नई दिल्ली/पटना: छपरा जहरीली शराबकांड पर बिहार में सियासत (Bihar Hooch Tragedy) रूकने का नाम नहीं ले रही है. मुआवजे की मांग को लेकर विपक्ष लगातार धरना प्रदर्शन कर रहा है. इसी क्रम में आज बीजेपी के विधान पार्षद संजय मयूख ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (National Child Protection Commission) में जाकर ज्ञापन (Sanjay Mayukh Submitted Memorandum To NCPC) दिया है. और आयोग से मांग किया है कि छपरा में जहरीली शराब कांड (Chapra Spurious Liquor Case) में जो मृतक के परिजन है, खास करके जो छोटे-छोटे बच्चे हैं, उनके हालात पर आयोग संज्ञान ले. क्योंकि कई ऐसे परिवार हैं, जहां पर छोटे-छोटे बच्चे ही है और उनकी हालत खराब होती जा रही है. चूंकि राज्य सरकार कोई मुआवजा नहीं दे रही है तो उनकी आर्थिक स्थिति दिन ब दिन और खराब होती चली जा रही है.
'बिहार सरकार यहां पर बाल संरक्षण का जो अधिकार है, उसका हनन करते नजर आ रही है. इसीलिए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग से हम मांग करते हैं कि वहां पर टीम भेजे और जांच करवाए कि आखिर राज्य सरकार वहां पर कर क्या रही है?. आयोग को हमने ज्ञापन दिया है और आयोग की तरफ से आश्वासन भी मिला है कि अगर ऐसा मामला है तो वहां जाकर हम लोग जांच करेंगे. आयोग के अध्यक्ष ने हमें बताया कि बिहार सरकार के सचिव को हमने पत्र लिखा है और बाल संरक्षण आयोग का जो काम है, वो हम काम करेंगे.' - संजय मयूख, बीजेपी विधान पार्षद
संजय मयूख ने NCPC को दिया ज्ञापन : बीजेपी विधान पार्षद संजय मयूख (BJP MLC Sanjay Mayukh) ने कहा कि जो हालात छपरा में बना हुआ है, ऐसे हालात को देखते हुए बाल संरक्षण आयोग को जांच करनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में जो शराब का कारोबार हो रहा है, उसमें बड़ी संख्या में छोटे-छोटे बच्चों से ही भी तस्करी करवाई जा रही है. इस पर भी जांच को लेकर हमने बाल संरक्षण आयोग को लिखा है.
छपरा में जहरीली शराबकांड में अब तक 73 लोगों की मौत : गौरतलब है कि छपरा के मशरख में जहरीली शराब पीने से अब तक 73 लोगों की मौत (Death due to alcohol in Bihar) हो चुकी है. इस मामले के सामने आने के बाद पूरे बिहार में खलबली मची है. छपरा शराब त्रासदी को लेकर एक विशेष टीम गठित कर पूरे मामले का अनुसंधान शुरू कर दिया गया है. वहीं पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने इस पूरे मामले पर बड़ा बयान दिया है. एडीजी के बयान से साफ होता दिख रहा है कि लोगों को जो शराब दी गई थी वह जानलेवा थी. एडीजी ने साफ कर दिया है कि शराब निर्माण में दूसरे केमिकल का इस्तेमाल हुआ है लेकिन फिलहाल विसरा रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है.