पटना: जैसे-जैसे बिहार में चुनाव नजदीक आ रहा है. वैसे-वैसे सभी पार्टियों में बेचैनी भी बढ़ रही है. विशेष रुप से किसी भी गठबंधन के छोटे दलों में ज्यादा बेचैनी है. चाहे एनडीए में लोजपा हो या फिर महागठबंधन में वीआईपी और रालोसपा. इन सब की स्थिति एक जैसी है.
महागठबंधन से सीट शेयरिंग और कोऑर्डिनेशन कमिटी के मुद्दे पर मांझी की पार्टी पहले ही अलग हो चुकी है और इशारों-इशारों में वीआईपी और रालोसपा भी आंखें तरेर रहे हैं कि अगर पर्याप्त सीटें नहीं मिली, तो वे भी अपने अपने रास्ते जा सकते हैं.
मांझी ने किया किनारा
महागठबंधन में कोऑर्डिनेशन कमिटी की मांग को लेकर कभी काफी हाय तौबा मचा. जब राजद ने किसी की नहीं सुनी, तो मांझी ने किनारा थाम लिया. अब रालोसपा और वीआईपी भले ही कोआर्डिनेशन कमेटी की मांग नहीं कर रहे. लेकिन सीटों को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. दोनों दलों ने अपनी-अपनी डिमांड राजद के सामने रख दी है.
25 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी
इस मामले में पहले कांग्रेस के भरोसे बैठे रालोसपा को भी राष्ट्रीय जनता दल का ही सहारा है. हालांकि रालोसपा नेता सीधे-सीधे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि हम सभी मिलकर 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. सूत्रों के मुताबिक रोहतास, भभुआ और समस्तीपुर की कई विधानसभा सीटों समेत करीब 25 सीटों की डिमांड रालोसपा ने रखी है.
'सीटें नहीं मिली तो हम अकेले लडेंगे चुनाव'
इधर वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी ने तो दो टूक कह दिया कि कोई किसी के लिए रुकने वाला नहीं है. अगर मनमाफिक सीटें नहीं मिली तो हम अकेले चुनाव लड़ेंगे. वीआईपी उत्तर बिहार में मुजफ्फरपुर, दरभंगा और मधुबनी समेत कुछ जिलों की विधानसभा सीटों पर दावा कर रहा है. इसके पहले वामदल भी महागठबंधन में रहकर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं. वामदलों ने भी करीब 30 सीटों की डिमांड की है.
क्या कहते हैं राजद प्रवक्ता
सीट शेयरिंग के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस एक स्वर में कोई समस्या नहीं होने का दावा कर रहे हैं. राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हम सभी का एक लक्ष्य है कि एनडीए को सत्ता से बाहर करना है. ऐसे में सीट शेयरिंग पर बड़ा मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि बात चल रही है और बहुत जल्द नतीजे सामने देखने को मिलेंगे.
'हर पार्टी को अपना विस्तार करने का अधिकार'
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि अगर कोई पार्टी ज्यादा सीटों की डिमांड करती है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है. हर पार्टी को अपना विस्तार करने का अधिकार है. शीर्ष नेतृत्व लगातार बातचीत कर रहा है और यह तय है कि सीटों को लेकर महागठबंधन में कोई समस्या नहीं आएगी. कांग्रेस नेता ने कहा कि समय आने पर सब कुछ सामने आ जाएगा.
कुछ ऐसा हो सकता है (संभावित) फॉर्मूला:-
पार्टी | सीट |
राजद | 140 |
कांग्रेस | 60 |
वामदल | 20 |
वीआइपी | 08 |
रालोसपा | 15 |
सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय जनता दल करीब 140 से 150 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है, जबकि कांग्रेस 60 से 65 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.