पटना: बिहार में भू-जल की समस्या से निबटने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने कमर कस ली है. सीएम पेयजल संकट को दूर करने के लिए कई कठोर कदम उठाने वाले हैं. इसके लिए उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाई.
भूजल स्तर और पेयजल संकट से निबटने के लिए लागू होंगे ये नियम:
- राज्य के सभी सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया जाएगा.
- सभी समरसेबल पंप लगने वाले जगहों पर वाटर लेवल मेंटेन रखने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं.
- वाटर प्लांट चलाने वाली कंपनियों को भी जल स्तर मेंटेन करने के लिए कई कदम उठाएंगे.
- बहुमंजिला सरकारी और प्राइवेट इमारतों में भी वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और वाटर लेवल मेंटेन रखने के लिए नियमों का पालन होगा.
- राज्य में कई निजी कंपनियों और एनजीओं द्वारा वाटर लेवल सिस्टम और पेयजल के लिए सर्वे होगा.
- राज्य की जनता के बीच बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
- नियमों के पालन नहीं करने वाले और अनदेखी करने वाले लोगों पर भारी जुर्माना और जेल का भी प्रावधान बनाया जाएगा.
- निजी इंटेलिजेंस के द्वारा होगा सर्वे
- बागवानी जैसे कामों के लिए ट्रीटमेंट प्लांट के पानी का इस्तेमाल किया जाएगा
- राज्य में 10 बड़े जिलों में जल्द ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे, जो शहर के नालों के गंदे पानी को साफ कर इस्तेमाल करने योग्य होगा.
- बड़ी संख्या में पौधारोपण किया जायेगा. सरकार इस काम के लिए सरकारी तंत्र के अलावा निजी और राज्य की जनता से भी अपील करेगी.
गौरतलब है कि राज्य में तेजी से गिरते जलस्तर के कारण काफी परेशानी बढ़ रही है. इस समस्या पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कई वर्षों से गंभीर बयान देते रहे हैं. लेकिन, इस वर्ष भारी गर्मी और पेयजल संकट को देखते हुए नीतीश सरकार ने कई कदम उठाने का फैसला लिया है.