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बाढ़ नगर परिषद में पक्ष-विपक्ष के अनिश्चितकालीन धरना का दूसरा दिन, कार्यपालक पदाधिकारी के तबादले की मांग पर अड़े मुख्य पार्षद

इस अनशन में पक्ष-विपक्ष के साथ परिषद के सफाई कर्मी भी अब कूद पड़े है. धरने के दूसरे दिन सफाई कर्मियों के साथ कई अन्य पार्षद ने कार्यपालक पदाधिकारी के तबादले की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की. इस दौरान कर्मियों ने वेतन वृद्धि की मांग समेत बकाए वेतन की मांग की.

बाढ़ नगर परिषद
निश्चितकालीन धरने का दुसरा दिन
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Published : Nov 29, 2019, 2:28 PM IST

बाढ़: नगर परिषद में मुख्य पार्षद के धरने का आज दूसरा दिन है. इस धरना प्रदर्शन में पक्ष और विपक्ष एक साथ कार्यपालक पदाधिकारी के खिलाफ धरना पर बैठे हुए हैं. धरना के दूसरे दिन परिषद के सफाई कर्मियों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. दरअसल, इस लड़ाई में एक खेमा नगर अध्यक्ष शकुंतला देवी और दूसरा महिला कार्यपालक पदाधिकारी जया के बीच है. इन दोनों के आपसी झगड़े में परिषद का सारा का सारा विकास कार्य बाधित है और जनता इन दोनों के बीच पिस रही है.

सफाई कर्मियों ने की नारेबाजी
इस अनशन में पक्ष-विपक्ष के साथ परिषद के सफाई कर्मी भी अब कूद पड़े है. धरने के दूसरे दिन सफाई कर्मियों के साथ कई अन्य पार्षद ने कार्यपालक पदाधिकारी के तबादले की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की. इस दौरान कर्मियों ने वेतन वृद्धि की मांग समेत बकाए वेतन की मांग की.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

किसी अधिकारी ने नहीं लिया संज्ञान- मुख्य पार्षद
इस, दौरान मुख्य पार्षद शकुंतला देवी ने बताया कि आज विरोध-प्रदर्शन का दूसरा दिन है. लेकिन किसी बड़े अधिकारी ने कोई संज्ञान नहीं लिया. मुख्य पार्षद ने बताया कि क्षेत्र के विकास के लिए अधिकारी का तबादला नितांत आवश्यक है. इसलिए जब तक कार्यपालक अधिकारी का तबादला नही हो जाता जब तक विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा.

मुख्य पार्षद शकुंतला देवी
मुख्य पार्षद शकुंतला देवी

बेबुनियाद आरोप लगा रही है मुख्य पार्षद- कार्यपालक पदाधिकारी
मामले पर सफाई देते हुए कार्यपालक पदाधिकारी जया ने बताया कि हमने इलाके के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए है. जिसका लिस्ट भी उपलब्ध करा दिया है. बताया जा रहा है कि कार्यपालक पदाधिकारी ने मुख्य वार्ड पार्षद के पति के खिलाफ कई घपला-घोटाला मामले को उजागर कर रही थी. जिस वजह से परिषद के दो खेमें बीच खुलकर लड़ाई चल रही है.

कार्यपालक पदाधिकारी जया
जया , कार्यपालक पदाधिकारी

क्या है मामला?
शकुंतला देवी महिला पदाधिकारी के ऊपर मनमानी और तानाशाही का आरोप लगा रही है. वहीं, दूसरी तरफ कार्यपालक पदाधिकारी मुख्य वार्ड पार्षद और उनके पति पर गंभीर आरोप लगा रही है. जिसको लेकर पूरा नगर परिषद इन दिनों जंग की मैदान बन कर रह गया है और इसका नतीजा क्षेत्र की बेगुनाह जनता भुगत रही है.

पहले भी बैठ चुकी है धरना पर
बता दें कि मुख्य वार्ड पार्षद और कार्यपालक पदाधिकारी के इस जंग में विगत 22 नवंबर को भी शकुंतला देवी पार्षद के सभी सदस्यों के साथ धरने पर बैठ चुकी है. हालांकि धरना-प्रदशर्न की सूचना प्रशासन जिला प्रशासन को नहीं देने के कारण उनको धरना समाप्त करना पड़ा था. लेकिन इस बार मुख्य वार्ड पार्षद सभी तैयारी पूरी कर मैदान में उतरी है.

बाढ़: नगर परिषद में मुख्य पार्षद के धरने का आज दूसरा दिन है. इस धरना प्रदर्शन में पक्ष और विपक्ष एक साथ कार्यपालक पदाधिकारी के खिलाफ धरना पर बैठे हुए हैं. धरना के दूसरे दिन परिषद के सफाई कर्मियों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. दरअसल, इस लड़ाई में एक खेमा नगर अध्यक्ष शकुंतला देवी और दूसरा महिला कार्यपालक पदाधिकारी जया के बीच है. इन दोनों के आपसी झगड़े में परिषद का सारा का सारा विकास कार्य बाधित है और जनता इन दोनों के बीच पिस रही है.

सफाई कर्मियों ने की नारेबाजी
इस अनशन में पक्ष-विपक्ष के साथ परिषद के सफाई कर्मी भी अब कूद पड़े है. धरने के दूसरे दिन सफाई कर्मियों के साथ कई अन्य पार्षद ने कार्यपालक पदाधिकारी के तबादले की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की. इस दौरान कर्मियों ने वेतन वृद्धि की मांग समेत बकाए वेतन की मांग की.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

किसी अधिकारी ने नहीं लिया संज्ञान- मुख्य पार्षद
इस, दौरान मुख्य पार्षद शकुंतला देवी ने बताया कि आज विरोध-प्रदर्शन का दूसरा दिन है. लेकिन किसी बड़े अधिकारी ने कोई संज्ञान नहीं लिया. मुख्य पार्षद ने बताया कि क्षेत्र के विकास के लिए अधिकारी का तबादला नितांत आवश्यक है. इसलिए जब तक कार्यपालक अधिकारी का तबादला नही हो जाता जब तक विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा.

मुख्य पार्षद शकुंतला देवी
मुख्य पार्षद शकुंतला देवी

बेबुनियाद आरोप लगा रही है मुख्य पार्षद- कार्यपालक पदाधिकारी
मामले पर सफाई देते हुए कार्यपालक पदाधिकारी जया ने बताया कि हमने इलाके के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए है. जिसका लिस्ट भी उपलब्ध करा दिया है. बताया जा रहा है कि कार्यपालक पदाधिकारी ने मुख्य वार्ड पार्षद के पति के खिलाफ कई घपला-घोटाला मामले को उजागर कर रही थी. जिस वजह से परिषद के दो खेमें बीच खुलकर लड़ाई चल रही है.

कार्यपालक पदाधिकारी जया
जया , कार्यपालक पदाधिकारी

क्या है मामला?
शकुंतला देवी महिला पदाधिकारी के ऊपर मनमानी और तानाशाही का आरोप लगा रही है. वहीं, दूसरी तरफ कार्यपालक पदाधिकारी मुख्य वार्ड पार्षद और उनके पति पर गंभीर आरोप लगा रही है. जिसको लेकर पूरा नगर परिषद इन दिनों जंग की मैदान बन कर रह गया है और इसका नतीजा क्षेत्र की बेगुनाह जनता भुगत रही है.

पहले भी बैठ चुकी है धरना पर
बता दें कि मुख्य वार्ड पार्षद और कार्यपालक पदाधिकारी के इस जंग में विगत 22 नवंबर को भी शकुंतला देवी पार्षद के सभी सदस्यों के साथ धरने पर बैठ चुकी है. हालांकि धरना-प्रदशर्न की सूचना प्रशासन जिला प्रशासन को नहीं देने के कारण उनको धरना समाप्त करना पड़ा था. लेकिन इस बार मुख्य वार्ड पार्षद सभी तैयारी पूरी कर मैदान में उतरी है.

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Body:बाढ़:धरने के दूसरे दिन भी कार्यपालक पदाधिकारी के विरोध में पक्ष-विपक्ष धरने पर बैठे हुए हैं और हाथ में तख्ती लेकर विरोध जता रहे हैं और कार्यपालक पदाधिकारी के ट्रांसफर पड़े हुए हैं। वही आज धरने के दूसरे दिन सफाई कर्मियों का साथ भी वार्ड पार्षद गण को मिल गया है।सफाई कर्मी भी दूसरी तरफ बैठकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी वेतन वृद्धि की मांग सहित बकाया वेतन मांग कर रहे हैं।

किसी भी नगर परिषद में अध्यक्ष,उपाध्यक्ष के विरुद्ध विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव धरना प्रदर्शन के बाद तो लोगों ने देखी भी होगी और सुनी भी होगी। लेकिन बाद में यह पहली घटना है जिसमें पक्ष-विपक्ष से लेकर अध्यक्ष अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं।वह भी कार्यपालक पदाधिकारी के विरुद्ध में। शादी विवाह का मौसम शुरू होते ही बाढ़ नगर परिषद द्वारा इस तरह का धरना प्रदर्शन बाढ़ के सेहत के लिए उचित नहीं है।लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी के रवैए से परेशान नगर सभी वार्ड पार्षद गण के पास भी कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।अध्यक्ष और उपाध्यक्ष कार्यपालक पदाधिकारी के ऊपर विगत 9 माह से कई संगीन आरोप लगा रहे हैं कि 9 माह पहले यहां के कार्यपालक पदाधिकारी जया ने पदभार संभाला है और शुरू से ही कार्यपालक पदाधिकारी और नगर परिषद कर्मी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा।जिसके कारण बाढ़ विकास की धार बिल्कुल मंद हो चुकी है।

शकुंतला देवी मुख्य पार्षद ने बताया कि धरने के दूसरे दिन भी कोई बड़े अधिकारी उनसे मिलने नहीं आए और ना ही कोई बातचीत करने के लिए तैयार है।वही शकुंतला देवी कार्यपालक पदाधिकारी तबादले पर अड़ी हुई है। वहीं जया कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि हमारे द्वारा 9 महीने में कई कार्य किए गए हैं जिसकी लिस्ट आपको उपलब्ध करा दी गई है। मेरे पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं।उन्होंने कहा कि हम काम किए हैं लेकिन हमने गलत काम नहीं किया।



आपको बता दें कि 22 तारीख को भी अनिश्चितकालीन धरना पर बाढ़ पार्षद के सभी सदस्य गण बैठे थे। लेकिन प्रशासन के दबिश के कारण उन्होंने धरना को बंद कर दिया।क्योंकि इन्होंने धरना का कोई भी सूचना प्रशासन को नहीं दिया था। इस बार उन्होंने धरना की सूचना जिलाधिकारी बाढ़ अनुमंडल अधिकारीबाढ़ अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सहित कई जगह पर देकर इस बार अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं अब देखना यह है कि आगे क्या होता है।


वाइट- शकुंतला देवी (मुख्य पार्षद)
वाइट- जया (कार्यपालक पदाधिकारी)

वाइट- सफाई कर्मचारी


Conclusion:
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