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Seminar On Ramcharitmanas: रामचरितमानस पर महावीर मन्दिर में गोष्ठी, सभी को खुलकर बोलने की होगी आजादी

पटना में रामचरितमानस पर महावीर मन्दिर में गोष्ठी का (Seminar On Ramcharitmanas) आयोजन किया गया है. रामचरितमानस एवं गोस्वामी तुलसीदास पर गोष्ठी है. विद्यापति भवन में श्रोताओं को खुला निमंत्रण दिया गया है. जिसमें वक्ताओं को तथ्यों के साथ पक्ष-विपक्ष में बोलने का अवसर दिया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

महावीर मन्दिर की विद्वद् गोष्ठी
महावीर मन्दिर की विद्वद् गोष्ठी
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Published : Jan 21, 2023, 10:43 PM IST

पटना: गोस्वामी तुलसीदास विरचित 'रामचरितमानस' पर समय-समय पर उठायी जानेवाली भ्रान्तियों को दूर करने के लिए महावीर मन्दिर की गोष्ठी में श्रोताओं को भी खुला निमंत्रण दिया गया है. महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि इस सारस्वत आयोजन में श्रोता भी आमंत्रित हैं. रविवार को यानी 22 जनवरी दोपहर एक बजे से राजधानी के विद्यापति भवन में ‘सामाजिक सद्भाव के प्रवर्तक गोस्वामी तुलसीदास’ विषयक गोष्ठी की अध्यक्षता पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस राजेन्द्र प्रसाद करेंगे.

ये भी पढ़ें- रामचरितमानस विवाद पर JDU का स्टैंड क्लियर: बोले अशोक चौधरी- 'शिक्षा मंत्री बयान वापस लें'

विद्वद् गोष्ठी में श्रोताओं को भी खुला निमंत्रण : मगही एवं हिन्दी के प्रख्यात जनवादी साहित्यकार बाबूलाल मधुकर गोष्ठी के पहले वक्ता होंगे. वक्ताओं की सूची में शास्त्रज्ञ आचार्य किशोर कुणाल समेत कई विद्वान शामिल हैं. गोष्ठी के संयोजक और महावीर मन्दिर की पत्रिका धर्मायण के संपादक पंडित भवनाथ झा कार्यक्रम का संचालन करेंगे. बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन विशेष रूप से इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे. वक्ताओं को पक्ष और विपक्ष दोनोें में तर्क रखने की स्वतन्त्रता है. तथ्यों के साथ वक्ताओं को बोलने का अनुरोध किया गया है.

पक्ष और विपक्ष दोनोें में तर्क रखने की स्वतन्त्रता : कार्यक्रम में राजनीतिक बातें करने की मनाही है. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि लोकभाषा में रामचरितमानस की रचना गोस्वामीजी ने इसलिए की थी ताकि धार्मिक तथा सामाजिक स्तर पर सभी वर्गों के लोगों को एकसाथ जोड़ते हुए समाज और राष्ट्र को मजबूत किया जा सके. गोष्ठी की शुरुआत में गोस्वामी तुलसीदास जी के चित्र पर माल्यार्पण से किया जाएगा. मानस के मंगलाचरण से कार्यक्रम प्रारम्भ किया जायेगा.

सभा में कई वक्ता होंगे शामिल: सभागार में उपस्थित सभी वक्ताओं एवं श्रोताओं को फोर्ट विलियम कॉलेज, कोलकता से पं. सदल मिश्र द्वारा सम्पादित सर्वप्रथम प्रकाशित पुस्तक रामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड से महावीर मन्दिर द्वारा हाल में प्रकाशित सुन्दरकाण्ड की पुस्तक भी वितरित की जायेगी. पूर्व विधि सचिव वासुदेव राम धन्यवाद ज्ञापन करेंगे. सोशल मीडिया तथा अन्य संचार माध्यमों के द्वारा दोनों पक्षों की ओर से जो आधे-अधूरे वक्तव्य आ रहे हैं, वे धर्म तथा समाज के लिए ठीक नहीं हैं.

कार्यक्रम का फेसबुक और यू-टूयूब पर होगा प्रसारण : महावीर मन्दिर के द्वारा इसे दूर करने हेतु स्वस्थ परम्परा का निर्वाह करते हुए सेमिनार आयोजित करने का कदम उठाया गया है. इसे फेसबुक और यू-टूयूब पर भी (लाइव) प्रसारण किया जायेगा. सत्र के अन्त में शंका-समाधान के लिए प्रश्न करने का भी अवसर दिया जायेगा. वार्ता में भाग लेने वाले विद्वानों से लिखित आलेख लाने का निवेदन किया गया है, ताकि भविष्य में उसे धर्मायण में प्रकाशित भी किया जा सके.

22 जनवरी को पटना में लगेगा विद्वानों का जमघट : गौरतलब है कि बिहार के पटना हनुमान मंदिर के प्रमुख पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल 'सामाजिक सद्भाव के प्रवर्तक गोस्वामी तुलसीदास' विषय पर एक सेमिनार का आयोजन कर रहे हैं. बता दें कि उन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान (controversial Statement on Ramcharitmanas) पर बहस करने का निमंत्रण दिया था, जिसके बाद अब किशोर कुणाल 22 जनवरी को संगोष्ठी कराने जा रहे हैं.

पटना: गोस्वामी तुलसीदास विरचित 'रामचरितमानस' पर समय-समय पर उठायी जानेवाली भ्रान्तियों को दूर करने के लिए महावीर मन्दिर की गोष्ठी में श्रोताओं को भी खुला निमंत्रण दिया गया है. महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि इस सारस्वत आयोजन में श्रोता भी आमंत्रित हैं. रविवार को यानी 22 जनवरी दोपहर एक बजे से राजधानी के विद्यापति भवन में ‘सामाजिक सद्भाव के प्रवर्तक गोस्वामी तुलसीदास’ विषयक गोष्ठी की अध्यक्षता पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस राजेन्द्र प्रसाद करेंगे.

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विद्वद् गोष्ठी में श्रोताओं को भी खुला निमंत्रण : मगही एवं हिन्दी के प्रख्यात जनवादी साहित्यकार बाबूलाल मधुकर गोष्ठी के पहले वक्ता होंगे. वक्ताओं की सूची में शास्त्रज्ञ आचार्य किशोर कुणाल समेत कई विद्वान शामिल हैं. गोष्ठी के संयोजक और महावीर मन्दिर की पत्रिका धर्मायण के संपादक पंडित भवनाथ झा कार्यक्रम का संचालन करेंगे. बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन विशेष रूप से इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे. वक्ताओं को पक्ष और विपक्ष दोनोें में तर्क रखने की स्वतन्त्रता है. तथ्यों के साथ वक्ताओं को बोलने का अनुरोध किया गया है.

पक्ष और विपक्ष दोनोें में तर्क रखने की स्वतन्त्रता : कार्यक्रम में राजनीतिक बातें करने की मनाही है. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि लोकभाषा में रामचरितमानस की रचना गोस्वामीजी ने इसलिए की थी ताकि धार्मिक तथा सामाजिक स्तर पर सभी वर्गों के लोगों को एकसाथ जोड़ते हुए समाज और राष्ट्र को मजबूत किया जा सके. गोष्ठी की शुरुआत में गोस्वामी तुलसीदास जी के चित्र पर माल्यार्पण से किया जाएगा. मानस के मंगलाचरण से कार्यक्रम प्रारम्भ किया जायेगा.

सभा में कई वक्ता होंगे शामिल: सभागार में उपस्थित सभी वक्ताओं एवं श्रोताओं को फोर्ट विलियम कॉलेज, कोलकता से पं. सदल मिश्र द्वारा सम्पादित सर्वप्रथम प्रकाशित पुस्तक रामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड से महावीर मन्दिर द्वारा हाल में प्रकाशित सुन्दरकाण्ड की पुस्तक भी वितरित की जायेगी. पूर्व विधि सचिव वासुदेव राम धन्यवाद ज्ञापन करेंगे. सोशल मीडिया तथा अन्य संचार माध्यमों के द्वारा दोनों पक्षों की ओर से जो आधे-अधूरे वक्तव्य आ रहे हैं, वे धर्म तथा समाज के लिए ठीक नहीं हैं.

कार्यक्रम का फेसबुक और यू-टूयूब पर होगा प्रसारण : महावीर मन्दिर के द्वारा इसे दूर करने हेतु स्वस्थ परम्परा का निर्वाह करते हुए सेमिनार आयोजित करने का कदम उठाया गया है. इसे फेसबुक और यू-टूयूब पर भी (लाइव) प्रसारण किया जायेगा. सत्र के अन्त में शंका-समाधान के लिए प्रश्न करने का भी अवसर दिया जायेगा. वार्ता में भाग लेने वाले विद्वानों से लिखित आलेख लाने का निवेदन किया गया है, ताकि भविष्य में उसे धर्मायण में प्रकाशित भी किया जा सके.

22 जनवरी को पटना में लगेगा विद्वानों का जमघट : गौरतलब है कि बिहार के पटना हनुमान मंदिर के प्रमुख पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल 'सामाजिक सद्भाव के प्रवर्तक गोस्वामी तुलसीदास' विषय पर एक सेमिनार का आयोजन कर रहे हैं. बता दें कि उन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान (controversial Statement on Ramcharitmanas) पर बहस करने का निमंत्रण दिया था, जिसके बाद अब किशोर कुणाल 22 जनवरी को संगोष्ठी कराने जा रहे हैं.

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