पटना: शहर में सफाई कर्मियों के धरना प्रदर्शन का आज दूसरा दिन है. समान काम के बदले समान वेतन सहित 15 सूत्रीय मांगों को लेकर सफाई कर्मी लगातार चरणबद्ध तरीके से निगम प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. पहले निगम के सभी अंचल कार्यालय के बाहर सफाई कर्मियों ने धरना प्रदर्शन किया और अब 2 दिनों से मौर्य लोक कॉम्पलेक्स में निगम मुख्यालय के पास अपनी मांगों को लेकर लगातार निगम प्रशासन और मेयर के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.
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'मांगें पूरी नहीं होने तक हड़ताल'
सफाई कर्मियों का कहना है कि यदि निगम प्रशासन हमारी मांगों को पूरा नहीं करता है, तो हम लोग आने वाले समय में चरणबद्ध तरीके से हड़ताल करेंगे. शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बाधित कर देंगे. इसकी जवाबदेही सिर्फ निगम प्रशासन और पटना नगर निगम की मेयर की होगी.
15 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन
सफाई कर्मियों का धरना प्रदर्शन को देखते हुए मंगलवार को निगम प्रशासन ने नंद किशोर दास के यूनियन को अवैध घोषित कर दिया है. जिसको लेकर यूनियन के नेता नंद किशोर दास ने कहा कि निगम प्रशासन हमारे यूनियन को अवैध घोषित करने वाले कौन होते हैं.
''क्या संविधान में छोटे मजदूरों को आवाज उठाना गुनाह है. यदि निगम प्रशासन में हिम्मत है, तो इन सफाई कर्मियों पर कार्रवाई करके दिखाए. जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक हम लोग धरना प्रदर्शन करते रहेंगे''- नंद किशोर दास, सफाई यूनियन नेता पीएमस
मेयर ने किया काम पर लौटने का अनुरोध
सफाई कर्मियों के धरना प्रदर्शन को लेकर पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू ने सफाई कर्मियों से अनुरोध किया है, कि सभी सफाई कर्मी शहर की सफाई करते रहें. निगम प्रशासन उनके हित के बारे में लगातार विचार विमर्श कर रहे हैं. उनकी जितनी भी मांगे हैं उस पर भी विचार हो रहा है.
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बता दें कि पटना नगर निगम के सफाई कर्मी अपनी मांगों को लेकर कई वर्षों से निगम प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन और हड़ताल करते आ रहे हैं. लेकिन अभी तक उनकी मांगों को निगम प्रशासन की तरफ से नहीं माना गया है. जिसको लेकर अब सफाई कर्मी निगम प्रशासन के खिलाफ आर-पार के मूड में दिखाई दे रहे हैं.
कैसे सुधरेगी स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग?
ऐसे में सवाल उठता है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की रैंकिंग में सुधार को लेकर निगम प्रशासन लगातार तैयारी कर रहा है. शहर की सफाई व्यवस्था में लगा हुआ है. यदि सफाई कर्मी अनिश्चित काल हड़ताल पर चले जाएंगे, तो शहर की सूरत बिगड़ जाएगी. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा गठित टीम यदि सर्वे के लिए बिहार आ गई और शहर की सूरत देखकर जाएगी, तो निश्चित ही इस बार भी स्वच्छता सर्वेक्षण के रैंकिंग में पटना एक बार फिर से फिसड्डी साबित होगा.