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पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ का दूसरा दिन खरना समाप्त, 36 घण्टे का निर्जला उपवास व्रत शुरू

लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के दूसरे दिन सभी छठ व्रतियों ने खरना की पूजा कर खीर और रोटी का भोग लगाया. भोग लगाने के बाद भगवान भास्कर और छठी मां की आराधना में 36 घण्टे का निर्जला व्रत शुरू हो गया.

खरना पूजा
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Published : Nov 1, 2019, 11:55 PM IST

पटना: चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के दूसरे दिन खरना के रूप में मनाया जाता है. छठव्रतियों ने पूजा कर खीर और रोटी का भोग लगाया. वहीं, खरना का प्रसाद ग्रहण कर छठ व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत की शुरुआत की.

खरना पूजा करने के बाद छठ व्रतियों ने अपने-अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना की. छठ व्रतियों ने बताया कि इस पूजा का खास महत्व है. इस दिन श्रद्धा के साथ सच्चे मन से जो इच्छा मांगी जाए सूर्य भगवान उसे जरूर पूरी करते हैं. खरना के बाद हमलोग डूबते सूर्य और उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने की तैयरी करेंगे. इस पूजा में डाला, दौरा सजाकर छठ घाट पर जाते हैं.

खरना पूजा

खरना के बाद सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी
बतातें चलें कि चार दिनों तक चलने वाला महान आस्था का पर्व छठ का शुक्रवार को दूसरा दिन रहा. इस दिन को खरना के रूप में मनाया गया. अब अस्ताचलगामी सूर्य और उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए राजधानी के सभी घाटों को सजा कर तैयार कर लिया गया है. वहीं, छठ पूजा को लेकर जिला प्रशासन मुस्तैद है.

पटना: चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के दूसरे दिन खरना के रूप में मनाया जाता है. छठव्रतियों ने पूजा कर खीर और रोटी का भोग लगाया. वहीं, खरना का प्रसाद ग्रहण कर छठ व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत की शुरुआत की.

खरना पूजा करने के बाद छठ व्रतियों ने अपने-अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना की. छठ व्रतियों ने बताया कि इस पूजा का खास महत्व है. इस दिन श्रद्धा के साथ सच्चे मन से जो इच्छा मांगी जाए सूर्य भगवान उसे जरूर पूरी करते हैं. खरना के बाद हमलोग डूबते सूर्य और उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने की तैयरी करेंगे. इस पूजा में डाला, दौरा सजाकर छठ घाट पर जाते हैं.

खरना पूजा

खरना के बाद सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी
बतातें चलें कि चार दिनों तक चलने वाला महान आस्था का पर्व छठ का शुक्रवार को दूसरा दिन रहा. इस दिन को खरना के रूप में मनाया गया. अब अस्ताचलगामी सूर्य और उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए राजधानी के सभी घाटों को सजा कर तैयार कर लिया गया है. वहीं, छठ पूजा को लेकर जिला प्रशासन मुस्तैद है.

Intro:लोकआस्था का महापर्व छठपूजा के दूसरे दिन खरना के रूप में सभी छठव्रती खरना का पूजा कर खीर और रोटी का भोग लगाकर भगवान भाष्कर और छठी माँ की आराधना में 36 घण्टा का निर्जला व्रत उपवास के साथ रखती है।


Body:स्टोरी:-खरना पूजन।
रिपोर्ट:-पटना सिटी से अरुण कुमार।
दिनांक:-01-11-019.
एंकर:-पटना सिटी,चार दिनों तक चलने बाला लोकआस्था का महापर्व छठपूजा के दूसरे दिन खरना के रूप में सभी छठव्रती श्रद्धालुओ ने पूरी आस्था और विश्वास के साथ भगवान भाष्कर और छठी माँ के आराधना में 36 घण्टे का निर्जला व्रत की शुरुआत कर चुकी है।सभी छठव्रती भगवान भाष्कर से अपना और अपना परिवार समेत सभी देश,प्रदेश,समाज की मंगल कामना की चाहत रखती है और सभी के जीवन मे सुख-शांति समृधि की कामना करती है।आज छठपूजा के दूसरे दिन खरना (लोहन्डा )के रूप में गुढ़ और अरवा चावल से बनी खीर और रोटी का भोग लगाकर छठपूजा के पारम्परिक गीत गाकर पूजा की शुरुआत करती है देखिये ईटीवी भारत की रिपोर्ट।खरना पूजन


Conclusion:लोकआस्था का महापर्व छठपूजा के दूसरे दिन खरना के रूप में सभी छठव्रती खरना का पूजा कर खीर और रोटी का भोग लगाकर भगवान भाष्कर और छठी माँ की आराधना में 36 घण्टा का निर्जला व्रत उपवास के साथ रखती है।
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