पटना: बिहार के 8 जिलों में नवंबर महीने से बालू खनन (Sand Mining) की शुरुआत होनी है. इस बात की जानकारी खान एवं भूतत्व विभाग (Mines & Geology Department of Bihar) ने दी है. पटना, सारण, भोजपुर, औरंगाबाद, रोहतास, गया, जमुई और लखीसराय में 1 अक्टूबर से बालू खनन प्रारंभ होना था. लेकिन नए बंदोबस्ती का कार्य पूरा न होने की वजह से इन जिलों में अभी खनन नहीं शुरू हो पाया है. उम्मीद जताई जा रही है कि नवंबर माह के पहले सप्ताह में इसकी शुरुआत हो जाएगी. जिसके बाद इन जिलों के लोगों को उचित दाम पर बालू मुहैया होने लगेगा.
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बिहार में पटना सहित आठ जिलों में नवंबर से बालू खनन की संभावना जतायी जा रही है. इसके लिए सभी 8 जिलों में बालू घाटों की नए सिरे से बंदोबस्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. खान एवं भूतत्व विभाग के माध्यम से मिल रही जानकारी के अनुसार बालू घाटों का टेंडर 27 अक्टूबर को पूरा होने की संभावना है.
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बिहार के आठ जिलों में बालू खनन करीब 6 महीने से बंद है. हालांकि अब नए बंदोबस्त धारियों को बालू खनन की जिम्मेदारी मिलने पर स्थानीय लोगों को उचित कीमत पर बालू मिल सकेगा. खान एवं भूतत्व विभाग के द्वारा टेंडर भरने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर को शाम 5:00 बजे तक निर्धारित किया गया है. वहीं, 21 अक्टूबर को इसकी तकनीकी बिड खोली जाएगी.
दरअसल बालू खनन नहीं होने से कहीं न कहीं राज्य सरकार को भी राजस्व नहीं मिल रहा है. खान एवं भूतत्व विभाग के सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार राज खन्ना निगम लिमिटेड ने पटना, सारण, भोजपुर, औरंगाबाद रोहतास, गया, जमुई और लखीसराय के बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए टेंडर निकाला है.
स्टैंडर्ड के तहत एक एजेंसी को अधिकतम दो बालू घाट या 200 हेक्टेयर में जो काम होगा वही मिलेगा. वहीं, 1 अक्टूबर से बिहार के नवादा, अरवल, बांका, बेतिया, मधेपुरा, किशनगंज, वैशाली और बक्सर में बालू खनन की शुरुआत हो चुकी है. जहां स्थानीय लोगों को अब उचित मूल्यों पर बालू मुहैया करायी जा रही है.