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पटना: भू-जल संकट को दूर करने से लिए CM संजीदा, उठाएंगे ये कदम

गिरते भू-जल स्तर से निबटने के लिए नीतीश कुमार कई कदम उठाने वाले हैं. इसके लिए सरकार ने कई नियम बनाए हैं. जिसको लेकर सीएम सर्वदलीय बैठक कर चुके हैं.

फाइल फोटो
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Published : Jul 14, 2019, 3:29 PM IST

Updated : Jul 14, 2019, 3:35 PM IST

पटना: बिहार में भू-जल की समस्या से निबटने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने कमर कस ली है. सीएम पेयजल संकट को दूर करने के लिए कई कठोर कदम उठाने वाले हैं. इसके लिए उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाई.

पेश है रिपोर्ट

भूजल स्तर और पेयजल संकट से निबटने के लिए लागू होंगे ये नियम:

  • राज्य के सभी सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया जाएगा.
  • सभी समरसेबल पंप लगने वाले जगहों पर वाटर लेवल मेंटेन रखने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं.
  • वाटर प्लांट चलाने वाली कंपनियों को भी जल स्तर मेंटेन करने के लिए कई कदम उठाएंगे.
  • बहुमंजिला सरकारी और प्राइवेट इमारतों में भी वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और वाटर लेवल मेंटेन रखने के लिए नियमों का पालन होगा.
  • राज्य में कई निजी कंपनियों और एनजीओं द्वारा वाटर लेवल सिस्टम और पेयजल के लिए सर्वे होगा.
  • राज्य की जनता के बीच बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
  • नियमों के पालन नहीं करने वाले और अनदेखी करने वाले लोगों पर भारी जुर्माना और जेल का भी प्रावधान बनाया जाएगा.
  • निजी इंटेलिजेंस के द्वारा होगा सर्वे
  • बागवानी जैसे कामों के लिए ट्रीटमेंट प्लांट के पानी का इस्तेमाल किया जाएगा
  • राज्य में 10 बड़े जिलों में जल्द ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे, जो शहर के नालों के गंदे पानी को साफ कर इस्तेमाल करने योग्य होगा.
  • बड़ी संख्या में पौधारोपण किया जायेगा. सरकार इस काम के लिए सरकारी तंत्र के अलावा निजी और राज्य की जनता से भी अपील करेगी.


गौरतलब है कि राज्य में तेजी से गिरते जलस्तर के कारण काफी परेशानी बढ़ रही है. इस समस्या पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कई वर्षों से गंभीर बयान देते रहे हैं. लेकिन, इस वर्ष भारी गर्मी और पेयजल संकट को देखते हुए नीतीश सरकार ने कई कदम उठाने का फैसला लिया है.

पटना: बिहार में भू-जल की समस्या से निबटने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने कमर कस ली है. सीएम पेयजल संकट को दूर करने के लिए कई कठोर कदम उठाने वाले हैं. इसके लिए उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाई.

पेश है रिपोर्ट

भूजल स्तर और पेयजल संकट से निबटने के लिए लागू होंगे ये नियम:

  • राज्य के सभी सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया जाएगा.
  • सभी समरसेबल पंप लगने वाले जगहों पर वाटर लेवल मेंटेन रखने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं.
  • वाटर प्लांट चलाने वाली कंपनियों को भी जल स्तर मेंटेन करने के लिए कई कदम उठाएंगे.
  • बहुमंजिला सरकारी और प्राइवेट इमारतों में भी वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और वाटर लेवल मेंटेन रखने के लिए नियमों का पालन होगा.
  • राज्य में कई निजी कंपनियों और एनजीओं द्वारा वाटर लेवल सिस्टम और पेयजल के लिए सर्वे होगा.
  • राज्य की जनता के बीच बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
  • नियमों के पालन नहीं करने वाले और अनदेखी करने वाले लोगों पर भारी जुर्माना और जेल का भी प्रावधान बनाया जाएगा.
  • निजी इंटेलिजेंस के द्वारा होगा सर्वे
  • बागवानी जैसे कामों के लिए ट्रीटमेंट प्लांट के पानी का इस्तेमाल किया जाएगा
  • राज्य में 10 बड़े जिलों में जल्द ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे, जो शहर के नालों के गंदे पानी को साफ कर इस्तेमाल करने योग्य होगा.
  • बड़ी संख्या में पौधारोपण किया जायेगा. सरकार इस काम के लिए सरकारी तंत्र के अलावा निजी और राज्य की जनता से भी अपील करेगी.


गौरतलब है कि राज्य में तेजी से गिरते जलस्तर के कारण काफी परेशानी बढ़ रही है. इस समस्या पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कई वर्षों से गंभीर बयान देते रहे हैं. लेकिन, इस वर्ष भारी गर्मी और पेयजल संकट को देखते हुए नीतीश सरकार ने कई कदम उठाने का फैसला लिया है.

Intro:भूजल अस्तर और तेजल बिहार ही नहीं पूरे देश में गंभीर समस्या बनते जा रही है। इस समस्या से निपटने के लिए नीतीश सरकार ने कमर कस ली है। बहुत जल्द ही बिहार सरकार भूजल स्तर और पेयजल से संबंधित कई कठोर और नए नियम लागू करने वाली है।
बिहार सरकार इसके लिए पहल करते हुए सर्वदलीय बैठक कर चुकी है। नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यह पहली मीटिंग है जो देश में किसी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया हो।


Body:नीतीश सरकार भूजल स्तर और पेयजल संकट से निपटने के लिए लागू करेंगे यह नियम।

1.राज्य के सभी सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया जाएगा।

2.सभी समरसेबल पंप लगने वाले जगहों पर वाटर लेवल मेंटेन रखने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं।

3.वाटर प्लांट चलाने वाली कंपनियों को भी जलस्तर मेंटेन करने के लिए कई कदम उठाने होंगे।

4.बहुमंजिला सरकारी और प्राइवेट इमारतों मैं भी वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और वाटर लेवल मेंटेन रखने के लिए नियमों का पालन करना होगा।

5.राज्य में कई निजी कंपनियों और एनजीओ द्वारा वाटर लेवल सिस्टम और पेयजल के लिए सर्वे कराए जाएंगे।

6. राज्य की जनता के बीच बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

7. नियमों के पालन नही करने वालों या अनदेखी करने वाले लोगों पर भारी जुर्माना और जेल का भी प्रावधान बनाया जा रहा है।

8. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने निजी इंटेलिजेंस के द्वारा इन कार्रवाई के पहले सर्वे करा रहे हैं।

9. बागवानी जैसे कामों के लिए ट्रीटमेंट प्लांट के पानी का इस्तेमाल किया जाएगा।

10. राज्य में 10 बड़े जिलों में जल्द ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे जो शहर के नालों के गंदे पानी को साफ कर इस्तेमाल करने योग्य बनाएगा।

11. बड़ी संख्या में पौधारोपण किया जायेगा। सरकार इस काम के लिए सरकारी तंत्र के अलावा निजी और राज की जनता से भी अपील करेगी।


Conclusion:गौरतलब है कि राज्य में तेजी से गिरते जलस्तर के कारण काफी परेशानी बढ़ रही है। इस समस्या पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कई वर्षों से गंभीर बयान देते रहे हैं।
लेकिन इस वर्ष भारी गर्मी और पेयजल संकट को देखते हुए नीतीश सरकार ने कई गंभीर कदम उठाने का निर्णय लिया है।
Last Updated : Jul 14, 2019, 3:35 PM IST
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