल और गुल अहमद जमाली को पकड़ा था.
- 19 नवंबर 2011: दरभंगा के केवटी के बाढ़ समोला के कतील सिद्दीकी उर्फ साजन को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था.
- 6 जनवरी 2012: दरभंगा के केवटी थाना के समोला गांव से कर्नाटक पुलिस ने संदिग्ध आतंकी मोहम्मद कफील अख्तर को गिरफ्तार किया था. उसकी संलिप्तता बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम विस्फोट केस में थी.
- 21 फरवरी 2020: एटीएस ने शिव धारा से साइकिल मिस्त्री कफील अहमद को आईएमए का मेंटर बताकर गिरफ्तार किया था.
साजिश की ओर इशारा कर रहा बम विस्फोट
बीएसएफ के पूर्व कमांडेंट ललन सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान जब सभी धार्मिक स्थल और स्कूल बंद हैं ऐसे में मदरसे में बम विस्फोट किसी साजिश की ओर इशारा कर रहा है. यह जांच का विषय है. जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है.
ललन सिंह ने कहा, "यूपी और बिहार के बॉर्डर से सटे इलाके में 1100 मदरसे तैयार हो गए हैं. 13 मई 2012 दरभंगा के केवटी के बाढ़ समोला गांव से फसीह महमूद को भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया था. 23 जनवरी 2013 को दरभंगा के लहरिया सराय थाने के चक जोहरा मोहल्ला से मोहम्मद दानिश अंसारी को गिरफ्तार किया गया था. दोनों आईएम के सरगना यासीन भटकल के लिए काम करते थे."
पूर्वी चंपारण से यासीन भटकल को किया गया था गिरफ्तार
ललन सिंह ने कहा, "अगस्त 2013 में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी यासीन भटकल और अब्दुल असगर उर्फ हड्डी को पूर्वी चंपारण से सटे नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया था. अगस्त 2019 में पश्चिम बंगाल में हुए विस्फोट के आरोपी को गया से कोलकाता एटीएस ने बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन के सदस्य को गिरफ्तार किया था."
"बिहार के सीमांचल का किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और मिथिलांचल का मधुबनी और दरभंगा जिला आतंकियों के लिए पनाहगाह के रूप में देखा जा जाता है. 2014 से पहले देश में कई जगह हुए बम ब्लास्ट मामले में जितने आतंकी पकड़े गए थे, उनमें से लगभग एक दर्जन बिहार के दरभंगा जिले के रहने वाले थे. कफील अहमद, वसी अहमद, शेख मोहम्मद, आदिल गयूर, अहमद जमाली और आफताब आलम जैसे कई नाम इसी जिले से ताल्लुक रखते थे"- ललन सिंह, पूर्व कमांडेंट, बीएसएफ
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