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Sports News: बिहार में चार से पांच जगह खुलेंगे खेल विज्ञान केंद्र, खिलाड़ियों को वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा प्रशिक्षित

बिहार में खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने को लेकर प्रदेश में चार से पांच जगह पर खेल विज्ञान केंद्र खोला जाएगा. जहां खिलाड़ियों को वैज्ञानिक तरीके प्रशिक्षित किया जाएगा. ताकि वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्श कर सकें. मंगलवार को प्रशिक्षकों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था. जहां विदेशों से आए विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण दिया. पढ़ें पूरी खबर..

बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक के साथ अतिथि
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक के साथ अतिथि
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Published : May 30, 2023, 8:54 PM IST

खेल प्रशिक्षकों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

पटना: बिहार राज्य खेल प्राधिकरण (Bihar State Sports Authority) और रामचंद्र खेल विज्ञान केंद्र की ओर से पटना में खेल प्रशिक्षकों के लिए खेल विज्ञान पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सह कार्यशाला का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण शिविर का एक ही मकसद है कि बिहार में खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने में अब वैज्ञानिक तरीकों का इस्तमाल किया जाए. जिससे की बिहार के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर सके और राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन कर अधिक पदक जीत सकें.

ये भी पढ़ें- Bihar Sports News: बिहार में गांव स्तर पर खेल में प्रतिभाग को चयनित और प्रशिक्षित किया जाएगा-रविंद्रण शंकरण

एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन: प्रशिक्षकों को लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें सौ से अधिक प्रशिक्षकों को दक्षिण अफ्रीकी खेल विशेषज्ञ एंड्रूस ग्रे और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और कोच ओलंपियन भास्करण ने प्रशिक्षण दिया. कार्यशाला में जो प्रशिक्षक प्रशिक्षण लिए हैं वह बिहार के खिलाड़ियों को वैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षित कर खिलाड़ियों के प्रतिभा को निखारने का काम करेंगे. वहीं इस मौके पर बिहार के प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देते हुए देश के पूर्व हॉकी कप्तान वी भास्करन ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है. अपने ज्ञान को हमेशा नए-नए तरीकों और प्रशिक्षण से बढ़ाते रहना चाहिए. हर सिख के साथ आदमी और बेहतर बन जाता है और एक बेहतर प्रशिक्षक बेहतर खिलाड़ी तैयार कर सकता है.

"सीखने की कोई उम्र नहीं होती है. अपने ज्ञान को हमेशा नए-नए तरीकों और प्रशिक्षण से बढ़ाते रहना चाहिए. हर सिख के साथ आदमी और बेहतर बन जाता है और एक बेहतर प्रशिक्षक बेहतर खिलाड़ी तैयार कर सकता है. आज के खिलाड़ियों को वैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षण देने की जरुरत है. जिससे कि वह अधिक पदक जीत सके. अगर पीटी उषा और मिल्खा सिंह को वैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षण दिया जाता तो वह पदक के हकदार होते."- वी भास्करन, पूर्व कप्तान, भारतीय हॉकी टीम

बनाया जाएगा खेल विज्ञान केंद्र: बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रण शंकरण ने कहा कि बिहार के खेल प्रशिक्षकों के लिए इस तरह का प्रशिक्षण शिविर हमारी नई खेल नीति का एक अहम हिस्सा है. आज के समय में बिना वैज्ञानिक तरीके और बिना टेक्नोलोजी का सहारा लिए हम अच्छे प्रशिक्षक और बेहतर खिलाड़ी तैयार नहीं कर सकते. खिलाडियों को शारीरिक और मानसिक रुप से सक्षम बनाने के लिए खेल विज्ञान के विशेषज्ञ, नूट्रिशन विशेषज्ञ और खेल मनोवैज्ञानिक का महत्व आज काफी बढ़ गया है. बिहार के खेल प्रशिक्षकों को इसी बात की अहमियत इस प्रशिक्षण शिविर में आमंत्रित विशेषज्ञ द्वारा बताई गई है.

"प्रशिक्षकों का स्तर जितना बेहतर होगा, खेल और खिलाड़ियों को स्तर भी उतना ही अच्छा होगा. आज नीरज चोपड़ा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार बेहतर इसलिए कर पा रहे हैं. क्योंकि उनके साथ खेल विधा से जुड़े विशेषज्ञ की पूरी टीम वैज्ञानिक तरीके से काम करती है. बिहार के खिलाड़ियों के लिए हम लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसी कड़ी में श्री रामचंद्र खेल विज्ञान केंद्र के सहयोग से चार पांच जगह खेल विज्ञान केंद्र बनाएंगे. ताकि बिहार की प्रतिभा को भी वैज्ञानिक तरीके से तलाशा और तराशा जा सके."- रविंद्रण शंकरण, महानिदेशक, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण

खेल प्रशिक्षकों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

पटना: बिहार राज्य खेल प्राधिकरण (Bihar State Sports Authority) और रामचंद्र खेल विज्ञान केंद्र की ओर से पटना में खेल प्रशिक्षकों के लिए खेल विज्ञान पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सह कार्यशाला का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण शिविर का एक ही मकसद है कि बिहार में खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने में अब वैज्ञानिक तरीकों का इस्तमाल किया जाए. जिससे की बिहार के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर सके और राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन कर अधिक पदक जीत सकें.

ये भी पढ़ें- Bihar Sports News: बिहार में गांव स्तर पर खेल में प्रतिभाग को चयनित और प्रशिक्षित किया जाएगा-रविंद्रण शंकरण

एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन: प्रशिक्षकों को लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें सौ से अधिक प्रशिक्षकों को दक्षिण अफ्रीकी खेल विशेषज्ञ एंड्रूस ग्रे और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और कोच ओलंपियन भास्करण ने प्रशिक्षण दिया. कार्यशाला में जो प्रशिक्षक प्रशिक्षण लिए हैं वह बिहार के खिलाड़ियों को वैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षित कर खिलाड़ियों के प्रतिभा को निखारने का काम करेंगे. वहीं इस मौके पर बिहार के प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देते हुए देश के पूर्व हॉकी कप्तान वी भास्करन ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है. अपने ज्ञान को हमेशा नए-नए तरीकों और प्रशिक्षण से बढ़ाते रहना चाहिए. हर सिख के साथ आदमी और बेहतर बन जाता है और एक बेहतर प्रशिक्षक बेहतर खिलाड़ी तैयार कर सकता है.

"सीखने की कोई उम्र नहीं होती है. अपने ज्ञान को हमेशा नए-नए तरीकों और प्रशिक्षण से बढ़ाते रहना चाहिए. हर सिख के साथ आदमी और बेहतर बन जाता है और एक बेहतर प्रशिक्षक बेहतर खिलाड़ी तैयार कर सकता है. आज के खिलाड़ियों को वैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षण देने की जरुरत है. जिससे कि वह अधिक पदक जीत सके. अगर पीटी उषा और मिल्खा सिंह को वैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षण दिया जाता तो वह पदक के हकदार होते."- वी भास्करन, पूर्व कप्तान, भारतीय हॉकी टीम

बनाया जाएगा खेल विज्ञान केंद्र: बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रण शंकरण ने कहा कि बिहार के खेल प्रशिक्षकों के लिए इस तरह का प्रशिक्षण शिविर हमारी नई खेल नीति का एक अहम हिस्सा है. आज के समय में बिना वैज्ञानिक तरीके और बिना टेक्नोलोजी का सहारा लिए हम अच्छे प्रशिक्षक और बेहतर खिलाड़ी तैयार नहीं कर सकते. खिलाडियों को शारीरिक और मानसिक रुप से सक्षम बनाने के लिए खेल विज्ञान के विशेषज्ञ, नूट्रिशन विशेषज्ञ और खेल मनोवैज्ञानिक का महत्व आज काफी बढ़ गया है. बिहार के खेल प्रशिक्षकों को इसी बात की अहमियत इस प्रशिक्षण शिविर में आमंत्रित विशेषज्ञ द्वारा बताई गई है.

"प्रशिक्षकों का स्तर जितना बेहतर होगा, खेल और खिलाड़ियों को स्तर भी उतना ही अच्छा होगा. आज नीरज चोपड़ा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार बेहतर इसलिए कर पा रहे हैं. क्योंकि उनके साथ खेल विधा से जुड़े विशेषज्ञ की पूरी टीम वैज्ञानिक तरीके से काम करती है. बिहार के खिलाड़ियों के लिए हम लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसी कड़ी में श्री रामचंद्र खेल विज्ञान केंद्र के सहयोग से चार पांच जगह खेल विज्ञान केंद्र बनाएंगे. ताकि बिहार की प्रतिभा को भी वैज्ञानिक तरीके से तलाशा और तराशा जा सके."- रविंद्रण शंकरण, महानिदेशक, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण

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