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Darbhanga AIIMS पर सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार को घेरा, कहा- 'जमीन माफिया से CM की सांठगांठ.. इसलिए निर्माण में देरी'

पटना में एम्स की स्थापना के बाद लंबे समय से दरभंगा में एम्स निर्माण की मांग उठ रही थी. केंद्र की सरकार ने 2015-16 में एम्स निर्माण को लेकर स्वीकृति दी थी लेकिन एक दशक बीतने को हैं, इसके बावजूद अभी तक जमीन को लेकर भी तस्वीर साफ नहीं पाई है. इन दिनों केंद्र और राज्य सरकार के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है.

दरभंगा एम्स को लेकर बीजेपी ने नीतीश कुमार को घेरा
दरभंगा एम्स को लेकर बीजेपी ने नीतीश कुमार को घेरा
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Published : Aug 14, 2023, 10:55 PM IST

देखें रिपोर्ट

पटना: पिछले कुछ दिनों से दरभंगा एम्स को लेकर बिहार में सियासत गरमा गई है. 2015-16 में दरभंगा में एम्स निर्माण को लेकर केंद्र की सरकार ने स्वीकृति दी थी लेकिन जमीन को लेकर मामला अब तक अधर में लटका है. एम्स निर्माण के लिए तीन बार साइट का चयन हुआ लेकिन फिर भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. बिहार सरकार ने 80 एकड़ जमीन उपलब्ध करवाई थी, जिस पर निर्माण के नाम पर 35 करोड़ रुपये खर्च भी हो गए.

ये भी पढ़ें: Darbhanga AIIMS पर नीतीश कुमार की दो टूक, 'जहां जमीन दिया है, वहीं बनाना पड़ेगा नहीं तो..'

दरभंगा एम्स की जमीन को लेकर सहमति नहीं: इसी बीच सरकार बदल गई और स्वास्थ्य विभाग तेजस्वी यादव के हाथ में चला गया. लालू परिवार के करीबी भोला यादव ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि अशोक पेपर मिल की जमीन पर दरभंगा एम्स का निर्माण होगा. अशोक पेपर मिल की जमीन को लेकर अंतिम सहमति नहीं बन पाई.

जमीन को लेकर केंद्र और राज्य में तकरार: नीतीश कुमार के करीबी और बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा बाईपास इलाके में शोभन के पास एम्स निर्माण करना चाहते थे और बिहार सरकार ने वहीं जमीन आवंटित करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा. जल जमाव इलाका होने के चलते केंद्र की ओर से आपत्ति जाहिर की गई. बिहार सरकार ने 151 एकड़ जमीन शोभन के पास एम्स निर्माण के लिए आवंटित कर दिया है. 250 करोड़ रुपये की लागत से मिट्टी भराई भी की जानी है.

नीतीश कुमार की केंद्र को दो टूक: एम्स निर्माण कार्य को लेकर बिहार सरकार अपने प्रस्ताव पर कायम है. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो टूक लहजे में कहा है कि हम लोगों ने जो जमीन आवंटित की है, वह हर दृष्टिकोण से अच्छा है और वहां एम्स बनने से पूरा इलाका विकसित होगा. हम चाहते हैं कि वहीं पर एम्स का निर्माण हो.

बीजेपी ने मिट्टी घोटाले की आशंका जताई: उधर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी का कहना है कि सरकार एम्स का निर्माण होने देना नहीं चाहती है. राज्य सरकार बार-बार अड़ंगा लगा रही है. मिट्टी भराई के नाम पर करोड़ों का वारा-न्यारा करने की तैयारी है. वास्तव में सरकार की मंशा दरभंगा एम्स निर्माण की नहीं है. नीतीश कुमार सिर्फ राजनीति कर रहे हैं.

"नीतीश कुमार ने पिछले 18 साल से बिहार को धोखा है. दरभंगा एम्स को लेकर वह झूठ बोल रहे हैं. मिट्टी भराई के नाम पर बिहार में नया घोटाला हो रहा है. जमीन माफिया से मुख्यमंत्री की सांठगांठ है, प्रधानमंत्री ने तो इसको लेकर पैसे भी अलॉट कर दिए हैं. डायरेक्टर भी बहाल कर दिया लेकिन स्वास्थ्य मंत्री का पता ही नहीं"- सम्राट चौधरी, अध्यक्ष, बिहार बीजेपी

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पटना: पिछले कुछ दिनों से दरभंगा एम्स को लेकर बिहार में सियासत गरमा गई है. 2015-16 में दरभंगा में एम्स निर्माण को लेकर केंद्र की सरकार ने स्वीकृति दी थी लेकिन जमीन को लेकर मामला अब तक अधर में लटका है. एम्स निर्माण के लिए तीन बार साइट का चयन हुआ लेकिन फिर भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. बिहार सरकार ने 80 एकड़ जमीन उपलब्ध करवाई थी, जिस पर निर्माण के नाम पर 35 करोड़ रुपये खर्च भी हो गए.

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दरभंगा एम्स की जमीन को लेकर सहमति नहीं: इसी बीच सरकार बदल गई और स्वास्थ्य विभाग तेजस्वी यादव के हाथ में चला गया. लालू परिवार के करीबी भोला यादव ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि अशोक पेपर मिल की जमीन पर दरभंगा एम्स का निर्माण होगा. अशोक पेपर मिल की जमीन को लेकर अंतिम सहमति नहीं बन पाई.

जमीन को लेकर केंद्र और राज्य में तकरार: नीतीश कुमार के करीबी और बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा बाईपास इलाके में शोभन के पास एम्स निर्माण करना चाहते थे और बिहार सरकार ने वहीं जमीन आवंटित करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा. जल जमाव इलाका होने के चलते केंद्र की ओर से आपत्ति जाहिर की गई. बिहार सरकार ने 151 एकड़ जमीन शोभन के पास एम्स निर्माण के लिए आवंटित कर दिया है. 250 करोड़ रुपये की लागत से मिट्टी भराई भी की जानी है.

नीतीश कुमार की केंद्र को दो टूक: एम्स निर्माण कार्य को लेकर बिहार सरकार अपने प्रस्ताव पर कायम है. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो टूक लहजे में कहा है कि हम लोगों ने जो जमीन आवंटित की है, वह हर दृष्टिकोण से अच्छा है और वहां एम्स बनने से पूरा इलाका विकसित होगा. हम चाहते हैं कि वहीं पर एम्स का निर्माण हो.

बीजेपी ने मिट्टी घोटाले की आशंका जताई: उधर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी का कहना है कि सरकार एम्स का निर्माण होने देना नहीं चाहती है. राज्य सरकार बार-बार अड़ंगा लगा रही है. मिट्टी भराई के नाम पर करोड़ों का वारा-न्यारा करने की तैयारी है. वास्तव में सरकार की मंशा दरभंगा एम्स निर्माण की नहीं है. नीतीश कुमार सिर्फ राजनीति कर रहे हैं.

"नीतीश कुमार ने पिछले 18 साल से बिहार को धोखा है. दरभंगा एम्स को लेकर वह झूठ बोल रहे हैं. मिट्टी भराई के नाम पर बिहार में नया घोटाला हो रहा है. जमीन माफिया से मुख्यमंत्री की सांठगांठ है, प्रधानमंत्री ने तो इसको लेकर पैसे भी अलॉट कर दिए हैं. डायरेक्टर भी बहाल कर दिया लेकिन स्वास्थ्य मंत्री का पता ही नहीं"- सम्राट चौधरी, अध्यक्ष, बिहार बीजेपी

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