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Bihar Caste Census: हाईकोर्ट के स्टे के बाद गरमाई सियासत, सवर्ण क्रांति दल ने पोस्टर के जरिए सरकार पर साधा निशाना

पटना हाईकोर्ट ने बिहार में चल रहे जातीय गणना पर स्टे लगा दिया है. कोर्ट के आदेश आने के बाद से बिहार में सियासत गरमा गई है. सभी दल कोर्ट का फैसला आने के बाद अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इसी कड़ी में पटना में सवर्ण क्रांति दल ने पोस्टर के लिए सरकार पर निशाना साधा है.

कृष्णा सिंह सिंह कल्लु का सरकार पर वार
कृष्णा सिंह सिंह कल्लु का सरकार पर वार
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Published : May 4, 2023, 10:44 PM IST

जातीय गणना पर स्टे लगने के बाद सियासत

पटना: बिहार में जातीय गणना (Caste Census In Bihar) पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट का फैसला आने के बाद से इसको लेकर सियासत भी खूब हो रही है. पटना के इनकम टैक्स चौराहा एक पोस्टर लगाया गया है, जिसके जरिए नीतीश सरकार पर तंज कसा गया है. सवर्ण क्रांति दल की ओर से लगाए गए पोस्टर में कई स्लोगन भी लिखे गये हैं. पोस्टर में लिखा है, बिहार को जाति के बीच बंटबरा करने का जो मंसूबा था. उसपर पानी फिर गया है. चाचा-भतीजा की जोड़ी धराशाई हुई है.

ये भी पढ़ें- Bihar Caste Census: : बिहार में जातीय जनगणना पर पटना हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जानें कोर्ट का पूरा आदेश

जातीय गणना पर स्टे लगने के बाद सियासत शुरू: सवर्ण क्रांति दल के प्रमुख कृष्ण कुमार कल्लू ने कहा की हाई कोर्ट ने जो जातीय गणना को लेकर निर्णय लिया है और रोक लगाई है, वो ऐतिहासिक है. सवर्ण क्रांति दल इसका स्वागत करता है. जो राजनीति इसको लेकर नीतीश और तेजस्वी की जोड़ी कर रहे थे, उसे धारासाई कर दिया है. बिहार में इस गणना के बाद जातीय विद्वेष होता और इसका फायदा उठाने की रणनीति महागठबंधन ने बना रखा था. उस मंसूबे पर कोर्ट ने पानी फेर दिया है.

"इस गणना को लेकर जो भारी भरकम राशि खर्च की गई है, उसको लेकर भी नीतीश सरकार को जवाब देना चाहिए. हम उच्च न्यायालय से मांग करेंगे कि इसपर भी संज्ञान लिया जाय. किस तरह अपने चुनावी फायदे को लेकर जातीय गणना कराई जा रही थी और जनता के गाढ़ी कमाई को खर्च किया गया. इसपर भी कोर्ट को संज्ञान लेने की मांग हम करते हैं."- कृष्ण कुमार कल्लू, प्रमुख, सवर्ण क्रांति दल, बिहार

जातीय गणना पर स्टे लगने के बाद सियासत

पटना: बिहार में जातीय गणना (Caste Census In Bihar) पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट का फैसला आने के बाद से इसको लेकर सियासत भी खूब हो रही है. पटना के इनकम टैक्स चौराहा एक पोस्टर लगाया गया है, जिसके जरिए नीतीश सरकार पर तंज कसा गया है. सवर्ण क्रांति दल की ओर से लगाए गए पोस्टर में कई स्लोगन भी लिखे गये हैं. पोस्टर में लिखा है, बिहार को जाति के बीच बंटबरा करने का जो मंसूबा था. उसपर पानी फिर गया है. चाचा-भतीजा की जोड़ी धराशाई हुई है.

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जातीय गणना पर स्टे लगने के बाद सियासत शुरू: सवर्ण क्रांति दल के प्रमुख कृष्ण कुमार कल्लू ने कहा की हाई कोर्ट ने जो जातीय गणना को लेकर निर्णय लिया है और रोक लगाई है, वो ऐतिहासिक है. सवर्ण क्रांति दल इसका स्वागत करता है. जो राजनीति इसको लेकर नीतीश और तेजस्वी की जोड़ी कर रहे थे, उसे धारासाई कर दिया है. बिहार में इस गणना के बाद जातीय विद्वेष होता और इसका फायदा उठाने की रणनीति महागठबंधन ने बना रखा था. उस मंसूबे पर कोर्ट ने पानी फेर दिया है.

"इस गणना को लेकर जो भारी भरकम राशि खर्च की गई है, उसको लेकर भी नीतीश सरकार को जवाब देना चाहिए. हम उच्च न्यायालय से मांग करेंगे कि इसपर भी संज्ञान लिया जाय. किस तरह अपने चुनावी फायदे को लेकर जातीय गणना कराई जा रही थी और जनता के गाढ़ी कमाई को खर्च किया गया. इसपर भी कोर्ट को संज्ञान लेने की मांग हम करते हैं."- कृष्ण कुमार कल्लू, प्रमुख, सवर्ण क्रांति दल, बिहार

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