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जस्टिस फॉर सुशांत: सवर्ण सेना ने की CBI जांच की मांग, कहा- मिलना चाहिए 'पद्मश्री' सम्मान

सवर्ण सेना ने सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. साथ ही सरकार से अपील की है कि दिवंगत अभिनेता को पद्मश्री सम्मान दिया जाए.

जस्टिस फॉर सुशांत सिंह अभियान की शुरुआत
जस्टिस फॉर सुशांत सिंह अभियान की शुरुआत
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Published : Jun 27, 2020, 3:02 PM IST

पटना: 'जस्टिस फॉर सुशांत सिंह' अभियान की शुरुआत करते हुए सवर्ण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भागवत शर्मा ने प्रेस वार्ता कर सुशांत की आत्महत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड माफिया की ओर से सुशांत सिंह राजपूत की सुनियोजित ढंग से हत्या की गई है. बॉलीवुड के माफिया पिछले काफी समय से अभिनेता के पीछे पड़े हुए थे. सुशांत लगातार अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर बॉलीवुड में सफलताओं की झड़ी लगा रहे थे. इस वजह से बॉलीवुड के जो खानदानी कलाकार सोचते थे, इंडस्ट्री में उनकी वैल्यू खत्म हो जाएगी.

आत्महत्या मामले की हो सीबीआई जांच
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सुशांत ने न तो कोई सुसाइड नोट छोड़ा है और न ही अपने किसी भी मित्र या सगे संबंधी को इस तरह का कोई संदेश दिया है, जिसमें उन्होंने यह बताया हो कि वे आत्महत्या कर रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार की जांच भी निष्पक्ष तरीके से नहीं हो पा रही है. उसे भी जबरदस्ती आत्महत्या के एंगल से ही देखा जा रहा है. यह संभव है कि महाराष्ट्र पुलिस बॉलीवुड माफियाओं के दबाव में काम कर रही हो. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए.

sushant singh rajput
जस्टिस फॉर सुशांत सिंह अभियान की शुरुआत

'पद्मश्री से सम्मानित करे भारत सरकार'
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सवर्ण सेना यह मांग करती है कि सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर राजगीर में बन रहे फिल्म सिटी का नामकरण हो. उनकी आखिरी फिल्म 'दिल बेचारा' को लॉकडाउन की समाप्ति के बाद टैक्स फ्री करते हुए देश के सभी सिनेमाघरों में रिलीज किया जाए. साथ ही सुशांत को भारत सरकार पद्मश्री से सम्मानित करे.

सीएम नीतीश पर साधा निशाना
भागवत शर्मा ने बिहार सरकार पर और विशेषकर सीएम नीतीश कुमार पर बिहार के सबसे प्रतिभाशाली युवा कलाकार की हत्या पर चुप्पी साधने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि आज तक सुशांत सिंह राजपूत की हत्या के बाद सीएम नीतीश उनके परिजनों से मिलने नहीं पहुंचे और न ही उनकी हत्या की जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग की. बिहार सरकार को चाहिए कि महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिखकर इस सुनियोजित हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाने की मांग करें. लेकिन सीएम ने बिहार के सपूत की अनदेखी की है और केवल अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए एमएलसी के दलबदल में व्यस्त हैं. उन्हें बिहार के युवाओं की कोई परवाह नहीं है.

पटना: 'जस्टिस फॉर सुशांत सिंह' अभियान की शुरुआत करते हुए सवर्ण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भागवत शर्मा ने प्रेस वार्ता कर सुशांत की आत्महत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड माफिया की ओर से सुशांत सिंह राजपूत की सुनियोजित ढंग से हत्या की गई है. बॉलीवुड के माफिया पिछले काफी समय से अभिनेता के पीछे पड़े हुए थे. सुशांत लगातार अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर बॉलीवुड में सफलताओं की झड़ी लगा रहे थे. इस वजह से बॉलीवुड के जो खानदानी कलाकार सोचते थे, इंडस्ट्री में उनकी वैल्यू खत्म हो जाएगी.

आत्महत्या मामले की हो सीबीआई जांच
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सुशांत ने न तो कोई सुसाइड नोट छोड़ा है और न ही अपने किसी भी मित्र या सगे संबंधी को इस तरह का कोई संदेश दिया है, जिसमें उन्होंने यह बताया हो कि वे आत्महत्या कर रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार की जांच भी निष्पक्ष तरीके से नहीं हो पा रही है. उसे भी जबरदस्ती आत्महत्या के एंगल से ही देखा जा रहा है. यह संभव है कि महाराष्ट्र पुलिस बॉलीवुड माफियाओं के दबाव में काम कर रही हो. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए.

sushant singh rajput
जस्टिस फॉर सुशांत सिंह अभियान की शुरुआत

'पद्मश्री से सम्मानित करे भारत सरकार'
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सवर्ण सेना यह मांग करती है कि सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर राजगीर में बन रहे फिल्म सिटी का नामकरण हो. उनकी आखिरी फिल्म 'दिल बेचारा' को लॉकडाउन की समाप्ति के बाद टैक्स फ्री करते हुए देश के सभी सिनेमाघरों में रिलीज किया जाए. साथ ही सुशांत को भारत सरकार पद्मश्री से सम्मानित करे.

सीएम नीतीश पर साधा निशाना
भागवत शर्मा ने बिहार सरकार पर और विशेषकर सीएम नीतीश कुमार पर बिहार के सबसे प्रतिभाशाली युवा कलाकार की हत्या पर चुप्पी साधने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि आज तक सुशांत सिंह राजपूत की हत्या के बाद सीएम नीतीश उनके परिजनों से मिलने नहीं पहुंचे और न ही उनकी हत्या की जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग की. बिहार सरकार को चाहिए कि महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिखकर इस सुनियोजित हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाने की मांग करें. लेकिन सीएम ने बिहार के सपूत की अनदेखी की है और केवल अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए एमएलसी के दलबदल में व्यस्त हैं. उन्हें बिहार के युवाओं की कोई परवाह नहीं है.

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