पटना : बिहार टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि समग्र शिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (सत्र 2023- 24) की बैठक में बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने स्वयं अपनी रिपोर्ट में यह स्वीकार किया है कि वर्तमान समय में प्रारंभिक विद्यालयों में 1,92,097 पद रिक्त हैं, लेकिन वर्तमान में जो बहाली हो रही है, उसमें केवल कक्षा एक से पांच के 79,943 पदों के लिए बहाली हो रही है.
ये भी पढ़ें- Bihar Niyojit Shikshak ने कहा- सरकार बिना शर्त दे राज्य कर्मी का दर्जा, नहीं तो स्कूलों में ठप होगा पठन-पाठन
विषय वार शिक्षकों की भर्ती नहीं : बिहार शिक्षा विभाग ने स्वयं स्वीकार किया है कि वर्तमान में केवल 19.14% मध्य विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार कानून के अनुसार सभी तीन विषयों के शिक्षक पढ़ा रहे हैं. इसके बावजूद यहां सरकार ने कक्षा छह से आठ के लिए विषयवार शिक्षकों की रिक्ति नहीं निकाली है. अमित विक्रम ने कहा कि ''इसी में यदि विषय वार छात्र शिक्षक अनुपात की बात की जाए तो मध्य विद्यालयों में गणित विज्ञान के लिए छात्र शिक्षक अनुपात 150:1, भाषा के लिए छात्र शिक्षक अनुपात 112:1 और सामाजिक विज्ञान के लिए छात्र शिक्षक अनुपात 204:1 है. शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मात्र 29.97% माध्यमिक विद्यालयों में सभी कोर विषयों के शिक्षक हैं.''
मध्य विद्यालयों में शिक्षा का हाल बेहाल : मध्य विद्यालयों की तुलना में माध्यमिक विद्यालयों में छात्र शिक्षक अनुपात और भी बदतर है. माध्यमिक विद्यालयों में भाषा के लिए प्रति 192 छात्र, गणित के लिए प्रति 351 छात्र, विज्ञान के लिए प्रति 253 छात्र और सामाजिक विज्ञान के लिए प्रति 194 छात्र 1 शिक्षक उपलब्ध हैं. हालांकि, अच्छी बात यह है कि नई बहाली में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक कक्षाओं के लिए पर्याप्त संख्या में शिक्षकों के लिए रिक्तियां निकाली गई हैं. लेकिन मध्य विद्यालयों में विषय वार स्थिति इतनी खराब होने के बावजूद एक भी रिक्ति जारी नहीं की गई है.
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से बच्चे वंचित : टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून के अनुसार मध्य विद्यालयों में एक गणित विज्ञान के शिक्षक, एक सामाजिक विज्ञान के शिक्षक एवं एक भाषा के शिक्षक अवश्य होने चाहिए. सरकार एक ओर स्वयं स्वीकार कर रही है कि मध्य विद्यालयों में विषय वार शिक्षक नहीं है. इसके बावजूद सरकार मध्य विद्यालयों में विषयवार पदों पर बहाली नहीं करवा कर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित रख रही है.
रिक्तियों में घोटाला : प्रारंभिक विद्यालयों में 1,92,097 पद रिक्त होने के बावजूद केवल 80 हजार के करीब रिक्तियों पर बहाली लेने से सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. आखिर 1,12,000 पदों का घोटाला क्यों किया जा रहा है? सरकार क्यों नहीं सभी रिक्त पदों पर एक साथ बहाली कर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है. उनका कहना था कि संघ सरकार से यह मांग करता है कि वर्तमान बहाली में ही सीटों की संख्या को बढ़ाते हुए 1,92,097 पदों पर एकमुश्त बहाली की जाए.