पटनाः बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब से महागठबंधन के साथ नई सरकार का गठन किया है, तब से बीजेपी लगातार उन पर हमलावर है. अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal Allegations On Nitish Government) ने पीएफआई को लेकर नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि एनआइए ने जब बिहार में पीएफआई संगठन (PFI Nexus In Bihar) की जांच शुरू की तो मुख्यमंत्री बौखलाहट में एनडीए गठबंधन को छोड़कर महागठबंधन में चले गए. ये लोग बिहार और बंगाल को आतंकियों का सेफ जोन बनाना चाहते हैं. बीजेपी इस राह में रोड़ा थी, इसी कारण एनडीए से नाता तोड़ लिया.
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बीजेपी का नीतीश सरकार पर बड़ा आरोपः संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार में पीएफआई के खिलाफ चल रही मुहिम को रोकने के लिए गठबंधन तोड़ा गया. क्योंकि जिन लोगों पर कार्रवाई हो रही थी, वो कहीं ना कहीं नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के वोटर हैं. पीएफआई की जांच एनएआई कर रही है, लेकिन इसमें बड़ी संख्या में अफसरों की भी सांठगांठ सामने आ रही है. जब उनसे पूछा गया कि इसका खुलासा आप कब करेंगे कि पीएफआई कि जो गतिविधि हो रही है, उसमें कहीं ना कहीं यहां के अधिकारियों का भी हाथ है, तो उन्होंने कहा कि एनआईए जांच कर रही है और सब कुछ सामने आ जाएगा, लेकिन सच्चाई यही है कि आतंकवादी संगठन बिहार में ज्यादा एक्टिव रहता है.
"देश के किसी भी प्रांत में अगर कोई आतंकवादी घटना होती है तो बिहार के लोग उसमें जरूर संलिप्त पाए जाते हैं, जिसका कई उदाहरण हम आपको दे सकते हैं. मुंगेर में इतना बड़ा विस्फोट हुआ लेकिन अधिकारियों ने जो रिपोर्ट दिया वह चौंकाने वाला था . उस विस्फोट में स्थानीय अधिकारियों ने उसे सीधे-सीधे बचाने का काम किया. हम लोगों ने जब इसका जवाब सरकार से मांगा तो मुख्यमंत्री बौखलाहट में आ गए. यही कारण रहा कि वह ऐसे लोगों के साथ चले गए जो आतंकी संगठन का साथ बिहार में लगातार देते रहते हैं"- संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी
'बिहार में पीएफआई पूरी तरह से सक्रिय': संजय जायसवाल ने ये भी कहा कि वर्तमान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके जितने भी अधिकारी हैं, ऐसे आतंकी संगठन का साथ देते नजर आ रहे हैं. आतंकी संगठनों को आगे बढ़ाने में जो लोग काम कर रहे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. बिहार में पीएफआई पूरी तरह से सक्रिय है. यहां पीएफआई का नेक्स्स चल रहा है. अब इसकी जांच को दबाने के लिए बिहार सरकार पूरी मेहनत करेगी. ये सरकार बनी ही इसलिए है कि जो उच्च पदों पर बैठे अधिकारी और पीएफआई का गठजोड़ है, वो बरकरार रहे. अभी एनआईए की जांच शुरू हुई है, सब दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा.
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